बागेश्वर: उत्तरायणी मेले को लेकर नगर में तैयारियां अंतिम चरण (Preparations for Uttarayani fair) में चल रही हैं. कोविड काल के बाद मेले के भव्य आयोजन को लेकर हर जतन किए जा रहे हैं. एक ओर रंगरोगन के बाद नगर की तस्वीर बदलने का काम किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर सरयू नदी में नौकायन की तैयारियां भी चल रही हैं. सरयू बगड़ को दुकान लगाने के लिए समतल किया जा चुका है. अस्थायी पुलिया बनाने का काम भी जोर शोर से चल रहा है.
उत्तरायणी मेले का आगाज 14 जनवरी (Uttarayani fair will start from January 14) को होगा. दस दिवसीय मेले के दौरान रोजाना हजारों मेलार्थी नगर में उमड़ेंगे. मेलार्थियों को हर सुविधा मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन और नगरपालिका की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. एक ओर सरयू नदी में नौकायन (Boating in Saryu River) के लिए अस्थायी झील बनाने का काम चल रहा है. मेले को देखते हुए सरयू और गोमती नदी किनारे बने घाट और दीवारों पर रंगाई का काम चल रहा है. रंगरोगन के बाद पुलों में चमका दिया गया है.
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बागनाथ मंदिर समूह और आसपास के क्षेत्र में तमाम तरह की चित्रकारी की गई है. गोमती और सरयू नदी में अस्थायी पुलिया बनाने का काम भी अंतिम चरण में है. वहीं, मेला अधिकारी हरगिरी ने बताया उत्तरायणी मेला कुमाऊं ही नहीं पूरे प्रदेश में प्रमुख मानी जाती है. हर साल इसे भव्यता के साथ मनाया जाता है. स्थानीय निवासी महिपाल भरड़ा ने बताया उत्तरायणी मेला हमारी संस्कृति हमारी परंपरा का प्रतीक है. इसको लेकर हम लोग साल भर इंतजार करते हैं.
उन्होंने बताया ये मेला कुली बेगार आंदोलन का गवाह भी रहा है. इस मेले को लेकर मुख्यमंत्री का विशेष फोकस होने की वजह से इस मेले भव्यता देखने को मिलेगा. रंगरोगन, मरम्मत, समतलीकरण आदि का काम रफ्तार से हो रहा है. मेले की तैयारियां काफी अच्छी हो रही हैं.