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चार दिन पहले मोदी ने बदरीनाथ में तोड़े सारे मिथक, पांचवें दिन मिला जीत का बंपर आशीर्वाद - देहरादून न्यूज

पीएम मोदी ने बदरीनाथ से जुड़े सभी मिथकों को तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि यहां जो भी राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम जाता है उससे सत्ता रुठ जाती है.

मोदी ने बदरीनाथ में तोड़े सारे मिथक
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Published : May 23, 2019, 10:39 PM IST

Updated : May 23, 2019, 11:03 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत हुई है. पार्टी को 2014 से बड़ी जीत मिली है. उत्तराखंड ने वर्ष 2014 के प्रदर्शन को दोहराते हुए सभी सीटों पर एक तरफा जीत हासिल की है. उत्तराखंड फिर से भगवा रंग में रंग गया है. सूबे की सियायत में वैसे तो नेताओं से कई मिथक जुड़े हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम से एक ऐसा मिथक था जिसे इस बार पीएम मोदी ने तोड़ दिया.

इससे पहले यहां के मिथक को तोड़ने का साहस राजनेताओं में नहीं दिखता था. बताया जा रहा है कि यहां जो भी राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम जाता है उससे सत्ता रुठ जाती है. अनेक राजनेताओं को सत्ता गंवानी पड़ी. यही कारण है कि आज भी राजनेता सड़क मार्ग से ही बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं.

लेकिन पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे बाबा की विधि विधान से पूजा अर्चना की. कुदरत का करिश्मा देखिए मोदी का राजपाट जाने के बजाए और मजबूती से लुटियन जोन में उभरकर सामने आए. मोदी ने सभी धारणाओं को गलत साबित करते हुए सत्ता में भारी बहुमत से वापसी की.

यूं तो उत्तराखंड में चार धामों से जुड़े कई मिथक हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम का हेलीकॉप्टर कनेक्शन राजनेताओं की कुंडली में राहु दोष से कम नहीं है, क्योंकि जो भी राजनेता बदरीनाथ धाम हेलीकॉप्टर से पहुंचा है, उसे सत्ता गंवानी पड़ी है. सत्ता खोने में सबसे पहला नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिया जाता है.

कहा जाता है कि इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ आईं थी. जिसके बाद उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा. इंदिरा गांधी इकलौती ऐसी नेता नहीं है जिनके कारण इस मिथक को बल मिला है. इस सूची में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी समेत वीर बहादुर सिंह, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल है.

यह भी पढ़ेंः करारी शिकस्त से बौखलाई कांग्रेस, मोदी पर लगाया EC से प्लानिंग करने का आरोप

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों इसी मिथक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया था और वह सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम पहुंचे. हालांकि, अनेक राजनेता इस अंधविश्वास के चलते बदरीनाथ धाम की यात्रा पर सड़क मार्ग से ही करना पसंद करते हैं.

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला की मानें तो यह मिथक है और मिथक कल्पना पर ही आधारित होते हैं. वहीं, केदारनाथ से विधायक मनोज रावत भी मानते हैं कि यह महज एक मिथक के सिवा कुछ नहीं है. लेकिन फिर भी बदरीनाथ के ऊपर हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए.

बहरहाल, राजनेताओं से जुड़े मिथक केवल उत्तराखंड में ही देखने को नहीं मिलते. यूपी में नोएडा से भी एक ऐसा ही मिथक जुड़ा है. कहा जाता है कि जिसने भी यूपी का सीएम रहते नोएडा में कदम रखा है. वह सत्ता से बेदखल हो गया.

देहरादून: लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत हुई है. पार्टी को 2014 से बड़ी जीत मिली है. उत्तराखंड ने वर्ष 2014 के प्रदर्शन को दोहराते हुए सभी सीटों पर एक तरफा जीत हासिल की है. उत्तराखंड फिर से भगवा रंग में रंग गया है. सूबे की सियायत में वैसे तो नेताओं से कई मिथक जुड़े हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम से एक ऐसा मिथक था जिसे इस बार पीएम मोदी ने तोड़ दिया.

इससे पहले यहां के मिथक को तोड़ने का साहस राजनेताओं में नहीं दिखता था. बताया जा रहा है कि यहां जो भी राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम जाता है उससे सत्ता रुठ जाती है. अनेक राजनेताओं को सत्ता गंवानी पड़ी. यही कारण है कि आज भी राजनेता सड़क मार्ग से ही बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं.

लेकिन पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे बाबा की विधि विधान से पूजा अर्चना की. कुदरत का करिश्मा देखिए मोदी का राजपाट जाने के बजाए और मजबूती से लुटियन जोन में उभरकर सामने आए. मोदी ने सभी धारणाओं को गलत साबित करते हुए सत्ता में भारी बहुमत से वापसी की.

