बागेश्वर: जिले के कपकोट विकासखंड में आयुर्वेद विभाग की दबंगई का मामला सामने आया है. आरोप है कि आयुर्वेद विभाग ने एक स्थानीय ग्रामीण के पुश्तैनी मकान में पिछले 14 सालों से कब्जा जमाया हुआ है. वहीं, अब विभागीय अधिकारियों से आजिज आकर पीड़ित ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.
बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के जखथाना गांव निवासी खीम सिंह ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों पर उनके मकान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा में मदद के लिये उन्होंने दो हजार रुपये में आयुर्वेद चिकित्सालय को अपने पुश्तैनी मकान में एक कमरा दिया. आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि पांच साल तक विभाग को नि:शुल्क कमरा दिया जायेगा.
जिसके बाद विभाग अपने भवन की व्यवस्था कर मकान को खाली करेगा. मकान खाली ना करने की दशा में आयुर्वेद विभाग को भवन का किराया देना होगा. साथ ही पीड़ित खीम सिंह ने बताया कि बीते साल 2005 से अभी तक विभाग ने न तो किराया दिया है और ना ही मकान की मरम्मत की है. देखरेख के अभाव में मकान की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. ऐसे में परिवार की सुरक्षा को देखते हुये उन्हें अपने परिवार के रहने की व्यवस्था किसी ओर जगह की है.
वहीं, पीड़ित का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद विभाग ना तो मकान का किराया दे रहा और ना ही मकान की मरम्मत करा रहा है. जिसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए न्याय की मांग की है.
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इस मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कहा कि जरूरत के समय ग्रामीण ने विभाग की मदद की है और मदद लेने के बाद ग्रामीण को मकान किराये का भुगतान ना करना गलत है. ऐसे में आयुर्वेद चिकित्साधिकारी को तत्काल मौके पर जाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जल्द ही ग्रामीण की समस्या का समाधान हो जाएगा.