ETV Bharat / state

मुआवजा ने देने पर HC ने दिए बागेश्वर PWD के खाते सीज करने के आदेश, अफसरों के खिलाफ कार्रवाई

author img

By

Published : Apr 5, 2022, 10:06 PM IST

जमीन का मुआवजा नहीं देने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कपकोट बागेश्वर पीडब्ल्यूडी का खाता सीज करने, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. कार्रवाई करने के आदेश लोक निर्माण विभाग के सचिव दिया है.

Uttarakhand High Court
उत्तराखंड हाईकोर्ट

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कपकोट बागेश्वर लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीणों की जमीन का मुआवजा ना देने पर लोक निर्माण विभाग कपकोट के खाते सीज करने एवं क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के सचिव को दिए हैं. साथ ही रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है. इसके अलावा याचिकाकर्ताओं को दो महीने के भीतर भुगतान करने को भी कहा है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई.

मामले के मुताबिक, बागेश्वर के ग्रामीण हरीश पांडे एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2007 में पीडब्ल्यूडी ने उनकी भूमि रोड बनाने के लिए अधिकृत की. लेकिन जब विभाग से भूमि के एवज में मुआवजा मांगने गए तो विभाग ने भूमि अधिकृत करने की बात से साफ इनकार कर दिया. इस मामले को लेकर जब वे हाईकोर्ट आए तो विभाग ने स्वीकार किया कि उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी. अब उनको विभाग नए एक्ट के मुताबिक मुआवजा देने जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः HC ने फटकारा तो खेल निदेशालय ने टेके घुटने, अंतरराष्ट्रीय धावक को दी 5.50 लाख रुपए की सम्मान राशि

लेकिन कोर्ट में बयान देने के बाद विभाग एक बार फिर अपने बयानों से मुकर गया. याचिकाकर्ता के भूमि अधिग्रहित के सारे दावे खारिज कर दिए. इसके बाद याचिकाकर्ता फिर से हाईकोर्ट पहुंचे. जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग कपकोट बागेश्वर के खाते सीज करने, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश सचिव लोक निर्माण विभाग को दिए हैं. साथ ही दो महीने के भीतर ग्रामीणों को तब से अब तक का मुआवजा ब्याज सहित देने को कहा है.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कपकोट बागेश्वर लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीणों की जमीन का मुआवजा ना देने पर लोक निर्माण विभाग कपकोट के खाते सीज करने एवं क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के सचिव को दिए हैं. साथ ही रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है. इसके अलावा याचिकाकर्ताओं को दो महीने के भीतर भुगतान करने को भी कहा है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई.

मामले के मुताबिक, बागेश्वर के ग्रामीण हरीश पांडे एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2007 में पीडब्ल्यूडी ने उनकी भूमि रोड बनाने के लिए अधिकृत की. लेकिन जब विभाग से भूमि के एवज में मुआवजा मांगने गए तो विभाग ने भूमि अधिकृत करने की बात से साफ इनकार कर दिया. इस मामले को लेकर जब वे हाईकोर्ट आए तो विभाग ने स्वीकार किया कि उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी. अब उनको विभाग नए एक्ट के मुताबिक मुआवजा देने जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः HC ने फटकारा तो खेल निदेशालय ने टेके घुटने, अंतरराष्ट्रीय धावक को दी 5.50 लाख रुपए की सम्मान राशि

लेकिन कोर्ट में बयान देने के बाद विभाग एक बार फिर अपने बयानों से मुकर गया. याचिकाकर्ता के भूमि अधिग्रहित के सारे दावे खारिज कर दिए. इसके बाद याचिकाकर्ता फिर से हाईकोर्ट पहुंचे. जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग कपकोट बागेश्वर के खाते सीज करने, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश सचिव लोक निर्माण विभाग को दिए हैं. साथ ही दो महीने के भीतर ग्रामीणों को तब से अब तक का मुआवजा ब्याज सहित देने को कहा है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.