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मीलों पैदल सफर और लाखों खर्च कर 14 वोटर्स के लिए बना बूथ, वोट पड़े सिर्फ 6

इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान के लिए कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. वहीं बात अगर एक पोलिंग बूथ की व्यवस्थाओं की करें तो एक बूथ पर तमाम व्यवस्थाएं की जाती हैं

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Published : Apr 15, 2019, 8:38 PM IST

Updated : Apr 16, 2019, 11:50 AM IST

चुनाव आयोग ने खर्च किये लाखों मिले केवल 6 वोट

देहरादून: 11 अप्रैल को प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया गया. जिसके बाद 23 मई तक के लिए उम्मीदवारों की किस्मत पेटियों में कैद हो गई है. वहीं इस बार प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मतदान के लिए निर्वाचन आयोग को ऐसे दो बूथ बनाने पड़े थे, जहां केवल 14-14 मतदाता ही थे. 11 अप्रैल को हुए मतदान में इन दो बूथों में से एक बूथ पर तो केवल 6 ही लोगों ने मतदान किया. वहीं बात अगर दूसरे बूथ की करें तो यहां केवल 11 लोगों ने मतदान किया. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर निर्वाचन आयोग एक बूथ के निर्माण पर कितना खर्च करता है.

एक बूथ पर क्या-क्या व्यवस्थाएं की जाती हैं
इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान के लिए कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. वहीं बात अगर एक पोलिंग बूथ की व्यवस्थाओं की करें तो एक बूथ पर तमाम व्यवस्थाएं की जाती हैं. जिनमें पीठासीन अधिकारी के साथ चार से पांच सहायक अधिकारी और सुरक्षा जवान शामिल होते हैं. इसके साथ ही बूथ पर बिजली, इंटरनेट, पानी, खाना, चुनाव सामग्री, अधिकारियों की सैलरी, ईवीएम-वीवीपैट खर्चा, ट्रांसपोर्टेशन के साथ ही सीसीटीवी कैमरे आदि के तमाम खर्चे आते हैं. अगर इन सभी खर्चों को जोड़ लिया जाए तो एक बूथ पर तकरीबन एक लाख तक का खर्च आ जाता है.


प्रदेश में सबसे कम मतदाताओं वाले बूथों की बात करें तो पौड़ी जिले के दो बूथ ऐसे हैं जहां सिर्फ 14-14 मतदाता ही थे. जिनमें यमकेश्वर विधानसभा में बने लालढांग बूथ पर 14 मतदाताओं में से सिर्फ 6 मतदाताओं ने ही मतदान किया. अगर ऐसे में बूथ पर होने वाले खर्चे को जोड़ा जाए तो इस बूथ पर एक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने अंदाजन 16 से 17 हजार रुपए का खर्च किया.
वहीं दूसरे सबसे कम मतदाता वाले बूथ की बात करें तो कोटद्वार विधानसभा में बने ढिकाला बूथ पर कुल 14 मतदाताओं में से सिर्फ 11 मतदाताओं ने ही मतदान किया. अगर ऐसे में इस बूथ पर किये गये खर्चे की बात करें तो इसके लिए निर्वाचन आयोग ने एक मतदाता के लिए 9 हजार रुपए खर्च किये.


हालांकि ये दोनों बूथ प्रदेश के सबसे कम मतदाताओं वाले बूथ थे. जहां एक मत के लिए निर्वाचन आयोग को हजारों रुपए खर्च करने पड़े.

देहरादून: 11 अप्रैल को प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया गया. जिसके बाद 23 मई तक के लिए उम्मीदवारों की किस्मत पेटियों में कैद हो गई है. वहीं इस बार प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मतदान के लिए निर्वाचन आयोग को ऐसे दो बूथ बनाने पड़े थे, जहां केवल 14-14 मतदाता ही थे. 11 अप्रैल को हुए मतदान में इन दो बूथों में से एक बूथ पर तो केवल 6 ही लोगों ने मतदान किया. वहीं बात अगर दूसरे बूथ की करें तो यहां केवल 11 लोगों ने मतदान किया. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर निर्वाचन आयोग एक बूथ के निर्माण पर कितना खर्च करता है.

एक बूथ पर क्या-क्या व्यवस्थाएं की जाती हैं
इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान के लिए कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. वहीं बात अगर एक पोलिंग बूथ की व्यवस्थाओं की करें तो एक बूथ पर तमाम व्यवस्थाएं की जाती हैं. जिनमें पीठासीन अधिकारी के साथ चार से पांच सहायक अधिकारी और सुरक्षा जवान शामिल होते हैं. इसके साथ ही बूथ पर बिजली, इंटरनेट, पानी, खाना, चुनाव सामग्री, अधिकारियों की सैलरी, ईवीएम-वीवीपैट खर्चा, ट्रांसपोर्टेशन के साथ ही सीसीटीवी कैमरे आदि के तमाम खर्चे आते हैं. अगर इन सभी खर्चों को जोड़ लिया जाए तो एक बूथ पर तकरीबन एक लाख तक का खर्च आ जाता है.


