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Bagnath Temple: 50 गांव के होल्यारों ने बाबा के दरबार में उड़ाया अबीर-गुलाल - Baba Bagnath Temple of Bageshwar

बाबा बागनाथ मंदिर की होली अपने आप में खास है. यहां हजारों की तादाद में होल्यार होली मनाने पहुंचते हैं. करीब 50 गांवों के होल्यारों का बाबा बागनाथ के मंदिर में जमघट लगता है.

Holi of Baba Bagnath Temple
ऐतिहासिक है बागेश्वर के बाबा बागनाथ की होली
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Published : Mar 6, 2023, 6:26 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 6:36 PM IST

50 गांव के होल्यारों ने बाबा के दरबार में उड़ाया अबीर-गुलाल

बागेश्वर: उत्तराखंड में इन दिनों होली का खुमार जमकर छाया है. जगह-जगह होली मिलन कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. वहीं, कुमाऊंनी होली का भी अपना अलग ही अंदाज है. यहां होल्यार पारंपरिक वेशभूषा में होली के गीतों पर नृत्य कर होली मना रहे हैं. बागेश्वर में चतुर्दशी होली के मौके पर बागेश्वर स्थित बागनाथ मंदिर में भव्य होली का आयोजन किया जाता है. यहां 50 से भी ज्यादा गांवों से हजारों की तादाद में होल्यार पहुंचते हैं. ये सभी होल्यार बागनाथ मंदिर की परिक्रमा कर भगवान शिव की पूजा आराधना के बाद अबीर गुलाल चढ़ाकर होली गायन करते हैं.

पौराणिक बागनाथ मंदिर में महरगाड़ घाटी के सुनी, सातरतबे, अमसयारीकोट, धारी डोबा, जोलकांडे एवं दूसरी तरफ गोमती घाटी से रवाई खाल, द्यांगण, बहुली, खोली, कांकड़ा आदि गांवो से करीब 50 से अधिक गांवों के होल्यारों ने पौराणिक परंपरा को जीवंत रखा है. होल्यारों ने भगवान शिव की अराधना कर होली गायन किया. पौराणिक बागनाथ मंदिर में सामूहिक होली गायन की परंपरा कत्यूरी राज के समय से चली आ रही है. होल्यार बागनाथ मंदिर के प्रांगण में एकत्र होते हैं. सारे गांवों की होल्यारों के आने पर होली गायन किया जाता है. होल्यारों ने हां जी शंभों तुम क्यों न खेलै होरी लला का गायन करने के साथ अन्य होलियों का गान किया.

पढे़ं- Nitin Gadkari in Haridwar: देर रात हरिद्वार पहुंचे नितिन गडकरी, हाईवे निर्माण कार्य का लिया जाजया

जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कुमाऊंनी होली की होलियों में बागेश्वर की होली अपना अलग ही रूप है. यहां की होलियों में हजारों लोग पहुंचते हैं. प्रेम मोहब्बत का संदेश देते हुए सभी लोग होली गायन करते हैं. होल्यार डॉ राजीव जोशी ने बताया दोनों घाटियों से आने वाली होली का जब मिलन होता है, वो काफी रोचक होता है. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग इन होलियों को देखने पहुंचते हैं. बाबा बागनाथ मंदिर में होलियों का मंचन भी काफी शानदार होता है.

50 गांव के होल्यारों ने बाबा के दरबार में उड़ाया अबीर-गुलाल

बागेश्वर: उत्तराखंड में इन दिनों होली का खुमार जमकर छाया है. जगह-जगह होली मिलन कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. वहीं, कुमाऊंनी होली का भी अपना अलग ही अंदाज है. यहां होल्यार पारंपरिक वेशभूषा में होली के गीतों पर नृत्य कर होली मना रहे हैं. बागेश्वर में चतुर्दशी होली के मौके पर बागेश्वर स्थित बागनाथ मंदिर में भव्य होली का आयोजन किया जाता है. यहां 50 से भी ज्यादा गांवों से हजारों की तादाद में होल्यार पहुंचते हैं. ये सभी होल्यार बागनाथ मंदिर की परिक्रमा कर भगवान शिव की पूजा आराधना के बाद अबीर गुलाल चढ़ाकर होली गायन करते हैं.

पौराणिक बागनाथ मंदिर में महरगाड़ घाटी के सुनी, सातरतबे, अमसयारीकोट, धारी डोबा, जोलकांडे एवं दूसरी तरफ गोमती घाटी से रवाई खाल, द्यांगण, बहुली, खोली, कांकड़ा आदि गांवो से करीब 50 से अधिक गांवों के होल्यारों ने पौराणिक परंपरा को जीवंत रखा है. होल्यारों ने भगवान शिव की अराधना कर होली गायन किया. पौराणिक बागनाथ मंदिर में सामूहिक होली गायन की परंपरा कत्यूरी राज के समय से चली आ रही है. होल्यार बागनाथ मंदिर के प्रांगण में एकत्र होते हैं. सारे गांवों की होल्यारों के आने पर होली गायन किया जाता है. होल्यारों ने हां जी शंभों तुम क्यों न खेलै होरी लला का गायन करने के साथ अन्य होलियों का गान किया.

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जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कुमाऊंनी होली की होलियों में बागेश्वर की होली अपना अलग ही रूप है. यहां की होलियों में हजारों लोग पहुंचते हैं. प्रेम मोहब्बत का संदेश देते हुए सभी लोग होली गायन करते हैं. होल्यार डॉ राजीव जोशी ने बताया दोनों घाटियों से आने वाली होली का जब मिलन होता है, वो काफी रोचक होता है. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग इन होलियों को देखने पहुंचते हैं. बाबा बागनाथ मंदिर में होलियों का मंचन भी काफी शानदार होता है.

Last Updated : Mar 6, 2023, 6:36 PM IST
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