ETV Bharat / state

बागेश्वर में आयुर्वेद विभाग की दबंगई, 14 सालों से मकान पर जमाये हुए है कब्जा

author img

By

Published : Jan 11, 2020, 8:00 PM IST

बागेश्वर के कपकोट विकासखंड में आयुर्वेद विभाग ने एक ग्रामीण के पुश्तैनी मकान में 14 सालों से कब्जा किये हुए है. वहीं, विभाग ना तो पीड़ित को किराया दे रहा है और न ही मकान की मरम्मत कर रहा है. ऐसे में अब ग्रामीण ने जिलाधिकारी कार्यालय में न्याय की गुहार लगाई है.

Ayurveda department news
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय

बागेश्वर: जिले के कपकोट विकासखंड में आयुर्वेद विभाग की दबंगई का मामला सामने आया है. आरोप है कि आयुर्वेद विभाग ने एक स्थानीय ग्रामीण के पुश्तैनी मकान में पिछले 14 सालों से कब्जा जमाया हुआ है. वहीं, अब विभागीय अधिकारियों से आजिज आकर पीड़ित ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

ग्रामीण के मकान पर विभाग ने किया कब्जा.

बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के जखथाना गांव निवासी खीम सिंह ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों पर उनके मकान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा में मदद के लिये उन्होंने दो हजार रुपये में आयुर्वेद चिकित्सालय को अपने पुश्तैनी मकान में एक कमरा दिया. आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि पांच साल तक विभाग को नि:शुल्क कमरा दिया जायेगा.

जिसके बाद विभाग अपने भवन की व्यवस्था कर मकान को खाली करेगा. मकान खाली ना करने की दशा में आयुर्वेद विभाग को भवन का किराया देना होगा. साथ ही पीड़ित खीम सिंह ने बताया कि बीते साल 2005 से अभी तक विभाग ने न तो किराया दिया है और ना ही मकान की मरम्मत की है. देखरेख के अभाव में मकान की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. ऐसे में परिवार की सुरक्षा को देखते हुये उन्हें अपने परिवार के रहने की व्यवस्था किसी ओर जगह की है.

वहीं, पीड़ित का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद विभाग ना तो मकान का किराया दे रहा और ना ही मकान की मरम्मत करा रहा है. जिसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए न्याय की मांग की है.

ये भी पढ़ें: आयुर्वेद टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो रहे ये गांव, मिलेंगी खास सुविधाएं

इस मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कहा कि जरूरत के समय ग्रामीण ने विभाग की मदद की है और मदद लेने के बाद ग्रामीण को मकान किराये का भुगतान ना करना गलत है. ऐसे में आयुर्वेद चिकित्साधिकारी को तत्काल मौके पर जाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जल्द ही ग्रामीण की समस्या का समाधान हो जाएगा.

बागेश्वर: जिले के कपकोट विकासखंड में आयुर्वेद विभाग की दबंगई का मामला सामने आया है. आरोप है कि आयुर्वेद विभाग ने एक स्थानीय ग्रामीण के पुश्तैनी मकान में पिछले 14 सालों से कब्जा जमाया हुआ है. वहीं, अब विभागीय अधिकारियों से आजिज आकर पीड़ित ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

ग्रामीण के मकान पर विभाग ने किया कब्जा.

बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के जखथाना गांव निवासी खीम सिंह ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों पर उनके मकान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा में मदद के लिये उन्होंने दो हजार रुपये में आयुर्वेद चिकित्सालय को अपने पुश्तैनी मकान में एक कमरा दिया. आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि पांच साल तक विभाग को नि:शुल्क कमरा दिया जायेगा.

जिसके बाद विभाग अपने भवन की व्यवस्था कर मकान को खाली करेगा. मकान खाली ना करने की दशा में आयुर्वेद विभाग को भवन का किराया देना होगा. साथ ही पीड़ित खीम सिंह ने बताया कि बीते साल 2005 से अभी तक विभाग ने न तो किराया दिया है और ना ही मकान की मरम्मत की है. देखरेख के अभाव में मकान की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. ऐसे में परिवार की सुरक्षा को देखते हुये उन्हें अपने परिवार के रहने की व्यवस्था किसी ओर जगह की है.

वहीं, पीड़ित का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद विभाग ना तो मकान का किराया दे रहा और ना ही मकान की मरम्मत करा रहा है. जिसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए न्याय की मांग की है.

