बागेश्वर: सुंदरढूंगा ग्लेशियर में घायल एवं लापता हुए पर्यटकों एवं स्थानीय नागारिक के खोजबीन का कार्य आज चौथे दिन भी जारी रहा. लेकिन सुंदरढूंगा में घटनास्थल पर आज भी रेस्क्यू दल नहीं पहुंचा सका. खराब मौसम की वजह से आज भी चॉपर घटनास्थल पर नहीं पहुंच सका.
जिलाधिकारी विनीत कुमार के नेतृत्व में सुंदरढूंगा ग्लेशियर क्षेत्र में लापता हुए पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की खोजबीन चौथे भी दिन जारी रहा. उपजिलाधिकारी कपकोट पारितोष वर्मा ने बताया कि आज सेना के दो हेलीकॉप्टर द्वारा जातोली से सुंदरढूंगा ग्लेशियर घटनास्थल के लिए 6 बार उड़ान भरी और रेस्क्यू कार्य करने का प्रयास किया गया. लेकिन उच्च हिमालय क्षेत्र एवं घटनास्थल पर वर्षा होने के कारण रेस्क्यू अभियान नहीं चलाया जा सका.
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उन्होंने बताया कि सेना के दो हेलीकाप्टरों से रेस्क्यू कार्य के लिए 7 सदस्यीय दल को कठलिया में ही लैंडिंग कराना पड़ा. कल एसडीआएफ के जवानों सहित 6 सदस्ययी दल को जातोली से पैदल ही रवाना किया गया था और आज 7 सदस्ययी दल को भेजा गया है. कुल 13 सदस्य दल में शामिल हैं, जिसमें एसडीआरएफ के 8 जवान, 2 पोर्टर और 1 गाईड एवं 2 स्थानीय लोग शामिल हैं. जो आज कठलिया से देवीकुंड घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं, यदि मौसम ठीक रहा तो देर रात तक रेस्क्यू दल का घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश करेंगे.
गौर हो कि उत्तराखंड में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर महीने में बड़ी तादाद में पर्यटक पहाड़ों का रुख करते हैं. बागेश्वर जिले में तीन स्थानों- सुंदरढूंगा ग्लेशियर, कफनी और पिंडारी ग्लेशियर में पर्यटक ट्रैकिंग के लिए जाते हैं, जो 15 सितंबर से 15 नवंबर तक कराई जाती है. बताया जा रहा है कि ये पर्यटक भी घाटी में ट्रैकिंग के लिए गए थे, जहां ये लोग फंस गए. अभीतक एसडीआरएफ की टीम ने 60 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है.