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बिंदाल नदी में उतरकर 'सरकार' करते रहे सफाई, अधिकारियों ने दस्ताने पहनकर की खानापूर्ति

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Published : Jun 5, 2019, 3:58 PM IST

बिंदाल नदी की सफाई का बीड़ा उठाते हुए आज मुख्यमंत्री ने सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर खुद फावड़ा उठाकर प्रदेशवासियों और तमाम विभाग के अधिकारियों को संदेश देने का प्रयास किया. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी उनके साथ कदम से कदम मिलाते हुए नदी में उतरे. लेकिन बात अगर सरकार के अधिकारियों की करें तो उनमें से कोई भी सफाई के लिए नदीं में नहीं उतरा.

बिंदाल नदी में सफाई करते सीएम.

देहरादून: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बिंदाल नदी में गंदगी साफ करने के लिए उतरे. वहीं उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने महज औपचारिकताएं ही निभाई. दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य जब नदी में गंदगी साफ करने के लिए उतरे तो अधिकारियों ने उनके साथ नदी में उतरने के बजाय नदी के किनारे पर सफाई के नाम पर औपचारिकता ही पूरी की. जिसके बाद कहीं न कहीं अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमि है.

बिंदाल नदी में सफाई करते सीएम.

बिंदाल नदी की सफाई का बीड़ा उठाते हुए आज मुख्यमंत्री ने सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर खुद फावड़ा उठाकर प्रदेशवासियों और तमाम विभाग के अधिकारियों को संदेश देने का प्रयास किया.इस दौरान समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी उनके साथ कदम से कदम मिलाते हुए नदी में उतरे. लेकिन बात अगर सरकार के अधिकारियों की करें तो उनमें से कोई भी सफाई के लिए नदीं में नहीं उतरा. बल्कि ये सभी नदी किनारे महज खानापूर्ति नजर आये. हालांकि इनमें से कुछ अधिकारी हाथ में दस्ताने पहनकर कुछ औपचारिकताएं पूरी करते जरूर नजर आये. बता दें कि इस मौके पर गढ़वाल कमिश्नर, आयुक्त नगर निगम, वीसी एमडीडीए और जिलाधिकारी समेत एसएसपी भी मौजूद थे.

पढ़ें-ईद को लेकर पुलिस अलर्ट, नमाज के दौरान रूट रहेगा डायवर्ट

यह हाल तब था जब मौके पर गढ़वाल कमिश्नर, आयुक्त नगर निगम, वीसी एमडीडीए और जिलाधिकारी समेत एसएसपी भी मौजूद थे. इन सबमें सबसे सुखद बात ये रही कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, समाज करण मंत्री समेत मेयर सुनीला गामा ने बेहद गंदगी वाली जगह पर सफाई करते हुए प्रदेशवासियों को एक बड़ा संदेश देने की कोशश की.

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सफाई का काम पूरा होने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी पर्यावरण की सुरक्षा और सफाई व्यवस्था को लेकर अपनी भूमिका भी तय करेंगे.बता दें कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने करीब आधा घंटे सफाई कार्यक्रम चलाया. जिसके बाद वे कार्यक्रम स्थल से रवाना हो गए. मुख्यमंत्री के यहां से रवाना होते ही 10 मिनट के अंदर सभी संस्थाएं और संबंधित अधिकारी भी सफाई अभियान की जगह से छू मंतर हो गये.

पढ़ें-Etv भारत के कैमरे के सामने फूटा लोगों का दर्द, कहा- नगर निगम ने कर दिया जीना मुहाल

विश्व पर्यावरण दिवस पर हर साल कार्यक्रम चलाए जाते हैं. तमाम जगहों पर सफाई अभियान के जरिए पर्यावरण को साफ रखने का संदेश भी दिया जाता है. लेकिन अक्सर अधिकारियों की औपचारिकताएं इस संदेश पर पलीता लगा देती हैं. अधिकारियों की ऐसी ही हिला-हवाली ऐसे अभियानों के फेल हो जाने की वजह बन जाती है.

देहरादून: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बिंदाल नदी में गंदगी साफ करने के लिए उतरे. वहीं उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने महज औपचारिकताएं ही निभाई. दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य जब नदी में गंदगी साफ करने के लिए उतरे तो अधिकारियों ने उनके साथ नदी में उतरने के बजाय नदी के किनारे पर सफाई के नाम पर औपचारिकता ही पूरी की. जिसके बाद कहीं न कहीं अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमि है.

बिंदाल नदी में सफाई करते सीएम.