ये भी पढ़ें: आयुर्वेद टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो रहे ये गांव, मिलेंगी खास सुविधाएं

इस मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कहा कि जरूरत के समय ग्रामीण ने विभाग की मदद की है और मदद लेने के बाद ग्रामीण को मकान किराये का भुगतान ना करना गलत है. ऐसे में आयुर्वेद चिकित्साधिकारी को तत्काल मौके पर जाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जल्द ही ग्रामीण की समस्या का समाधान हो जाएगा.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- बागेश्वर के कपकोट विकासखंड में बड़ा ही चैंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि आयुर्वेद विभाग ने एक ग्रामीण के पुस्तैनी मकान में पिछले 14 सालों से कब्जा जमाया हुआ है। पीड़ित ग्रामीण ने डीएम कार्यालय में न्याय की गुहार लगायी है।

वीओ- बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के जखथाना गांव निवासी खीम सिंह ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों पर उनके मकान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है। पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा में मदद के लिये उन्होंने दो हजार रुपये में आयुर्वेद चिकित्सालय को अपने पुस्तैनी मकान में एक कमरा दिया। अधिकारियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि पांच साल तक विभाग को निशुल्क कमरा दिया जायेगा बाद में विभाग अपने भवन की व्यवस्था कर मकान को खाली करेगा। मकान खाली ना करने पर भवन के किराये का नियमित भुगतान करना होगा। पीड़ित खीम सिंह ने बताया कि वर्ष 2005 से अभी तक विभाग ने न तो किराया दिया है और ना ही मकान की मरम्मत की है। देखरेख के अभाव में मकान की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। परिवार की सुरक्षा को देखते हुये उन्हें अपने परिवार को अन्य जगह ले जाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि बार बार कहने के बावजूद विभाग ना तो मकान का किराया दे रहा और ना ही मकान की मरम्मत करा रहा है। पीड़ित ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुये न्याय की मांग की है।
वहीं पीड़ित ग्रामीण की शिकायत को जिला प्रशासन ने गंभीर मामला बताया है।जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कहा कि जरूरत के समय ग्रामीण ने विभाग की मदद की है और मदद लेने के बाद ग्रामीण को मकान किराये का भुगतान ना करना गलत है। जिलाधिकारी ने आयुर्वेद चिकित्साधिकारी को तत्काल मौके पर जाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिये हैं।

बाईट-1- खीम सिंह, पीड़ित ग्रामीण।
बाईट-2- रंजना राजगुरू, डीएम।Body:वीओ- बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के जखथाना गांव निवासी खीम सिंह ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों पर उनके मकान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है। पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा में मदद के लिये उन्होंने दो हजार रुपये में आयुर्वेद चिकित्सालय को अपने पुस्तैनी मकान में एक कमरा दिया। अधिकारियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि पांच साल तक विभाग को निशुल्क कमरा दिया जायेगा बाद में विभाग अपने भवन की व्यवस्था कर मकान को खाली करेगा। मकान खाली ना करने पर भवन के किराये का नियमित भुगतान करना होगा। पीड़ित खीम सिंह ने बताया कि वर्ष 2005 से अभी तक विभाग ने न तो किराया दिया है और ना ही मकान की मरम्मत की है। देखरेख के अभाव में मकान की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। परिवार की सुरक्षा को देखते हुये उन्हें अपने परिवार को अन्य जगह ले जाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि बार बार कहने के बावजूद विभाग ना तो मकान का किराया दे रहा और ना ही मकान की मरम्मत करा रहा है। पीड़ित ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुये न्याय की मांग की है।
वहीं पीड़ित ग्रामीण की शिकायत को जिला प्रशासन ने गंभीर मामला बताया है।जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कहा कि जरूरत के समय ग्रामीण ने विभाग की मदद की है और मदद लेने के बाद ग्रामीण को मकान किराये का भुगतान ना करना गलत है। जिलाधिकारी ने आयुर्वेद चिकित्साधिकारी को तत्काल मौके पर जाकर रिपोर्ट देने के आदेश दिये हैं।

बाईट-1- खीम सिंह, पीड़ित ग्रामीण।
बाईट-2- रंजना राजगुरू, डीएम।Conclusion:देखना होगा मामले में जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद कब तक पीड़ित को न्याय मिल पाएगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.