बागेश्वरः प्राधिकरण हटाओ मोर्चा अब उन लोगों के बचाव में खुलकर आगे आ गया है, जिन्हें प्राधिकरण ने भारी भरकम नोटिस थमाया है. मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही विकास प्राधिकरण को लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं. पार्टियां न तो प्राधिकरण का विरोध कर रही हैं और न ही जनता के समर्थन में हैं.
प्राधिकरण हटाओ मोर्चा के अध्यक्ष प्रमोद मेहता ने बताया कि प्राधिकरण लागू करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. प्राधिकरण के गठन को लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय महामंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यहां तक कह दिया कि प्राधिकरण उनके कार्यकाल में गठित ही नहीं हुआ है. अगर कोई साबित कर दे तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल भी अपने-अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिये प्राधिकरण पर लोगों को नोटिस देने का दबाव डाल रहे हैं. प्रमोद मेहता ने आरोप लगाया कि सरकारी मशीनरी खुलेआम प्राधिकरण के मानकों का उल्लंघन कर रही है, लेकिन ऐसे विभागों के खिलाफ प्राधिकरण कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
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प्राधिकरण पर लग रहे आरोपों पर जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण ने भी अपना पक्ष रखा है. प्राधिकरण के सचिव और एडीएम राहुल गोयल ने कहा कि प्राधिकरण के नियमों का हर हाल में पालन कराया जायेगा. सरकारी विभागों को जिलाधिकारी और प्राधिकरण उपाध्यक्ष की ओर से आदेश भी जारी किया गया है. आदेश के अनुसार हर विभाग को कोई भी निर्माण करने से पहले इसकी विधिवत अनुमति प्राधिकरण से लेनी होगी.