देहरादून: नैनीताल हाई कोर्ट ने कौलागढ़ स्थित महारत्न कंपनी ओएनजीसी की महिला पॉलिटेक्निक संस्थान को बंद न करने आदेश दिया है. जिसके बाद संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों और प्रशिक्षणार्थियों को बड़ी राहत मिली है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में ओएनजीसी, राज्य सरकार और17 अन्य लोगों को नोटिस जारी कर तीन हफ्तें में जवाब पेश करने को कहा है.
दरअसल, बीते लंबे समय से ओएनजीसी प्रबंधन की उदासीनता के चलते यह पॉलिटेक्निक बंद होने की कगार पर था. जिससे यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों और कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य पर संकट पैदा हो गया था. जिसके बाद कर्मचारियों ने इस मामले में हाई कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए महिला पॉलिटेक्निक को बंद नहीं करने को कहा है.
भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने बताया कि महिला पॉलिटेक्निक बीते 32 वर्ष पूर्व महारत्न कंपनी ओएनजीसी द्वारा स्थापित किया गया था. जहां पर हजारों युवतियों समेत महिलाओं को फैशन डिजाइनिंग समेत अन्य चार कोर्सेज में प्रशिक्षण देकर बेहतर भविष्य प्रदान किया जा रहा था. साथ ही यहां से पास आउट हुई युवतियां देश ही नहीं विदेशों में भी कार्यरत हैं.
जुगरान के कहा कि ओएनजीसी के कुछ लोगों के स्वार्थ और भ्रष्टाचार के चलते तथा राज्य सरकार की उदासीनता के कारण यह संस्थान बंद होने की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन ओएनजीसी पॉलिटेक्निक की फेकल्टी, वहां कार्यरत कर्मचारियों और विभिन्न संगठनों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए और सभी ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा.
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जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन समेत महारत्न कंपनी ओएनजीसी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये हैं. वहीं, इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ओएनजीसी, राज्य सरकार सहित संस्थान को बंद करने पर तुले 17 अन्य लोगों को नोटिस जारी करके 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. जिसके बाद बीते 32 सालों से ओएनजीसी के अधीन चल रहे महिला पॉलिटेक्निक में कार्यरत कर्मचारियों और फेकल्टी ने राहत की सांस ली है.