बिंदाल नदी की सफाई का बीड़ा उठाते हुए आज मुख्यमंत्री ने सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर खुद फावड़ा उठाकर प्रदेशवासियों और तमाम विभाग के अधिकारियों को संदेश देने का प्रयास किया.इस दौरान समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी उनके साथ कदम से कदम मिलाते हुए नदी में उतरे. लेकिन बात अगर सरकार के अधिकारियों की करें तो उनमें से कोई भी सफाई के लिए नदीं में नहीं उतरा. बल्कि ये सभी नदी किनारे महज खानापूर्ति नजर आये. हालांकि इनमें से कुछ अधिकारी हाथ में दस्ताने पहनकर कुछ औपचारिकताएं पूरी करते जरूर नजर आये. बता दें कि इस मौके पर गढ़वाल कमिश्नर, आयुक्त नगर निगम, वीसी एमडीडीए और जिलाधिकारी समेत एसएसपी भी मौजूद थे.

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यह हाल तब था जब मौके पर गढ़वाल कमिश्नर, आयुक्त नगर निगम, वीसी एमडीडीए और जिलाधिकारी समेत एसएसपी भी मौजूद थे. इन सबमें सबसे सुखद बात ये रही कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, समाज करण मंत्री समेत मेयर सुनीला गामा ने बेहद गंदगी वाली जगह पर सफाई करते हुए प्रदेशवासियों को एक बड़ा संदेश देने की कोशश की.

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सफाई का काम पूरा होने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी पर्यावरण की सुरक्षा और सफाई व्यवस्था को लेकर अपनी भूमिका भी तय करेंगे.बता दें कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने करीब आधा घंटे सफाई कार्यक्रम चलाया. जिसके बाद वे कार्यक्रम स्थल से रवाना हो गए. मुख्यमंत्री के यहां से रवाना होते ही 10 मिनट के अंदर सभी संस्थाएं और संबंधित अधिकारी भी सफाई अभियान की जगह से छू मंतर हो गये.

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विश्व पर्यावरण दिवस पर हर साल कार्यक्रम चलाए जाते हैं. तमाम जगहों पर सफाई अभियान के जरिए पर्यावरण को साफ रखने का संदेश भी दिया जाता है. लेकिन अक्सर अधिकारियों की औपचारिकताएं इस संदेश पर पलीता लगा देती हैं. अधिकारियों की ऐसी ही हिला-हवाली ऐसे अभियानों के फेल हो जाने की वजह बन जाती है.

Intro:विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बिंदाल नदी की गंदगी साफ करने के लिए उतरे..तो अधिकारियों ने मौके पर महज औपचारिकताएं ही निभाई। दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य जब नदी में गंदगी साफ करने के लिए उतरे तो अधिकारियों ने उनके साथ नदी में उतरने के बजाय नदी के किनारे पर सफाई के नाम पर औपचारिकता ही पूरी की।


Body:देहरादून की बिंदाल नदी की सफाई का बीड़ा उठाते हुए आज मुख्यमंत्री नैन सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस पर इसकी सफाई करने के लिए खुद फावड़ा चलाकर प्रदेशवासियों और तमाम विभाग के अधिकारियों को संदेश दिया। इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी नदी में उतरकर गंदगी को साफ किया। चौंकाने वाली बात यह है कि मौके पर गढ़वाल कमिश्नर, आयुक्त नगर निगम, वीसी एमडीडीए और जिलाधिकारी समेत एसएसपी भी मौजूद थे लेकिन कोई भी अधिकारी मुख्यमंत्री और समाज करण मंत्री के साथ सफाई करता हुआ नहीं दिखाई दिया। हालांकि इनमें से कुछ अधिकारियों ने हाथ में गिलास पहनकर नदी के किनारे पर कुछ औपचारिकताएं जरूर पूरी की लेकिन बेहद गंदगी वाली जगह पर जाने कि इन अधिकारियों ने जहमत तक नहीं उठाई। यह हाल तब था जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और खुद समाज करण मंत्री समेत मेयर सुनीलाल गावा भी उस जगह पर गए जहां बेहद ज्यादा गंदगी और कूड़े का अंबार मौजूद था। सफाई करने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी पर्यावरण की सुरक्षा और सफाई व्यवस्था को लेकर अपनी भूमिका भी तय करेंगे।

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड

करीब आधा घंटा कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री बन सिंह रावत ने पहले नदी पर सफाई अभियान को चलाया और इसके बाद संदेश देने के बाद कार्यक्रम स्थल से रवाना हो गए चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री के यहां से रवाना होते ही 10 मिनट के अंदर सभी संस्थाएं और संबंधित अधिकारी सफाई अभियान की जगह से रवाना हो गए।


Conclusion:विश्व पर्यावरण दिवस पर हर साल कार्यक्रम चलाए जाते हैं और तमाम जगहों पर सफाई अभियान के जरिए पर्यावरण को साफ करने का संदेश भी दिया जाता है लेकिन अक्सर अधिकारियों की औपचारिकताएं इस संदेश पर पलीता लगा देती हैं शायद अधिकारियों की ऐसी हिला हवाली जी अभियानों के फेल हो जाने की वजह बन जाती है
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