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संसद में गूंजा जामरानी बांध परियोजना मुद्दा, MP अजय भट्ट ने नेशनल प्रोजेक्ट में शामिल करने की रखी मांग

कुमाऊं के भाबर में पेयजल समस्या के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में गूंजा. नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने बांध के मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग की है.

संसद में उठा जामरानी बांध परियोजना का मुद्दा.
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Published : Jul 3, 2019, 10:10 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 11:50 PM IST

देहरादून: कुमाऊं में भाबर की लाइफ लाइन के तौर पर जाने जाने वाले जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में सुनाई दिया. नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने को लेकर सदन में ये मुद्दा उठाया. हालांकि, केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी के बाद परियोजना का रास्ता साफ हो चुका है लेकिन बजट की समस्याओं के चलते आज भी इस परियोजना पर काम नहीं हो पाया है.

संसद में उठा जामरानी बांध परियोजना का मुद्दा.

कुमाऊं के भाबर में पेयजल समस्या के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में गूंजा. नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने बांध के मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग की. दरअसल, जमरानी बांध का मुद्दा साल 1974 से फंसा हुआ है. जानकारी के अनुसार परियोजना को स्वीकृत कराए जाने के दौरान इसकी लागत महज 61.25 करोड़ रुपए थी. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की आपत्तियों और उत्तर प्रदेश से जल बंटवारे को लेकर विवाद के चलते आज तक इस परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है.

पढ़ें-कांवड़ मेले पर बड़ा फैसला, अब कांवड़ियों को यात्रा से पहले थाने में देना होगा पूरा ब्योरा

हालांकि, इसी साल फरवरी में केंद्रीय जल आयोग ने तमाम तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण कर इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है. लेकिन अब बजट की कमी के चलते इस परियोजना पर ग्रहण लगा हुआ है. शायद यही कारण है कि अब नव निर्वाचित सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से इस परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित कर उसका पूरा खर्चा उठाने की मांग की है.

पढ़ें-शादी के दिन से ही पति करता था मारपीट, विरोध करने पर बोला तीन तलाक

बता दें कि जमरानी बांध प्रोजेक्ट 9 किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा होगा. जबकि, इससे 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाएगा. इस बांध के बनने से सबसे ज्यादा फायदा कुमाऊं के भाबर क्षेत्र के लोगों को मिलेगा. इससे यहां दशकों से चली आ रही पेयजल समस्या को खत्म किया जा सकेगा.

देहरादून: कुमाऊं में भाबर की लाइफ लाइन के तौर पर जाने जाने वाले जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में सुनाई दिया. नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने को लेकर सदन में ये मुद्दा उठाया. हालांकि, केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी के बाद परियोजना का रास्ता साफ हो चुका है लेकिन बजट की समस्याओं के चलते आज भी इस परियोजना पर काम नहीं हो पाया है.

संसद में उठा जामरानी बांध परियोजना का मुद्दा.

कुमाऊं के भाबर में पेयजल समस्या के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में गूंजा. नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने बांध के मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग की. दरअसल, जमरानी बांध का मुद्दा साल 1974 से फंसा हुआ है. जानकारी के अनुसार परियोजना को स्वीकृत कराए जाने के दौरान इसकी लागत महज 61.25 करोड़ रुपए थी. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की आपत्तियों और उत्तर प्रदेश से जल बंटवारे को लेकर विवाद के चलते आज तक इस परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है.

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हालांकि, इसी साल फरवरी में केंद्रीय जल आयोग ने तमाम तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण कर इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है. लेकिन अब बजट की कमी के चलते इस परियोजना पर ग्रहण लगा हुआ है. शायद यही कारण है कि अब नव निर्वाचित सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से इस परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित कर उसका पूरा खर्चा उठाने की मांग की है.

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बता दें कि जमरानी बांध प्रोजेक्ट 9 किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा होगा. जबकि, इससे 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाएगा. इस बांध के बनने से सबसे ज्यादा फायदा कुमाऊं के भाबर क्षेत्र के लोगों को मिलेगा. इससे यहां दशकों से चली आ रही पेयजल समस्या को खत्म किया जा सकेगा.

Intro:summary- कुमाऊं में भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा आज लोकसभा में सुनाई दिया। नैनीताल उधमसिंह नगर सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने को लेकर सदन में मुद्दा उठाया।


दशकों से तमाम तकनीकी अड़चनों में फंसा जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा आज लोकसभा में भी सुनाई दिया। हालांकि केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी के बाद परियोजना का रास्ता साफ हो चुका है लेकिन बजट की समस्याओं के चलते आज भी परियोजना पर काम नहीं हो पा रहा है।



Body:कुमाऊं के भाबर में पेयजल समस्या के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला जमरानी बांध परियोजना का मुद्दा आज लोकसभा में उठाया गया। नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने बांध के मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग की। दरअसल जमरानी बांध का मुद्दा साल 1974 से फंसा हुआ है। जानकारी के अनुसार परियोजना को स्वीकृत कराए जाने के दौरान इसकी लागत महज 61.25 करोड रुपए थी... लेकिन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की आपत्तियों और उत्तर प्रदेश से जल बंटवारे को लेकर विवाद के चलते आज तक इस परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पाया। हालांकि इसी साल फरवरी में केंद्रीय जल आयोग ने तमाम तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण कर परियोजना को स्वीकृति दे दी है लेकिन अब बजट की कमी के चलते इस परियोजना पर ग्रहण लगा हुआ है। शायद यही कारण है कि अब लोकसभा सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से इस परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित कर उसका पूरा खर्चा केंद्र द्वारा वहन किए जाने की मांग उठाई है।

अजय भट्ट का लोकसभा में जमरानी बांध को उठाया गया मुद्दा( बाइट के रूप में प्रयोग कर सकते हैं)



Conclusion:आपको बता दें कि जमरानी बांध प्रोजेक्ट 9 किलोमीटर लंबा 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा होगा जबकि इससे 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाएगा। लेकिन उत्तराखंड के लिए सभी जरूरी बात यह है कि कुमाऊं के भाबर क्षेत्र में पेयजल संकट को इस बांध के जरिए खत्म किया जा सकता है।
Last Updated : Jul 3, 2019, 11:50 PM IST
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