बागेश्वर: अंग्रेजी शासन के समय से प्रस्तावित टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग का निर्माण नहीं होने से जिले के लोगों में आक्रोश है. टनकपुर-बागेश्वर रेल निर्माण संघर्ष समिति ने आज प्रदर्शन कर जल्द निर्माण की मांग की. उन्होंने कहा 2006 से अब तक छह बार मार्ग का सर्वे हो चुका है, इसके बाद भी बजट को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा सर्वे को लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.
समिति अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में लोग तहसील परिसर पर एकत्र हुए. नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव के प्रचार में हल्द्वानी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण की सहमति दी थी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री ने 29 करोड़ की धनराशि ब्राडगेज सर्वे के लिए स्वीकृत किया, लेकिन अभी तक सर्वे भी अधूरा है. रेल लाइन को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है. सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा सर्वे के नाम पर आंदोलन को भी उलझाया जा रहा है. रेल मार्ग बनने से चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा के गांवों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा यदि शीघ्र बजट नहीं मिला तो उग्र आंदोलन प्रारंभ कर दिया जाएगा. लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की भी संघर्ष समिति ने चेतवनी दी है.वहीं, सदस्य प्रताप सिंह गड़िया ने बताया आंदोलन के साथ साथ लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया जाएगा. उन्होंने सरकार पर सभी को भ्रमित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा अगर सरकार के द्वारा अब मांग नहीं मानी गई तो अब सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा.