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फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाला प्रधानाध्यापक बर्खास्त, नहीं मिलेगी पेंशन - बागेश्वर न्यूज

फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय गढ़सेर के प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह दोसाद को जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) ने बर्खास्त कर दिया है.

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Published : Apr 10, 2021, 7:42 AM IST

बागेश्वर: फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय गढ़सेर के प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह दोसाद को जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) ने बर्खास्त कर दिया है. बता दें कि, शिक्षा विभाग ने प्रेम सिंह दोसाद की बीएड डिग्री को मिलान के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय भेजा थी. जहां से दोसाद की डिग्री का मिलान न होने की जानकारी शिक्षा विभाग मिली थी.

बता दें कि, 30 साल बाद शिक्षा विभाग ने प्रेम सिंह दोसाद की बीएड डिग्री को मिलान के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय भेजा थी. मार्च में कुमाऊं विवि ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय गढ़सेर के प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह दोसाद की बीएड की डिग्री का मिलान न होने की जानकारी शिक्षा विभाग को दी थी. दोसाद ने वर्ष 1991 में बीएड की डिग्री हासिल करने का उल्लेख किया था, लेकिन विश्वविद्यालय के पास दोसाद को वर्ष 1991 में बीएड की डिग्री जारी करने का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है. इस पर डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने बीईओ उमेद सिंह रावत के माध्यम से संबंधित को नोटिस भिजवाया कि वह एक अप्रैल तक लिखित में अपना पक्ष रखें. लेकिन प्रधानाध्यापक ने उक्त तिथि तक अपना पक्ष नहीं रखा और सात अप्रैल तक समय मांगा. सात अप्रैल को प्रधानाध्यापक डीईओ बेसिक के सामने उपस्थित हुए, लेकिन बीएड की डिग्री के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए. इस पर डीईओ बेसिक ने उसे बर्खास्त कर दिया.

वहीं, आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी जा रही है. बताया जा रहा है कि बर्खास्त शिक्षक का दो-तीन साल का कार्यकाल बचा था. सरकारी मुलाजिम की फर्जी डिग्री पाए जाने का जिले का यह पहला मामला बताया जा रहा है. मामले में डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने कहा कि प्रधानाध्यापक को ग्रेच्युटी और अन्य देयकों का भुगतान नहीं होगा. पेंशन भी नहीं मिलेगी. एसआईटी (विशेष जांच दल) जिले की एक और शिक्षिका की बीएड की डिग्री की जांच कर रहा है.

पढ़ें: भुगतान नहीं होने से गल्ला विक्रेता नाराज, 15 मई के बाद नहीं उठाएंगे राशन

गरुड़ के खंड शिक्षाधिकारी उमेद सिंह रावत ने बताया है कि एसआईटी ने राजकीय आदर्श विद्यालय पिंगलो में तैनात शिक्षिका की बीएड की डिग्री की मूल कॉपी का मिलान करते हुए फोटो कॉपी एसआईटी को भेजने के निर्देश दिए थे. फरवरी में बीएड की डिग्री की मूल प्रति की कॉपी एसआईटी को भेज दी गई थी. तब से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं. बताया गया है कि उक्त शिक्षिका की बीएड की डिग्री वर्ष 2016 में भी लखनऊ विश्वविद्यालय को भेजी गई थी. तब डिग्री प्रमाणित हो गई थी. उन्होंने बताया कि उक्त शिक्षिका ने वीआरएस के लिए सादे कागज में आवेदन किया है, यह मान्य नहीं होता है. उक्त शिक्षिका को शपथपत्र में आवेदन करने के लिए कहा गया है. इधर, डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने इस संबंध में कोई जानकारी न होने की बात कही है.

बागेश्वर: फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय गढ़सेर के प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह दोसाद को जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) ने बर्खास्त कर दिया है. बता दें कि, शिक्षा विभाग ने प्रेम सिंह दोसाद की बीएड डिग्री को मिलान के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय भेजा थी. जहां से दोसाद की डिग्री का मिलान न होने की जानकारी शिक्षा विभाग मिली थी.

बता दें कि, 30 साल बाद शिक्षा विभाग ने प्रेम सिंह दोसाद की बीएड डिग्री को मिलान के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय भेजा थी. मार्च में कुमाऊं विवि ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय गढ़सेर के प्रधानाध्यापक प्रेम सिंह दोसाद की बीएड की डिग्री का मिलान न होने की जानकारी शिक्षा विभाग को दी थी. दोसाद ने वर्ष 1991 में बीएड की डिग्री हासिल करने का उल्लेख किया था, लेकिन विश्वविद्यालय के पास दोसाद को वर्ष 1991 में बीएड की डिग्री जारी करने का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है. इस पर डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने बीईओ उमेद सिंह रावत के माध्यम से संबंधित को नोटिस भिजवाया कि वह एक अप्रैल तक लिखित में अपना पक्ष रखें. लेकिन प्रधानाध्यापक ने उक्त तिथि तक अपना पक्ष नहीं रखा और सात अप्रैल तक समय मांगा. सात अप्रैल को प्रधानाध्यापक डीईओ बेसिक के सामने उपस्थित हुए, लेकिन बीएड की डिग्री के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए. इस पर डीईओ बेसिक ने उसे बर्खास्त कर दिया.

वहीं, आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी जा रही है. बताया जा रहा है कि बर्खास्त शिक्षक का दो-तीन साल का कार्यकाल बचा था. सरकारी मुलाजिम की फर्जी डिग्री पाए जाने का जिले का यह पहला मामला बताया जा रहा है. मामले में डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने कहा कि प्रधानाध्यापक को ग्रेच्युटी और अन्य देयकों का भुगतान नहीं होगा. पेंशन भी नहीं मिलेगी. एसआईटी (विशेष जांच दल) जिले की एक और शिक्षिका की बीएड की डिग्री की जांच कर रहा है.

पढ़ें: भुगतान नहीं होने से गल्ला विक्रेता नाराज, 15 मई के बाद नहीं उठाएंगे राशन

गरुड़ के खंड शिक्षाधिकारी उमेद सिंह रावत ने बताया है कि एसआईटी ने राजकीय आदर्श विद्यालय पिंगलो में तैनात शिक्षिका की बीएड की डिग्री की मूल कॉपी का मिलान करते हुए फोटो कॉपी एसआईटी को भेजने के निर्देश दिए थे. फरवरी में बीएड की डिग्री की मूल प्रति की कॉपी एसआईटी को भेज दी गई थी. तब से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं. बताया गया है कि उक्त शिक्षिका की बीएड की डिग्री वर्ष 2016 में भी लखनऊ विश्वविद्यालय को भेजी गई थी. तब डिग्री प्रमाणित हो गई थी. उन्होंने बताया कि उक्त शिक्षिका ने वीआरएस के लिए सादे कागज में आवेदन किया है, यह मान्य नहीं होता है. उक्त शिक्षिका को शपथपत्र में आवेदन करने के लिए कहा गया है. इधर, डीईओ बेसिक पदमेंद्र सकलानी ने इस संबंध में कोई जानकारी न होने की बात कही है.

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