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बिना शिक्षक के चल रहा राजकीय इंटर कॉलेज, DM ऑफिस के सामने ग्रामीणों ने खोला मोर्चा - शिक्षकों की कमी

बागेश्वर में अभिभावकों ने डीएम रंजना राजगुरु से राजकीय इंटर कॉलेज नाचती में शिक्षक भेजने की मांग की. राजकीय इंटर कॉलेज में एक भी शिक्षक न होने के कारण ग्राणीणों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन.
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Published : Aug 2, 2019, 5:45 PM IST

बागेश्वर: जिले की कपकोट तहसील में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है. नाचती कपकोट में राजकीय इंटर कॉलेज बिना शिक्षकों के चल रहा है. जिस कारण छात्र-छात्राएं कई किलोमीटर की दूरी तय कर अन्य स्कूलों में जाने को मजबूर हैं. वहीं, शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

शासन-प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के तमाम दावे और वादे करता है. लेकिन नाचती कपकोट का राजकीय इंटर कॉलेज इन तमाम दावों की पोल खोल रहा है. बिना शिक्षकों के चल रहे राजकीय इंटर कॉलेज के छात्रों ने अब अन्य स्कूलों का रुख करना शुरू कर दिया है.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन.

पढ़ें: नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर PCS मनीष बिष्ट नौकरी से बर्खास्त

छात्रों और ग्रामीणों की तरफ से लगातार शिक्षकों की मांग की जा रही है. लेकिन अब अव्यवस्थाओं से तंग आकर ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट चुका है. जिसके विरोध में नाराज ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी ही शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि बिना शिक्षकों के बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. जिला प्रशासन से कई बार आश्वासन मिलने के बाद भी स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे हैं.

वहीं, बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने बताया कि जिले के ज्यादातर विद्यालयों में कुछ इसी तरह के हालात बने हुए है. शिक्षकों की कमी को जल्द ही दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल, प्रोजेक्टर के माध्य्म से बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है.

बागेश्वर: जिले की कपकोट तहसील में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है. नाचती कपकोट में राजकीय इंटर कॉलेज बिना शिक्षकों के चल रहा है. जिस कारण छात्र-छात्राएं कई किलोमीटर की दूरी तय कर अन्य स्कूलों में जाने को मजबूर हैं. वहीं, शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

शासन-प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के तमाम दावे और वादे करता है. लेकिन नाचती कपकोट का राजकीय इंटर कॉलेज इन तमाम दावों की पोल खोल रहा है. बिना शिक्षकों के चल रहे राजकीय इंटर कॉलेज के छात्रों ने अब अन्य स्कूलों का रुख करना शुरू कर दिया है.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन.

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छात्रों और ग्रामीणों की तरफ से लगातार शिक्षकों की मांग की जा रही है. लेकिन अब अव्यवस्थाओं से तंग आकर ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट चुका है. जिसके विरोध में नाराज ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी ही शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि बिना शिक्षकों के बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. जिला प्रशासन से कई बार आश्वासन मिलने के बाद भी स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे हैं.

वहीं, बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने बताया कि जिले के ज्यादातर विद्यालयों में कुछ इसी तरह के हालात बने हुए है. शिक्षकों की कमी को जल्द ही दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल, प्रोजेक्टर के माध्य्म से बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है.

Intro:एंकर - बगैर प्रवक्ता के चल रहा राइंका नाचती। कपकोट तहसील की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। राइंका नाचती बगैर प्रवक्ताओं के ही चल रहा है। इस कारण स्कूल से कई छात्र-छात्राएं नाम कटाकर अन्यत्र विद्यालय जाने को मजबूर हैं। इस व्यवस्था से तंग ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया। नाराज ग्रामीण 12 हजार रुपये खर्च कर तीन जीपों में बैठकर जिला मुख्यालय पहुंच गए।

वीओ- शिक्षकों की मांग को लेकर उन्होंने डीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया और जोरदार नारेबाजी की। चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षको के स्कूली बच्चो की पढ़ाई नही हो पा रही है। जिला प्रशासन से कई बार आस्वासन मिलने के बाद भी स्कूल मे एक भी प्रवक्ता नही पहुँचा है।
बच्चो को शिक्षक नही मिलने से वो बिना पढ़े ही स्कूल से वापस आ रहे है। आपदा प्रभावित क्षेत्र होने के बाद भी ना सरकार इस पर कोई ध्यान दे रही है और ना ही जिला प्रशासन ही कुछ कर रहा है। बच्चो को उचित शिक्षा नही मिलने से उनका भविष्य खराब हो रहा है। वही जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के ज्यादातर विद्यालयो का हाल यही है। शिक्षको की कमी से हर जगह के विद्यालयो मे यही समस्या बनी हुई है। हम बहुत जल्दकुछ शिक्षको की व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे। फिलहाल प्रोजेक्टर के माध्य्म से बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है।

एफवीओ- शासन -प्रशासन भले ही शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के कितने भी दावे कर ले लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी सभी दावों के पोल खोलने के लिए काफी है।

बाईट 1 - हेमा कोरंगा, ग्रामीण।
बाईट 2 - भगवत सिंह, ग्रामीण।
बाईट 3 - रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी बागेश्वर।
Body:वीओ- शिक्षकों की मांग को लेकर उन्होंने डीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया और जोरदार नारेबाजी की। चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षको के स्कूली बच्चो की पढ़ाई नही हो पा रही है। जिला प्रशासन से कई बार आस्वासन मिलने के बाद भी स्कूल मे एक भी प्रवक्ता नही पहुँचा है।
बच्चो को शिक्षक नही मिलने से वो बिना पढ़े ही स्कूल से वापस आ रहे है। आपदा प्रभावित क्षेत्र होने के बाद भी ना सरकार इस पर कोई ध्यान दे रही है और ना ही जिला प्रशासन ही कुछ कर रहा है। बच्चो को उचित शिक्षा नही मिलने से उनका भविष्य खराब हो रहा है। वही जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के ज्यादातर विद्यालयो का हाल यही है। शिक्षको की कमी से हर जगह के विद्यालयो मे यही समस्या बनी हुई है। हम बहुत जल्दकुछ शिक्षको की व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे। फिलहाल प्रोजेक्टर के माध्य्म से बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है।

बाईट 1 - हेमा कोरंगा, ग्रामीण।
बाईट 2 - भगवत सिंह, ग्रामीण।
बाईट 3 - रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी बागेश्वर।Conclusion:एफवीओ- शासन -प्रशासन भले ही शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के कितने भी दावे कर ले लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी सभी दावों के पोल खोलने के लिए काफी है।
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