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उत्तराखंड बीजेपी के एक व्यक्ति-एक पद सिद्धांत को लग रहा पलीता, दोहरी भूमिका में हैं कई 'माननीय' - Dehradun News

उत्तराखंड में भाजपा में संगठन में आज भी प्रदेश कार्यकारिणी में ऐसे कई लोग हैं जो सरकार और संगठन में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष ही इस परिपाठी का पालन नहीं कर रहे हैं.

एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत से हटती बीजेपी
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Published : Jun 28, 2019, 7:20 PM IST

देहरादून: एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलने वाली बीजेपी उत्तराखंड में अपने सिद्धांत से भटकती नजर आ रही है. बड़ी बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष ही इस परिपाठी का पालन नहीं कर रहे हैं. पार्टी में दो पदों पर आसीन लोगों की बात करें तो ये लिस्ट काफी लंबी है. लगातार मिलती जीत के बाद बीजेपी का संगठन लगातार बढ़ता जा रहा है. संगठन में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं में पद की अपेक्षा करना लाजमि है लेकिन पार्टी में कई ऐसे गणमान्य हैं जोकि एक साथ कई पदों पर विराजमान हैं. जिस कारण अन्य लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है.

उत्तराखंड में भाजपा में संगठन पर हालांकि दो पदों पर परिवर्तन किया गया है लेकिन आज भी प्रदेश कार्यकारिणी में ऐसे कई लोग हैं जो सरकार और संगठन में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. भाजपा एक व्यक्ति एक पद के सिद्धान्त के नाम पर कई बार सुर्खियां बटोर चुकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जीतने के बाद ये लग रहा था कि शायद अब बीजेपी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को उतनी गंभीरता से न ले, लेकिन गृहमंत्री बनने के तुरंत बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद पर जेपी नड्डा की ताजपोशी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पार्टी के सिद्धान्तों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है.

एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत से हटती बीजेपी

पढ़ें-केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में दिखा दुर्लभ प्रजाति का बाघ, कैमरे में कैद हुईं तस्वीरें

वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड भाजपा कार्यकारिणी में शीर्ष पदों से लेकर नीचे तक कई पदाधिकारी दोहरी भूमिका में हैं. हालांकि हाल ही में प्रदेश संगठन में ऐसे दो लोग जो कि दोहरी भूमिका थे उन्हें एक पद से मुक्त किया गया है. जिसमें प्रदेश महामंत्री के पद पर मौजूद गजराज बिष्ट और नरेश बंसल शामिल हैं.

पढ़ें-बुजुर्ग मां को बेटों ने किया 'अनाथ', भटकते हुए मिला बेटी का साथ

जिसमे सबसे आगे प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम है. अजय भट्ट लोकसभा चुनाव जीतकर संसद चले गए हैं और प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में उनके दिल्ली रहने से प्रदेश में संगठन के काम काज पर असर पड़ सकता है.अजय भट्ट के अलावा ये वे तमाम नाम हैं जो संगठन और सरकार में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं.

उत्तराखंड बीजेपी में ये नेता है सरकार और संगठन की दोहरी भूमिका में

  • अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष संगठन और सांसद
  • केदार जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन और कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष
  • जोति गैरोला, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन और अध्यक्ष जलागम 2 राज्य सरकार
  • पुष्कर धामी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन और विधायक
  • खजान दास, प्रदेश महामंत्री संगठन और विधायक
  • मुन्ना सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता संगठन और विधायक
  • वीरेंद्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता संगठन और अध्यक्ष वन पंचायत राज्य सरकार
  • सुनील उनियाल गामा, प्रदेश मंत्री संगठन और मेयर देहरादून
  • राजेश अंथवाल, प्रदेश मंत्री संगठन और अध्यक्ष, गौ सेवा आयोग राज्य सरकार
  • महेंद्र भट्ट, मंत्री संगठन और विधायक बद्रीनाथ
  • विनोद कंडारी, मंत्री संगठन और विधायक देवप्रयाग

उत्तराखंड में पहले की तुलना में बीजेपी का संगठन बढ़ा है. ऐसे में भाजपा संगठन में दो-दो पदों पर एक व्यक्ति कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर डालता है. बीजेपी के साथ हर दिन लोगों के जुड़ने से कारवां बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सरकार और संगठन से लोगों की उम्मीदें बढ़ना भी लाजमी है. हालांकि सरकार और संगठन हर किसी की ख्वाइश पूरी नहीं कर सकता है लेकिन अगर संगठन और सरकार एक व्यक्ति और एक पद के फार्मूले पर चले तो कम से कम कार्यकर्ताओं में पनपने वाले असंतोष से बचा जा सकता है.

