बागेश्वर: स्मैक का नशा पहाड़ तक पहुंच चुका है, जिसको लेकर पुलिस लगातार एक्शन मोड पर है. वहीं पूर्व राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप टम्टा ने राज्य में स्मैक के बढ़ते चलन के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार और प्रदेश और जिले की नौकरशाही को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बिना संरक्षण के नशा रूपी यह जहर हमारे प्रदेश के युवाओं तक नहीं पहुंच पाता. उन्होंने जिले में भी किशोरों और युवाओं में स्मैक के बढ़ते चलन पर चिंता जताई.
प्रदीप टम्टा ने सरकार पर साधा निशाना: गौर हो कि पहाड़ में स्मैक का नशा युवाओं को अपने मकड़जाल में फंसा रहा है. सीमांत के जिले भी इस नशे से अछूते नहीं रह गए हैं. कई बार स्मैक की बरामदगी चिंता का सबब बनी हुई है. वहीं जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में भागीदारी करने पहुंचे प्रदीप टम्टा ने कहा कि वह पूर्व में भी इस समस्या को उजागर कर चुके हैं. आज बागेश्वर ही नहीं देहरादून, उत्तरकाशी समेत सभी पहाड़ी जिलों में स्मैक रूपी जहर युवा पीढ़ी के भविष्य को खोखला कर रहा है. राज्य सरकार इस समस्या से निपटने को लेकर गंभीर नहीं है. कहा कि प्रदेश की सरकार और अफसरशाही के संरक्षण से ही स्मैक आसानी से प्रदेश की सीमा से अंदर पहुंच रही है.
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बढ़ते नशे पर जताई चिंता: अगर जल्द हालत नहीं संभाले गए तो स्थिति गंभीर हो सकती है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड के छोटे से जिले बागेश्वर में इसका असर लगातार बढ़ता जा रहा है, उससे स्थानीय प्रशासन की कमियां साफ तौर पर देखी जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि इसको लेकर प्रभारी मंत्री भी उदासीन दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से युवाओं को इस खतरनाक जहर से बचाने के लिए आगे आकर राजनीति से परे होकर काम करने की अपील भी की.