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Tanakpur bageshwar rail line: सर्वे और सियासत से आगे नहीं बढ़ा काम, संघर्ष समिति ने दी चेतावनी

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 24, 2023, 6:01 PM IST

Updated : Sep 24, 2023, 8:58 PM IST

Rail Line Sangharsh Samiti protest in Bageshwar टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन के निर्माण में हो रही देरी को लेकर आज रेल लाइन संघर्ष समिति की अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने अभी तक काम में तेजी ना लाने का आरोप लगाया है. Tanakpur Bageshwar railway line

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सर्वे और सियासत से आगे नहीं बढ़ा काम

बागेश्वर: टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण अधर में लटकने पर रेल लाइन निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया है. उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द सर्वे कराकर रेल लाइन के निर्माण की मांग की है. वहीं, अगर मांग नहीं मानी गई, तो उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है. साथ ही पीएम मोदी से वादा पूरा करने को कहा गया है.

1882 में रेल मार्ग का हुआ था पहला सर्वे: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 1882 में सबसे पहले इस रेल लाइन का सर्वे हुआ था. इसके बाद 1912, 1980, 2006, 2008, 2009 और 2012 में सर्वे हो चुका है. साथ ही एक सर्वे अभी भी चल रहा है. उन्होंने कहा की इस मांग को केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में शामिल कर दिया है, लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं होना दुख की बात है.

ये भी पढ़ें: केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का धरना खत्म, SDM ने जूस पिलवाकर तुड़वाया अनशन

प्रदर्शनकारियों रेल मार्ग के काम पर जताया संशय: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा जल्द रेल लाइन निर्माण की बात कही जा रही है, लेकिन जिस तरीके से सर्वे चल रहा है. उससे रेल लाइन के जल्द बनने पर संशय है. उन्होंने बताया कि वह लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कार्य में तेजी नहीं लाई जा रही है. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के लिए तेजी से काम करने की बजाय इसे दरकिनार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: श्रीनगर में 18 सितंबर से गहराएगा पानी का संकट! बागेश्वर में भी प्रदर्शन, ये है वजह

सर्वे और सियासत से आगे नहीं बढ़ा काम

बागेश्वर: टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण अधर में लटकने पर रेल लाइन निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया है. उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द सर्वे कराकर रेल लाइन के निर्माण की मांग की है. वहीं, अगर मांग नहीं मानी गई, तो उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है. साथ ही पीएम मोदी से वादा पूरा करने को कहा गया है.

1882 में रेल मार्ग का हुआ था पहला सर्वे: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 1882 में सबसे पहले इस रेल लाइन का सर्वे हुआ था. इसके बाद 1912, 1980, 2006, 2008, 2009 और 2012 में सर्वे हो चुका है. साथ ही एक सर्वे अभी भी चल रहा है. उन्होंने कहा की इस मांग को केंद्र सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय प्रोजक्ट में शामिल कर दिया है, लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं होना दुख की बात है.

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प्रदर्शनकारियों रेल मार्ग के काम पर जताया संशय: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा जल्द रेल लाइन निर्माण की बात कही जा रही है, लेकिन जिस तरीके से सर्वे चल रहा है. उससे रेल लाइन के जल्द बनने पर संशय है. उन्होंने बताया कि वह लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कार्य में तेजी नहीं लाई जा रही है. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के लिए तेजी से काम करने की बजाय इसे दरकिनार किया जा रहा है.

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Last Updated : Sep 24, 2023, 8:58 PM IST
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