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बागेश्वर: नर्सिंग भर्ती को लेकर नर्स संगठन का कार्य बहिष्कार, दी आंदोलन की चेतावनी

संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज संगठन ने प्रदेश के 2621 पदों पर वर्षवार के माध्यम से नर्सिंग भर्ती जल्द करवाने की मांग की है. अपनी इस मांग को लेकर संगठन ने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है.

बागेश्वर
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Published : Jul 25, 2022, 2:48 PM IST

बागेश्वर: संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज संगठन ने प्रदेश के 2621 पदों पर वर्षवार के माध्यम से नर्सिंग भर्ती जल्द करवाने की मांग को लेकर दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. नर्सों ने हाथ पर काला फीता बांधकर जिला अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और सीएमएस के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर 27 जुलाई को देहरादून में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी.

स्टाफ नर्सों का कहना है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्टाफ नर्सेज के पदों पर भर्ती के लिए 12 दिसंबर 2020 को विज्ञप्ति निकली थी, लेकिन भर्ती अब तक नहीं हो सकी है. तीन बार लिखित भर्ती परीक्षा की विज्ञप्ति को निरस्त किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों से संविदा, उपनल, एनएचएम सहित अन्य आउटसोर्स के माध्यम से स्टाफ नर्स पूरे प्रदेश में दुर्गम, अति दुर्गम, पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में सेवा दे रहे हैं. कई लोग भर्ती का इंतजार करते हुए निर्धारित आयु सीमा भी पार कर चुके हैं. इसके बावजूद सरकार की ओर से पिछले दो साल से भर्ती नहीं कराई गई है.

पढ़ें: जनजाति बालिका आश्रम विद्यालय में बजट के फांके, छात्राओं को नहीं मिल रहा पौष्टिक भोजन

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लगातार शासन से वार्ता के बाद 24 दिसंबर 2021 को प्रदेश सरकार ने नर्सिंग भर्ती को वर्षवार के माध्यम से कराने का निर्णय ‌कैबिनेट में लिया था. लेकिन सात महीने बीतने के बाद भी इस पर ठोस रणनीति नहीं बन सकी. ऐसे में सरकार की उपेक्षा से मजबूर होकर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है. अगर अब भी सुनवाई नहीं हुई तो मांग मनवाने के लिए आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा.

बागेश्वर: संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज संगठन ने प्रदेश के 2621 पदों पर वर्षवार के माध्यम से नर्सिंग भर्ती जल्द करवाने की मांग को लेकर दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. नर्सों ने हाथ पर काला फीता बांधकर जिला अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और सीएमएस के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर 27 जुलाई को देहरादून में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी.

स्टाफ नर्सों का कहना है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्टाफ नर्सेज के पदों पर भर्ती के लिए 12 दिसंबर 2020 को विज्ञप्ति निकली थी, लेकिन भर्ती अब तक नहीं हो सकी है. तीन बार लिखित भर्ती परीक्षा की विज्ञप्ति को निरस्त किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों से संविदा, उपनल, एनएचएम सहित अन्य आउटसोर्स के माध्यम से स्टाफ नर्स पूरे प्रदेश में दुर्गम, अति दुर्गम, पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में सेवा दे रहे हैं. कई लोग भर्ती का इंतजार करते हुए निर्धारित आयु सीमा भी पार कर चुके हैं. इसके बावजूद सरकार की ओर से पिछले दो साल से भर्ती नहीं कराई गई है.

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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लगातार शासन से वार्ता के बाद 24 दिसंबर 2021 को प्रदेश सरकार ने नर्सिंग भर्ती को वर्षवार के माध्यम से कराने का निर्णय ‌कैबिनेट में लिया था. लेकिन सात महीने बीतने के बाद भी इस पर ठोस रणनीति नहीं बन सकी. ऐसे में सरकार की उपेक्षा से मजबूर होकर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है. अगर अब भी सुनवाई नहीं हुई तो मांग मनवाने के लिए आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा.

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