देहरादून: एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलने वाली बीजेपी उत्तराखंड में अपने सिद्धांत से भटकती नजर आ रही है. बड़ी बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष ही इस परिपाठी का पालन नहीं कर रहे हैं. पार्टी में दो पदों पर आसीन लोगों की बात करें तो ये लिस्ट काफी लंबी है. लगातार मिलती जीत के बाद बीजेपी का संगठन लगातार बढ़ता जा रहा है. संगठन में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं में पद की अपेक्षा करना लाजमि है लेकिन पार्टी में कई ऐसे गणमान्य हैं जोकि एक साथ कई पदों पर विराजमान हैं. जिस कारण अन्य लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है.

उत्तराखंड में भाजपा में संगठन पर हालांकि दो पदों पर परिवर्तन किया गया है लेकिन आज भी प्रदेश कार्यकारिणी में ऐसे कई लोग हैं जो सरकार और संगठन में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. भाजपा एक व्यक्ति एक पद के सिद्धान्त के नाम पर कई बार सुर्खियां बटोर चुकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जीतने के बाद ये लग रहा था कि शायद अब बीजेपी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को उतनी गंभीरता से न ले, लेकिन गृहमंत्री बनने के तुरंत बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद पर जेपी नड्डा की ताजपोशी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पार्टी के सिद्धान्तों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है.

एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत से हटती बीजेपी

पढ़ें-केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में दिखा दुर्लभ प्रजाति का बाघ, कैमरे में कैद हुईं तस्वीरें

वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड भाजपा कार्यकारिणी में शीर्ष पदों से लेकर नीचे तक कई पदाधिकारी दोहरी भूमिका में हैं. हालांकि हाल ही में प्रदेश संगठन में ऐसे दो लोग जो कि दोहरी भूमिका थे उन्हें एक पद से मुक्त किया गया है. जिसमें प्रदेश महामंत्री के पद पर मौजूद गजराज बिष्ट और नरेश बंसल शामिल हैं.

पढ़ें-बुजुर्ग मां को बेटों ने किया 'अनाथ', भटकते हुए मिला बेटी का साथ

जिसमे सबसे आगे प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम है. अजय भट्ट लोकसभा चुनाव जीतकर संसद चले गए हैं और प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में उनके दिल्ली रहने से प्रदेश में संगठन के काम काज पर असर पड़ सकता है.अजय भट्ट के अलावा ये वे तमाम नाम हैं जो संगठन और सरकार में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं.

उत्तराखंड बीजेपी में ये नेता है सरकार और संगठन की दोहरी भूमिका में

  • अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष संगठन और सांसद
  • केदार जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन और कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष
  • जोति गैरोला, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन और अध्यक्ष जलागम 2 राज्य सरकार
  • पुष्कर धामी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन और विधायक
  • खजान दास, प्रदेश महामंत्री संगठन और विधायक
  • मुन्ना सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता संगठन और विधायक
  • वीरेंद्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता संगठन और अध्यक्ष वन पंचायत राज्य सरकार
  • सुनील उनियाल गामा, प्रदेश मंत्री संगठन और मेयर देहरादून
  • राजेश अंथवाल, प्रदेश मंत्री संगठन और अध्यक्ष, गौ सेवा आयोग राज्य सरकार
  • महेंद्र भट्ट, मंत्री संगठन और विधायक बद्रीनाथ
  • विनोद कंडारी, मंत्री संगठन और विधायक देवप्रयाग

उत्तराखंड में पहले की तुलना में बीजेपी का संगठन बढ़ा है. ऐसे में भाजपा संगठन में दो-दो पदों पर एक व्यक्ति कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर डालता है. बीजेपी के साथ हर दिन लोगों के जुड़ने से कारवां बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सरकार और संगठन से लोगों की उम्मीदें बढ़ना भी लाजमी है. हालांकि सरकार और संगठन हर किसी की ख्वाइश पूरी नहीं कर सकता है लेकिन अगर संगठन और सरकार एक व्यक्ति और एक पद के फार्मूले पर चले तो कम से कम कार्यकर्ताओं में पनपने वाले असंतोष से बचा जा सकता है.

