बागेश्वर: जिला गठन के 24 साल बाद जिला मुख्यालय में बहुप्रतीक्षित स्टेडियम निर्माण की आस जगी है. शासन ने चयनित वन भूमि के एवज में क्षतिपूरक राशि जमा करने के लिए 38 लाख रुपये खेल विभाग को जारी कर दिए हैं. बागेश्वर में खेल स्टेडियम निर्माण के लिए यूपी निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था बनाया गया है.
15 सितंबर 1997 को अल्मोड़ा से अलग होकर बागेश्वर अलग जिला बना. जिला बनने के बाद बागेश्वर का कलेक्ट्रेट, पुलिस स्टेशन, विकास भवन आदि अस्तित्व में आए, लेकिन जिले के खिलाड़ियों के लिए एक खेल स्टेडियम आज तक नहीं बना. तमाम असुविधाओं के साथ ही खेल स्टेडियम न होने से युवा खिलाड़ी और खेल प्रेमी काफी दुखी हैं. यहां के खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने जिले से बाहर जाना पड़ता था.
ये भी पढ़ें: सीएम धामी-योगी की मुलाकात का दिखने लगा आउटपुट, परिसंपत्ति बंटवारे का सर्वे शुरू
अब जल्द ही स्टेडियम बनने से खिलाड़ी अपने ही जिले में रहकर खेल क्षेत्र मे योगदान दे सकेंगे. खेल प्रेमियों का ही असर कहेंगे कि 2017 में जिले के दौरे पर आए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिला मुख्यालय में खेल स्टेडियम का निर्माण कराने की घोषणा की थी. जिला मुख्यालय के नजदीक खोली में स्टेडियम के लिए जमीन चयनित की गई, लेकिन वन भूमि आने पर मामला अधर में लटक गया था.
हाल में वन भूमि का मामला सुलझ गया है. खेल विभाग को इसके बदले पौधरोपण के लिए वन विभाग को 39 लाख 83 हजार 794 रुपये देने हैं. इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. खेल विभाग में तैनात उप क्रीड़ा अधिकारी जुबैद अहमद ने बताया कि बीते 17 दिसंबर को अपर सचिव गिरधारी सिंह रावत ने खेल निदेशक को भेजे पत्र में यह राशि स्वीकृत होने की जानकारी दी है. अब स्टेडियम निर्माण के लिए बजट की आवश्यकता है. वहीं, जिला क्रीड़ाधिकारी वीएस वल्दिया ने बताया कि यूपी निर्माण निगम पहले से कार्यदायी संस्था नियत है. स्टेडियम निर्माण की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ होगी.