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बागेश्वर: मूलभूत सुविधाओं से महरूम ग्रामीण, कलेक्ट्रेट परिसर में किया प्रदर्शन - अस्पतालों में डाक्टर नहीं

जनपद के भनार और हड़बाड गांव के ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क और शिक्षा व अस्पताल की जर्जर व्यवस्था से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जताया विरोध.
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Published : Aug 28, 2019, 7:28 PM IST

बागेश्वर: जिले के भनार और हड़बाड गांव क्षेत्र के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को दर्जनों ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट परिसर में जमा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी सड़क और शिक्षा जैसी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

बता दें कि कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि गांव में स्कूल तो खोले गए हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है. इससे उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. इसके साथ ही दूसरी ओर जिले के अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर तैनात नहीं हैं. सड़क और स्वास्थ्य सुविधा न होने से ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल चलकर बागेश्वर जिला अस्पताल आना पड़ता है. कई बार तो इलाज के अभाव में ग्रामीण रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जताया विरोध.

यह भी पढ़ें: भारी बारिश के बाद बह गया पुल, जान जोखिम में डाल गदेरा पार करने को मजबूर बच्चे

वहीं, बात करें अगर हड़बाड़ के ग्रामीणों की तो उनका कहना है कि गांव में स्कूल की हालत बेहद जर्जर है. बरसात के दिनों में स्कूल की छत टपकने लगती है. ऐसे में बच्चों का पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता है. साथ ही दीवारों के जीर्ण-शीर्ण होने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है. बच्चे जान जोखिम में डाल कर जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग को कई बार स्थिति से अवगत कराया है. बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता है.

यह भी पढ़ें: क्रिकेट ट्रायल पर उठने लगे सवाल, खिलाड़ियों ने एसोसिएशन पर लगाए गंभीर आरोप

उधर, ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया कि उन्होंने अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली है. डीएम ने बताया कि सभी विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर क्षेत्र में जाकर प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए गए हैं. जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो सके.

बागेश्वर: जिले के भनार और हड़बाड गांव क्षेत्र के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को दर्जनों ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट परिसर में जमा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी सड़क और शिक्षा जैसी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

बता दें कि कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि गांव में स्कूल तो खोले गए हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है. इससे उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. इसके साथ ही दूसरी ओर जिले के अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर तैनात नहीं हैं. सड़क और स्वास्थ्य सुविधा न होने से ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल चलकर बागेश्वर जिला अस्पताल आना पड़ता है. कई बार तो इलाज के अभाव में ग्रामीण रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जताया विरोध.

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वहीं, बात करें अगर हड़बाड़ के ग्रामीणों की तो उनका कहना है कि गांव में स्कूल की हालत बेहद जर्जर है. बरसात के दिनों में स्कूल की छत टपकने लगती है. ऐसे में बच्चों का पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता है. साथ ही दीवारों के जीर्ण-शीर्ण होने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है. बच्चे जान जोखिम में डाल कर जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग को कई बार स्थिति से अवगत कराया है. बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता है.

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उधर, ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया कि उन्होंने अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली है. डीएम ने बताया कि सभी विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर क्षेत्र में जाकर प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए गए हैं. जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो सके.

Intro:एंकर- बागेश्वर जिले के अतिदुर्गम क्षेत्र भनार और हड़बाड गांव के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दर्जनों ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट परिसर में जमा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी सड़क और शिक्षा जैसी मांगों पर तुरंत कार्यवाही नहीं हुई तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।

वीओ1- कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुये ग्रामीणों ने कहा कि गांव में स्कूल तो खोले गये हैं लेकिन वहां शिक्षकों की तैनाती नहीं की गयी है। इससे उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं। सड़क और स्वास्थ्य सुविधा ना होने से ग्रामीण कई किलोमीटर पैदल चलकर बागेश्वर जिला अस्पताल आना पड़ता है। कई बार ईलाज के अभाव में ग्रामीण रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। हड़बाड़ के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में स्कूल की हालत बेहद खराब है। बरसात के दिनों में स्कूल की छत टपकने लगती है। दीवारों के जीर्ण-क्षीर्ण होने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है। बच्चे जान जोखिम में डाल कर जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। ग्रामीणों द्वारा शिक्षा विभाग को कई बार स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। इसके बाद भी विभाग कानों में अंगुली डाले किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है।
बाईट-1/2- पीड़ित ग्रामीण।

वीओ- उधर ग्रामीणों की समस्यायें सुनने के बाद जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने मामले को गम्भीर बताया। उन्होंने अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। डीएम ने बताया कि सभी विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर क्षेत्र में जाकर प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिये गये हैं।
बाईट-3- रंजना राजगुरू, डीएम बागेश्वर।Body:वीओ1- कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुये ग्रामीणों ने कहा कि गांव में स्कूल तो खोले गये हैं लेकिन वहां शिक्षकों की तैनाती नहीं की गयी है। इससे उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं। सड़क और स्वास्थ्य सुविधा ना होने से ग्रामीण कई किलोमीटर पैदल चलकर बागेश्वर जिला अस्पताल आना पड़ता है। कई बार ईलाज के अभाव में ग्रामीण रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। हड़बाड़ के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में स्कूल की हालत बेहद खराब है। बरसात के दिनों में स्कूल की छत टपकने लगती है। दीवारों के जीर्ण-क्षीर्ण होने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है। बच्चे जान जोखिम में डाल कर जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। ग्रामीणों द्वारा शिक्षा विभाग को कई बार स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। इसके बाद भी विभाग कानों में अंगुली डाले किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है।
बाईट-1/2- पीड़ित ग्रामीण।

वीओ- उधर ग्रामीणों की समस्यायें सुनने के बाद जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने मामले को गम्भीर बताया। उन्होंने अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। डीएम ने बताया कि सभी विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर क्षेत्र में जाकर प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिये गये हैं।
बाईट-3- रंजना राजगुरू, डीएम बागेश्वर।Conclusion:
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