बागेश्वरः जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बागेश्वर के विकास भवन सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक ली. बैठक में आपदा के दौरान तुरंत प्रभावितों को रिलीफ पहुंचाने और सक्षम अधिकारी को आपदा क्षेत्र का मौका मुआयना कर तुरंत निर्णय लेने के निर्देश दिए, ताकि अनावश्यक समय बर्बाद ना हो.
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आगे कहा कि अधिकारी 24 घंटे अपना फोन खुला रखेंगे और जनप्रतिनिधि के साथ समन्वय बनाकर आपदा में राहत कार्यों को अंजाम देंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा में सक्षम अधिकारी मौके मुआयना करें. उन्होंने डीएम को निर्देश दिए कि आपदा कार्यों के लिए कमेटी का गठन किया जाए, जो आपदा स्थल की जांच कर तुरंत मौके पर ही समाधान कर सकें.
प्री-फैब्रिकेटेड शेल्टर तैयार करने के निर्देश: उन्होंने आगे कहा कि संवेदनशील सड़कों को चिन्हित करते हुए उन स्थानों पर सूचना बोर्ड लगाया जाए, साथ ही नदी किनारे भी सूचना बोर्ड लगाए जाएं. नदी के जल स्तर पर पैनी नजर रखी जाए, जल स्तर बढ़ने से पूर्व ही लोगों को आगाह किया जाए. उन्होंने गांव में हो रहे भू-स्खलन को देखते हुए परिवार को तुरंत दूसरी जगह अस्थायी रूप से विस्थापित करने के निर्देश दिए. साथ ही आपदा प्रभावित के लिए प्री-फैब्रिकेटेड शेल्टर तैयार करने के भी निर्देश दिए. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिले की सड़कों के गड्ढों को तुरंत भरा जाए. उन्होंने गड्ढों की वजह से हादसा होने पर संबंधित अभियंता के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए.
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18 मकान ध्वस्त: वहीं, जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बैठक में आपदा प्रबंधन की विस्तृत जानकारियां देते हुए बताया कि आपदा उपकरणों की जांच की गई है, जो चलनशील है. आपदा से 18 मकान पूर्ण ध्वस्त व 28 भवन आंशिक ध्वस्त हुए हैं. प्रभावितों को मुआवजा के साथ ही अहेतुक धनराशि भी दे दी गई है. बाढ़ नियंत्रण चौकी के साथ ही जल पुलिस तैनात है. अधिक आपदा संभावित क्षेत्र कपकोट में एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ अलर्ट मोड़ पर तैनात की गई है.
एडवांस राशन वितरित: आपदा की क्षति जांच एवं आकलन के लिए 18 टीमें तैनात की गई है, जो अपनी रिपोर्ट जिला कार्यालय को उपलब्ध करा रही है. अस्थायी हेलीपैड चिन्हित है और पूर्ति विभाग द्वारा ऊपरी क्षेत्रों में सितंबर तक का खाद्यान्न वितरित किया गया है. स्वास्थ विभाग के पास पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं और चिकित्सक तैनात है. सभी विभागों के पास उपलब्ध संसाधनों की इन्वेंट्री बनाई गई है, ताकि आपदा के दौरान संसाधनों का त्वरित उपयोग किया जा सके.
बागेश्वर में हुई 329 एमएम बारिश: डीएम ने बताया कि सड़कों के दोनों छोरों पर 49 जेसीबी तैनात किए गए हैं, ताकि सड़क बंद होने की दशा में तुरंत यातायात सुचारू किया जा सके. जनपद में अब तक 329 एमएम वर्षा रिकॉर्ड हुई है. वर्षाकाल में अब तक 657 लाख धनराशि की लगभग 100 परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हुर्इ है. विधायक सुरेश गढ़िया ने सभी अधिकारियों को क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए आपदा क्षेत्रों में त्वरित राहत पहुंचाने के निर्देश दिए. साथ ही बंद सड़कों को कम से कम समय में खोलने के भी निर्देश दिए.
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