देहरादून: मुंबई में हुए फुट ओवर ब्रिज हादसे के बाद एक बार फिर देश में पुराने बने पुलों और फुट ओवर ब्रिजों की पड़ताल शुरू हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, सीएसटी के पास गिरने वाला फुट ओवर ब्रिज कई साल पुराना था. खतरों का सबब बन चुके ऐसे ही एक पुल से आपको आज ईटीवी भारत रूबरू करवाने जा रहा है, जो कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है. उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाले इस पुल का नाम आसन बैराज पुल है.
नहीं रुक रही बड़े भारी वाहनों की आवाजाही
जल विद्युत परियोजनाओं के लिए साल 1967 में बने इस पुल की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि इसके ऊपर भारी वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है. निगम और पुलिस प्रशासन ने पुलों पर भारी वाहनों का आवागमन रोकने के लिए बैरियर लगाने शुरू कर दिए हैं, बावजूद इसके आसन बैराज पर बड़े और भारी वाहनों की आवाजाही नहीं रुक रही है.
देर रात हिमाचल और उत्तराखंड दोनों ही ओर से इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है. वाहन चालक कई बार बैरियर तोड़कर यहां से गुजरते हैं. जर्जर हो चुके पुल की हालत को देखते हुए यूजेवीएनएल के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को भी इस मामले में पत्र वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
विभाग पहले ही प्रशासन को कर चुका है अलर्ट
आसन ब्रिज के खस्ताहाल होने की जानकारी देते हुए यूजेवीएनएल के जन संपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया कि इस मामले में 18 नवंबर 2018 को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है. बावजूद इसके अभी आसन बैराज पर भारी, लोडेड वाहनों की आवाजाही बंद नहीं की जा सकी है.
विमल डबराल ने कहा कि अगर इस बैराज पर इसी तरह से भारी वाहनों की आवाजाही जारी रही तो कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है. उन्होंने बताया कि इस मामले में इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में भी खुलासा हो चुका है कि ये पुल कभी भी ढह सकता है.
खतरों से खाली नहीं पुल पर सफर
जर्जर आसन पुल की हालत को देखते हुए विभाग की एक कमेटी ने भी इसका निरीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि पुल के ऊपर से किसी भी तरह के भारी वाहनों की आवाजाही खतरे से खाली नहीं है. दरअसल, इस पुल के निर्माण को हुए लगभग 50 वर्ष से भी ज्यादा का समय हो चुका है. तकनीकी तौर पर पुल अब भारी वाहनों के आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं है.
यूजेवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि पुलों पर लगातार भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ रही है, इसके अतिरिक्त हिमाचल व उत्तराखंड से खनिज लेकर आने वाले भारी वाहन भी इन्हीं पुलों से होकर गुजर रहे हैं, जो सही नहीं है.