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उत्तराखंडः बागेश्वर को मंडुवे ने दिलाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान, पीएम मोदी भी हैं मुरीद - बागेश्वर न्यूज

मंडुवा की वजह से बागेश्वर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. पीएम मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में बनने वाले मंडुवा के बिस्किटों की तारीफ कर चुके हैं.

bageshwar
बागेश्वर
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Published : Dec 9, 2019, 7:47 PM IST

बागेश्वर: मुनार में आजीविका परियोजना से जुड़ी महिलाओं की मेहनत अब रंग लाने लगी है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में मुनार में बन रहे मंडुवे के बिस्किटों का जिक्र किया था. इसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी एकीकृत आजीविका परियोजना के तहत काम करके मंडुवे के बिस्किट बनाने वाली महिलाओं को पुरस्कार दिया था. सोमवार को एकीकृत आजीविका परियोजना की बैठक में बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने भी उन महिलाओं की तरीफ की.

जिलाधिकारी ने कहा कि एकीकृत आजीविका परियोजना द्वारा जनपद में अच्छा कार्य किया जा रहा है. जिससे लोगों की आजीविका के संसाधन बढ़े हैं. उन्होंने आजीविका को जिले में पौष्टिक युक्त फसलों के लिए भी उचित मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा.

मंडुवे से मिली पहचान

पढ़ें- कुंभ मेला क्षेत्र में ही खोल दी गई शराब की दुकान, आबकारी विभाग से जवाब तलब

जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि मंडुवा की वजह से बागेश्वर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. इस पहचान का कामय रखने के लिए सभी को और बेहतर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने आजीविका परियोजना से संस्थाओं के माध्यम से तैयार होने वाले उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग, मार्केटिंग व विपणन पर फोकस करने को कहा ताकि उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके.

पढ़ें- ऋषिकेश: लाखों की धोखाधड़ी करने वाले युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बैठक में आजीविका परियोजना के प्रबंधक धर्मेंद्र पांडे ने स्लाइड शो के माध्यम से परियोजना की प्रगति की आख्या पेश कर की. जिसमें उन्होंने दिखाया की गरुड़ के नौघर और ज्वाणा स्टेट में एकीकृत खेती मॉडल के लिए 20 हजार लीटर की क्षमता का एलडीपीई टैंक, पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस, मधुमक्खी बॉक्स, डेयरी व पोल्ट्री फॉर्म, सब्जी, मसाला उत्पादन सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं.

बागेश्वर: मुनार में आजीविका परियोजना से जुड़ी महिलाओं की मेहनत अब रंग लाने लगी है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में मुनार में बन रहे मंडुवे के बिस्किटों का जिक्र किया था. इसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी एकीकृत आजीविका परियोजना के तहत काम करके मंडुवे के बिस्किट बनाने वाली महिलाओं को पुरस्कार दिया था. सोमवार को एकीकृत आजीविका परियोजना की बैठक में बागेश्वर जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने भी उन महिलाओं की तरीफ की.

जिलाधिकारी ने कहा कि एकीकृत आजीविका परियोजना द्वारा जनपद में अच्छा कार्य किया जा रहा है. जिससे लोगों की आजीविका के संसाधन बढ़े हैं. उन्होंने आजीविका को जिले में पौष्टिक युक्त फसलों के लिए भी उचित मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा.

मंडुवे से मिली पहचान

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जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि मंडुवा की वजह से बागेश्वर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. इस पहचान का कामय रखने के लिए सभी को और बेहतर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने आजीविका परियोजना से संस्थाओं के माध्यम से तैयार होने वाले उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग, मार्केटिंग व विपणन पर फोकस करने को कहा ताकि उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके.