Intro:Summary- उत्तराखंड में बीजेपी अपने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर नही चल रही है। बड़ी बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष ही इस परिपाठी पर चल रहे है और दो पदों पर लोगों की लंबी लिस्ट है इसके विपरीत संगठन पहले से काफी बड़ा हो चुका है जिसके बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ना लाजमी है।


एंकर- हाल ही में उत्तराखंड भाजपा में किये गए दो बदलाव के बाद भी एक व्यक्ति एक पद की पार्टी लाइन के विपरीत संगठन और सरकार में दोहरी भूमिका में काम कर रहे लोगो की लंबी चौड़ी फेहरिश्त है। प्रदेश अध्यक्ष सहित ऐसे कई पदाधिकारी है जो दो दो पदों पर कार्यरत है।


Body:वीओ- उत्तराखंड में भाजपा में संगठन पर हालांकि दो पदों पर परिवर्तन किया गया है लेकिन आज भी प्रेदेश कार्यकारिणी में ऐसे कई लोग है जो सरकार और संगठन दोहरी भूमिका निभा रहे हैं।भजपा एक व्यक्ति एक पद के सिद्धान्त के नाम पर कई बार सुर्खियां बटोरी है और केंद्र में राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह के लोकसभा में जीतकर आने के बाद ये लग रहा था कि शायद अब बीजेपी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को उतना गंभीर रूप से नही ले रही है लेकिन मंत्री बनने के तुरंत बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद पर जेपी नड्डा की ताजपोशी ने दिख दिया कि एक व्यक्ति एक पद आज भी पार्टी के लिए मैन रखता है। उत्तराखंड में भी संगठन सत्र पर प्रदेश संगठन महामंत्री

लेकिन उत्तराखंड भाजपा कार्यकारिणी में शीर्ष पदों से लेकर नीचे तक कई पदाधिकारी दोहरी भूमिका में हैं। हालांकि हाल ही में प्रदेश संगठन में ऐसे दो लोग जो कि दोहरी भूमिका में सरकार और संगठन दोनो थे उन्हें एक पद से मुक्त किया गया है जिसमें प्रदेश महामंगरी के पद पर मौजूद गजराज बिष्ट और नरेश बंसल जो को सरकार में भी मंडी परिषद और 20 सूत्रीय कार्यक्रम में पदाधिकारी है उन्हें प्रदेश महामंत्री के पद से मुक्त कर दिया गया और उनकी जगह राजू भंडारी और अनिल गोयल को प्रदेश महामंत्री पद से नवाजा गया। लेकिन अभी भी प्रदेश संगठन में ऐसे कई लोग है जो दोहरी भूमिका में है जिसमे सबसे आगे प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम है। अजय भट्ट लोकसभा जीत कर संसद चले गए हैं और प्रदेश में अध्यक्ष भी है ऐसे में उनके दिल्ली रहने से प्रदेश में संगठन के काम काज पर असर निहि पड़ेगा कहा नही जा सकता है। अजय भट्ट के अलावा उत्तराखंड भाजपा में दोहरी भूमिका में संगठन और सरकार में काम कर रहे लोगों की लंबी चौड़ी फेहरिश्त है।

उत्तराखंड बीजेपी में ये नेता है सरकार और संगठन की दोहरी भूमिका में---
--अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष संगठन, सांसद केंद्र सरकार
--केदार जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन, अध्यक्ष कुमाऊं मंडल विकास निगम राज्य सरकार
--जोति गैरोला, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन, अध्यक्ष जलागम 2 राज्य सरकार
- पुष्कर धामी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन, विधायक राज्य सरकार
- खजान दास, प्रदेश महामंत्री संगठन, विधायक राज्य सरकार
- मुन्ना सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता संगठन, विधायक राज्य सरकार
- वीरेंद्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता संगठन, अध्यक्ष वन पंचायत राज्य सरकार
- सुनील उनियाल गामा, प्रदेश मंत्री संगठन, मेयर देहरादून
- राजेश अंथवाल, प्रदेश मंत्री संगठन, अध्यक्ष गौ सेवा आयोग राज्य सरकार
- महेंद्र भट्ट, मंत्री संगठन, विधायक बद्रीनाथ
-विनोद कंडारी, मंत्री संगठन, विधायक देवप्रयाग

उत्तराखंड में पहले की तुलना में कई गुना बड़ा हो चुका भाजपा संगठन में दो-दो पदों पर एक व्यक्ति कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी अच्छा असर नही डालता है। ऐसे में जब भाजपा के साथ लोगों का कारवां बढ़ता जा रहे है तो ऐसे में सरकार और संगठन से लोगों की उम्मीदें बढ़ना भी लाजमी है। हालांकि सरकार और संगठन हर किसी की खवाइश पूरी नही कर सकता है लेकिन अगर संगठन और सरकार एक व्यक्ति और एक पद के फार्मूले पर चलेगा तो कम से कम कार्यकर्ताओं में अशतोष से बचा जा सकता है।

बाइट- वीरेंद्र बिष्ट, प्रवक्ता उत्तराखंड भाजपा


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