बागेश्वरः दहेज के लिए विवाहिता को प्रताड़ित करने वाले पति को कोर्ट ने दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस प्रकरण का उजागर तब हुआ था जब महिला ने परेशान होकर अपने घर में फंदे से लटककर संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी. मामले में सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने की.
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने बताया कि मामला सात मार्च 2020 का है. आशा देवी की ससुराल भटखोला थाना झिरौली में संदिग्ध परिस्थितियों में घर में फांसी के फंदे से लटक कर मौत हो गई थी. जिसके बाद उसके भाई ने पति महेंद्र कुमार, ससुर अनीराम व सास चंद्रा देवी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई.
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पुलिस ने पूरे मामले में धारा 304बी, 498ए व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया था. जिसके बाद पूरे मामले में शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप शर्मा की अदालत ने आरोपी महेंद्र कुमार को आइपीसी की धारा 498 व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए 5 साल की सजा सुनाई. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थ दंड नहीं जमा करने के स्थिति में डेढ़ महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने मामले में आशा के ससुर अनीराम व सास चंद्रादेवी को सभी आरोपों से दोषमुक्त किया है.