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बैठक में आजीविका परियोजना के प्रबंधक धर्मेंद्र पांडे ने स्लाइड शो के माध्यम से परियोजना की प्रगति की आख्या पेश कर की. जिसमें उन्होंने दिखाया की गरुड़ के नौघर और ज्वाणा स्टेट में एकीकृत खेती मॉडल के लिए 20 हजार लीटर की क्षमता का एलडीपीई टैंक, पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस, मधुमक्खी बॉक्स, डेयरी व पोल्ट्री फॉर्म, सब्जी, मसाला उत्पादन सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं.

Intro:बागेश्वर।

एंकर— बागेश्वर में एकीकृत आजीविका परियोजना की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं की मेहनत रंग लाने लगी है। देश के सांथ ही विदेशों में भी उनकी मेहनत को सराहा जा रहा है, इससे आजीविका समूह से जुड़ी महिलाओं की आजीविका के संसाधन भी बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि एकीकृत आजीविका परियोजना द्वारा जनपद में अच्छा कार्य किया जा रहा है जिसके माध्यम से लोगों की आजीविका के संसाधन बड़े हैं। उन्होंने आजीविका को जिले में पौष्टिक युक्त फसलों के लिए भी उचित मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा।

वीओ— मुनार में आजीविका परियोजना से जुड़ी महिलाओं की मेहनत अब रंग लाने लगी है। गत् वर्ष मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने जब मुनार में बन रहे मडुवे के बिस्कुटों का जिक्र किया तो आजीविका से जुड़ी महिलाओं के चेहरे खिल उठे। उन्होंने इसके लिए जी—तोड़ मेहनत की तो उनकी मेहनत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद रावत ने भी उन्हें पुरूष्कार ने नवाजा। अब जिला प्रशासन भी इस बारे में कोई कोर—कसर नहीं छोड़ना चाहता है। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद को मडुंवा ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी है तथा इसकी पहचान को कायम रखने के लिए सभी को और बेहतर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आजीविका परियोजना से संस्थाओं के माध्यम से तैयार होने वाले उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग, मार्केटिंग व विपणन पर फोकस करने को कहा ताकि उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।
वहीं बैठक में आजीविका परियोजना के प्रबंधक धर्मेंद्र पांडे ने स्लाइड शो के माध्यम से परियोजना की प्रगति की आख्या पेश कर बताया कि गरुड़ के नौघर और ज्वाणा स्टेट में एकीकृत खेती मॉडल के लिए 20 हजार लीटर की क्षमता का एलडीपीई टैंक, पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस, मधुमक्खी बॉक्स, डयेरी व पॉल्ट्री फॉर्म, सब्जी, मसाला उत्पादन सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं।
बाईट—1— रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वरBody:वीओ— मुनार में आजीविका परियोजना से जुड़ी महिलाओं की मेहनत अब रंग लाने लगी है। गत् वर्ष मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने जब मुनार में बन रहे मडुवे के बिस्कुटों का जिक्र किया तो आजीविका से जुड़ी महिलाओं के चेहरे खिल उठे। उन्होंने इसके लिए जी—तोड़ मेहनत की तो उनकी मेहनत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद रावत ने भी उन्हें पुरूष्कार ने नवाजा। अब जिला प्रशासन भी इस बारे में कोई कोर—कसर नहीं छोड़ना चाहता है। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद को मडुंवा ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी है तथा इसकी पहचान को कायम रखने के लिए सभी को और बेहतर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आजीविका परियोजना से संस्थाओं के माध्यम से तैयार होने वाले उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग, मार्केटिंग व विपणन पर फोकस करने को कहा ताकि उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।
वहीं बैठक में आजीविका परियोजना के प्रबंधक धर्मेंद्र पांडे ने स्लाइड शो के माध्यम से परियोजना की प्रगति की आख्या पेश कर बताया कि गरुड़ के नौघर और ज्वाणा स्टेट में एकीकृत खेती मॉडल के लिए 20 हजार लीटर की क्षमता का एलडीपीई टैंक, पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस, मधुमक्खी बॉक्स, डयेरी व पॉल्ट्री फॉर्म, सब्जी, मसाला उत्पादन सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं।
बाईट—1— रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी बागेश्वरConclusion:
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