यूं तो उत्तराखंड में चार धामों से जुड़े कई मिथक हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम का हेलीकॉप्टर कनेक्शन राजनेताओं की कुंडली में राहु दोष से कम नहीं है, क्योंकि जो भी राजनेता बदरीनाथ धाम हेलीकॉप्टर से पहुंचा है, उसे सत्ता गंवानी पड़ी है. सत्ता खोने में सबसे पहला नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिया जाता है.

कहा जाता है कि इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ आईं थी. जिसके बाद उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा. इंदिरा गांधी इकलौती ऐसी नेता नहीं है जिनके कारण इस मिथक को बल मिला है. इस सूची में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी समेत वीर बहादुर सिंह, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल है.

यह भी पढ़ेंः करारी शिकस्त से बौखलाई कांग्रेस, मोदी पर लगाया EC से प्लानिंग करने का आरोप

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों इसी मिथक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया था और वह सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम पहुंचे. हालांकि, अनेक राजनेता इस अंधविश्वास के चलते बदरीनाथ धाम की यात्रा पर सड़क मार्ग से ही करना पसंद करते हैं.

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला की मानें तो यह मिथक है और मिथक कल्पना पर ही आधारित होते हैं. वहीं, केदारनाथ से विधायक मनोज रावत भी मानते हैं कि यह महज एक मिथक के सिवा कुछ नहीं है. लेकिन फिर भी बदरीनाथ के ऊपर हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए.

बहरहाल, राजनेताओं से जुड़े मिथक केवल उत्तराखंड में ही देखने को नहीं मिलते. यूपी में नोएडा से भी एक ऐसा ही मिथक जुड़ा है. कहा जाता है कि जिसने भी यूपी का सीएम रहते नोएडा में कदम रखा है. वह सत्ता से बेदखल हो गया.

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देहरादून: लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत हुई है. पार्टी को 2014 से बड़ी जीत मिली है. उत्तराखंड ने वर्ष 2014 के प्रदर्शन को दोहराते हुए सभी सीटों पर एक तरफा जीत हासिल की है. उत्तराखंड फिर से भगवा रंग में रंग गया है. सूबे की सियायत में वैसे तो नेताओं से कई मिथक जुड़े हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम से एक ऐसा मिथक था जिसे इस बार पीएम मोदी ने तोड़ दिया.

इससे पहले यहां के मिथक को तोड़ने का साहस राजनेताओं में नहीं दिखता था. बताया जा रहा है कि यहां जो भी राजनेता हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ धाम जाता है उससे सत्ता रुठ जाती है. अनेक राजनेताओं को सत्ता गंवानी पड़ी.  यही कारण है कि आज भी राजनेता सड़क मार्ग से ही बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं.

लेकिन पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे बाबा की विधि विधान से पूजा अर्चना की. कुदरत का करिश्मा देखिए मोदी का राजपाट जाने के बजाए और मजबूती से लुटियन जोन में उभरकर सामने आए. मोदी ने सभी धारणाओं को गलत साबित करते हुए सत्ता में भारी बहुमत से वापसी की.

यूं तो उत्तराखंड में चार धामों से जुड़े कई मिथक हैं, लेकिन बदरीनाथ धाम का हेलीकॉप्टर कनेक्शन राजनेताओं की कुंडली में राहु दोष से कम नहीं है, क्योंकि जो भी राजनेता बदरीनाथ धाम हेलीकॉप्टर से पहुंचा है, उसे सत्ता गंवानी पड़ी है. सत्ता खोने में सबसे पहला नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिया जाता है.

कहा जाता है कि इंदिरा गांधी हेलीकॉप्टर से बदरीनाथ आईं थी. जिसके बाद उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा. इंदिरा गांधी इकलौती ऐसी नेता नहीं है जिनके कारण इस मिथक को बल मिला है. इस सूची में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी समेत वीर बहादुर सिंह, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल है.

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों इसी मिथक को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में फेरबदल किया गया था और वह सड़क मार्ग से बदरीनाथ धाम पहुंचे. हालांकि, अनेक राजनेता इस अंधविश्वास के चलते बदरीनाथ धाम की यात्रा पर सड़क मार्ग से ही करना पसंद करते हैं.

 बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला की मानें तो यह मिथक है और मिथक कल्पना पर ही आधारित होते हैं. वहीं, केदारनाथ से विधायक मनोज रावत भी मानते हैं कि यह महज एक मिथक के सिवा कुछ नहीं है. लेकिन फिर भी बदरीनाथ के ऊपर हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए.बहरहाल, राजनेताओं से जुड़े मिथक केवल उत्तराखंड में ही देखने को नहीं मिलते. यूपी में नोएडा से भी एक ऐसा ही मिथक जुड़ा है. कहा जाता है कि जिसने भी यूपी का सीएम रहते नोएडा में कदम रखा है. वह सत्ता से बेदखल हो गया.




Conclusion:
Last Updated : May 23, 2019, 11:03 PM IST
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