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बागेश्वर में बारिश के बाद मौसम हुआ साफ, पिंडर घाटी क्षेत्र में हिमपात - बागेश्वर हिंदी समाचार

बागेश्वर में रविवार को मौसम साफ हो गया और सुबह धूप निकली. वहीं, पिंडर घाटी क्षेत्र में हिमपात होने से आसपास की चोटियां बर्फ लद गईं.

bageshwar
बारिश के बाद सुबह निकली धूप
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Published : Apr 25, 2021, 6:05 PM IST

बागेश्वर: शनिवार की रात हुई बारिश के बाद रविवार की सुबह मौसम साफ हो गया और धूप निकली, लेकिन दोपहर बाद आसमान में फिर से बादल छा गए. वहीं, पिंडर घाटी क्षेत्र में हिमपात होने से आसपास की चोटियां बर्फ लद गईं. इससे तापमान में एकाएक गिरावट दर्ज की गई. कपकोट क्षेत्र मे भी हुए ओलावृष्टि के कारण तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया.

जांतोली गांव निवासी महिपाल सिंह ने बताया कि पिंडर, जांतोली, कफनी और सुंदरढूंगा घाटी की चोटियों में जमकर हिमपात हुआ, जिसके कारण क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप है. महिपाल का कहना है कि मार्च तक तो हिमपात होने के आसार बने रहते हैं, लेकिन इस बार अप्रैल में हो रही इस तरह की बारिश करीब 7 साल बाद देखने को मिली है. हालांकि ये बारिश हिमालयी क्षेत्रों के लिए काफी लाभदायक है.

ये भी पढ़ें: हरकी पैड़ी पर चार देव डोलियों को कराया गंगा स्नान, अलौकिक था नजारा

वहीं, निचले इलाकों किसानों की रबी की फसलें इस बारिश से चौपट हो रही हैं. वर्तमान में हुई बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले कच्चे मोटर मार्ग खस्ताहाल हो गए हैं. सड़कों में पानी भर गया है. भूस्खलन होने से लोगों का सड़कों पर आवागमन करना काफी मुश्किल हो गया है. वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल का कहना है कि बारिश और बर्फबारी से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. सभी मूलभूत व्यवस्थाएं सुचारू हैं.

बागेश्वर: शनिवार की रात हुई बारिश के बाद रविवार की सुबह मौसम साफ हो गया और धूप निकली, लेकिन दोपहर बाद आसमान में फिर से बादल छा गए. वहीं, पिंडर घाटी क्षेत्र में हिमपात होने से आसपास की चोटियां बर्फ लद गईं. इससे तापमान में एकाएक गिरावट दर्ज की गई. कपकोट क्षेत्र मे भी हुए ओलावृष्टि के कारण तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया.

जांतोली गांव निवासी महिपाल सिंह ने बताया कि पिंडर, जांतोली, कफनी और सुंदरढूंगा घाटी की चोटियों में जमकर हिमपात हुआ, जिसके कारण क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप है. महिपाल का कहना है कि मार्च तक तो हिमपात होने के आसार बने रहते हैं, लेकिन इस बार अप्रैल में हो रही इस तरह की बारिश करीब 7 साल बाद देखने को मिली है. हालांकि ये बारिश हिमालयी क्षेत्रों के लिए काफी लाभदायक है.

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वहीं, निचले इलाकों किसानों की रबी की फसलें इस बारिश से चौपट हो रही हैं. वर्तमान में हुई बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले कच्चे मोटर मार्ग खस्ताहाल हो गए हैं. सड़कों में पानी भर गया है. भूस्खलन होने से लोगों का सड़कों पर आवागमन करना काफी मुश्किल हो गया है. वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल का कहना है कि बारिश और बर्फबारी से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. सभी मूलभूत व्यवस्थाएं सुचारू हैं.

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