प्रदेश में सबसे कम मतदाताओं वाले बूथों की बात करें तो पौड़ी जिले के दो बूथ ऐसे हैं जहां सिर्फ 14-14 मतदाता ही थे. जिनमें यमकेश्वर विधानसभा में बने लालढांग बूथ पर 14 मतदाताओं में से सिर्फ 6 मतदाताओं ने ही मतदान किया. अगर ऐसे में बूथ पर होने वाले खर्चे को जोड़ा जाए तो इस बूथ पर एक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने अंदाजन 16 से 17 हजार रुपए का खर्च किया.
वहीं दूसरे सबसे कम मतदाता वाले बूथ की बात करें तो कोटद्वार विधानसभा में बने ढिकाला बूथ पर कुल 14 मतदाताओं में से सिर्फ 11 मतदाताओं ने ही मतदान किया. अगर ऐसे में इस बूथ पर किये गये खर्चे की बात करें तो इसके लिए निर्वाचन आयोग ने एक मतदाता के लिए 9 हजार रुपए खर्च किये.


हालांकि ये दोनों बूथ प्रदेश के सबसे कम मतदाताओं वाले बूथ थे. जहां एक मत के लिए निर्वाचन आयोग को हजारों रुपए खर्च करने पड़े.

Intro:लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है तो वहीं उत्तराखंड में भी पहले चरण यानी 11 अप्रैल को पांचों सीटों पर मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ हालांकि अगर उत्तराखंड के बूथों की बात करें तो उत्तराखंड में दो बूथ ऐसे भी बनाने पड़े थे जहां मात्र 14 मतदाता ही थे। और इन दोनो बूथों में से तो एक बूथ पर सिर्फ 6 मतदाताओं ने ही मतदान किया। तो वहीं दूसरे बूथ पर सिर्फ 11 मतदाताओं ने मतदान किया। ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा हैं की एक बूथ पर निर्वाचन आयोग कितना खर्चा करता है और एक मतदाता के ऊपर निर्वाचन आयोग का कितना खर्च आता है।


Body:एक बूथ पर क्या क्या व्यवस्थाएं की जाती है......

इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान के लिए कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए है। और अगर एक पोलिंग बूथ की व्यवस्थाओं की बात करें तो एक बूथ पर तमाम व्यवस्थाएं की जाती हैं। और एक बूथ पर पीठासीन अधिकारी के साथ चार से पांच सहायक अधिकारी और सुरक्षा जवान शामिल होते हैं। इसके साथ ही उस बूथ पर बिजली, इंटरनेट, पानी, खाना, चुनाव सामग्री, अधिकारियों की सैलरी, ईवीएम-वीवीपैट खर्चा, ट्रांसपोटेशन, इसके साथ ही सीसीटीवी खर्च आदि तमाम खर्चे आते है। और अगर इन खर्चो को जोड़ लिया जाए तो एक बूथ पर अंदाजन एक लाख तक का खर्चा आता है।


उत्तराखंड के सबसे कम मतदाताओं वाले बूथों की बात करें तो उत्तराखंड के जिला पौड़ी में दो बूथ ऐसे हैं जहां सिर्फ 14 मतदाता ही है। और जिला पौड़ी के यमकेश्वर विधानसभा में बने लालढांग बूथ पर कुल 14 मतदाताओ में से सिर्फ 6 मतदाताओ ने ही मतदान किया। अगर ऐसे में खर्चे को जोड़ा जाए तो इस बूथ पर एक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग का अंदाजन 16 से 17 हज़ार का खर्चा आया है।

वहीं उत्तराखंड के दूसरे सबसे कम मात्रा वाले भूत की बात करें तो उत्तराखंड के जिला पौड़ी के कोटद्वार विधानसभा में बने ढिकाला बूथ पर कुल 14 मतदाताओं में से सिर्फ 11 मतदाताओं ने मतदान किया। अगर ऐसे में खर्चे को जोड़ा जाए तो इस बूथ पर एक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग का अंदाजन 9 हज़ार का खर्च आया है।

हालांकि ये दोनों बूथ, प्रदेश के सबसे कम मतदाताओं वाले बूथ थे, जहां एक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग का अंदाजन हजारों रुपए खर्च आया है। ऐसे में अगर प्रदेश के बाकी बूथों की बात करें तो जिन बूथों पर करीब 1400 मतदाता हैं। उन बूथों पर एक मतदान के लिए निर्वाचन आयोग का अंदाजन 70 रुपये खर्च आया है।


Conclusion:
Last Updated : Apr 16, 2019, 11:50 AM IST
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