बागेश्वरः उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आसमानी आफत कहर बनकर बरस रही है. अभी तक कई लोगों की जान जा चुकी है. जबकि, कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं. बागेश्वर जिले में भी बीते 24 घंटे से लगातार बारिश जा रही है. वहीं, पिंडारी में हल्की बर्फबारी भी हुई है. जिससे उच्च हिमालयी क्षेत्र के गांवों में ठंड में भारी इजाफा हुआ है. अतिवृष्टि से कपकोट के बैड़ा-मझेड़ा गांव में एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है. गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर मलबा आने से यातायात प्रभावित हो गया है. उधर, दफौट, बालीघाट और रीमा क्षेत्र के 109 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है. वहीं, ज्वालादेवी वार्ड में पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई है.
बागेश्वर जिले के 99 गांवों में पसरा अंधेराः बता दें कि रविवार की रात करीब सात बजे से बागेश्वर जिले में लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण कपकोट के बैड़ा-मझेड़ा गांव निवासी दलीप राम पुत्र मोहन राम का मकान ध्वस्त हो गया है. घटना में उनका परिवार बाल-बाल बच गया. बारिश से ऊर्जा निगम को भी भारी नुकसान पहुंचा है. पेड़ गिरने से दफौट, मनकोट के 20 गांव, बालीघाट क्षेत्र के 25 गांव और दोफाड़, रीमा क्षेत्र के 18 गांवों की बिजली गुल हो गई है.
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वहीं, विद्युत लाइन को दुरुस्त करने का काम चल रहा है, लेकिन बारिश के कारण दिक्कतें हो रही हैं. इसके अलावा शामा, बड़ेत, हरसिगियाबगड़, ऊलानीधार, शाम-डाना, लीती, रिठकुला, हाम्टी-कापड़ी, रातिरकेटी, मलखाडुर्गचा, गोगिना, कीमु, लाथी, रमाड़ी, चूचेर, भनार, नामती-चेताबगड़ समेत 46 गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित है.
प्रशासन ने किया अलर्ट जारीः नदियों के किनारे अवैध तरीके से रेता, बजरी निकालने वालों के लिए पुलिस, राजस्व विभाग की टीम ने अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा नगर में भी डुगडुगी बजाई जा रही है. लोगों को नदी किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी जा रही है. जल पुलिस सरयू तट पर निगरानी कर रही है. पालड़ीछीना-जैन करास मोटर मार्ग पर जगह-जगह मलबा आ गया है. इस कारण यातयात प्रभावित हो गया है.
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स्थानीय निवासी फते सिंह करायत ने कहा कि यदि कोई दुर्घटना हुई तो उसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. उधर, कपकोट के कर्मी, नामतीचेटाबगड़, शामा समेत ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर मलबा आने से यातायात प्रभावित हो गया है. वहीं, जजी रोड पर पेड़ गिरने से ट्रांसफार्मर चपेट में आ गया, जिससे पूरे इलाके की बिजली चली गई है.
नगर पालिका के मंडलेसरा वार्ड व ज्वालादेवी वार्ड में बरसात के कारण ताल-तलैया बन गया है. जिसके कारण रास्ते भी पानी में डूब गए हैं. लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि पानी की निकासी नहीं होने के कारण लोग परेशान हैं. लोगों के घरों में भी पानी भरने लगा है. वहीं, स्टेशन रोड पर सड़क में जलभराव होने से दुकानों में भी पानी घुस गया है.
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बारिश के कारण बाजार में पसरा सन्नाटाः वहीं, कत्यूर घाटी में मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश के चलते स्कूल भी बंद हैं. गोमती व गरुड़ नदियां उफान पर हैं. नदी के जल स्तर को देखते हुए बैजनाथ झील के चारों गेट खोल दिए गए हैं. लोग घरों में कैद हो गए हैं. काश्तकारों की चिंता भी बढ़ गई है. पशुओं के लिए चारे की कटाई बाधित हो गई है. कुछ काश्तकार इस बारिश को खेतों की जुताई के लिए वरदान मान रहे हैं. उनका कहना है कि इससे गेहूं की बुआई में अब सिंचाई की समस्या नहीं रहेगी.
बारिश और जलस्तर की स्थितिः बागेश्वर में 50 एमएम, गरुड़ में 41 एमएम और कपकोट में 55 एमएम बारिश हुई है. नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. सरयू का जलस्तर वर्तमान में 869.70 मीटर पहुंच गया है. जबकि, गोमती नदी 870.70 मीटर पर रही है. वहीं, बैजनाथ झील का जलस्तर 1112.20 मीटर पहुंच गया है.