बागेश्वर: पिंडारी, सुंदरढूंगा, कफनी ग्लेशियरों को स्वच्छ रखने के लिए वन विभाग ने अनूठी पहल की है. अब ट्रेकरों को ग्लेशियरों से अपना कूड़ा हर हाल में वापस लाना होगा. ऐसा न करने पर उन्हें हजारों रुपयों की चपत लग सकती है. विभाग की इस पहल का असर भी दिखने लगा है. ट्रेकिंग पर जाने वाले ट्रेकर अपने साथ कूड़ा लाकर वन विभाग की चौकी में जमा कराने लगे हैं.
जिले के ट्रेकिंग रूटों पर हर साल देश और विदेश के ट्रेकर्स आते हैं. स्थानीय लोग भी मवेशियों के चुगान आदि कार्यों के लिए ट्रेकिंग रूटों पर जाते हैं. इससे साथ में जरूरी सामान ले जाने से ग्लेशियरों में काफी कूड़ा जमा हो जाता है. इसकी सफाई के लिए विशेष अभियान चलाना पड़ता था. इस समस्या को सुलझाने के लिए वन विभाग ने अब ट्रेकरों के लिए स्वच्छता सुरक्षा शुल्क का प्रावधान किया है.
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डीएफओ हिमांशु बागरी (DFO Himanshu Bagri) ने बताया ट्रेकिंग पर जाने वालों से सुरक्षा शुल्क के रूप में वन विभाग के नाम का डिमांड ड्राफ्ट 15 सितंबर से जमा करवाया जा रहा है. स्थानीय ट्रेकरों के लिए यह शुल्क 2000, देसी पर्यटकों एवं ट्रेकरों के लिए 5000 और विदेशियों के लिए 10,000 रुपये है. सभी ट्रेकरों से अपना कूड़ा साथ लाने की अपील की जा रही है. वापसी में कूड़ा लाने पर ट्रेकरों को उनका डिमांड ड्राफ्ट लौटा दिया जाता है. कूड़ा न लाने पर राशि विभागीय खाते में जमा हो जाएगी.
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उन्होंने बताया इस अभियान का व्यापक असर दिख रहा है. सभी ट्रेकर्स अपने साथ कूड़ा लेकर ही लौट रहे हैं. ग्लेशियरों को गंदगी से बचाने के लिए शुरू की गई इस मुहिम का सकारात्मक असर हो रहा है.