अल्मोड़ाः बीते कुछ सालों से किसी समारोह में शराब परोसने का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. मौका शादी या फिर किसी अन्य खुशी का हो, शराब का चलन आम हो गया है. जिससे युवा तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं. जिसे देखते हुए रानीखेत के चौकुनी कलौना के ग्रामीणों ने गांव में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही शादियों और अन्य उत्सवों में शराब न पीने और न पिलाने की शपथ ली है.
दरअसल, रानीखेत तहसील के चौकुनी कलौना के ग्रामीणों ने खुली बैठक का आयोजन कर गांव में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इस दौरान चौकुनी कलौना के प्रधान मनोज ने कहा कि मदिरा के सेवन से न सिर्फ शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो रहे हैं. बल्कि, इससे कई परिवार भी उजड़ रहे हैं. गरीबी में जीवन यापन करने वाले परिवार भी शराब की लत से अपना नुकसान कर रहे हैं. जिसे देखते हुए ग्राम पंचायत ने शराब पर पाबंदी लगाई है.
ये भी पढ़ेंः पहाड़ों पर पैर पसार रहा नशे का कारोबार, साल-दर-साल बढ़ रहा आंकड़ा
उन्होंने कहा कि कई जागरूकता कार्यक्रमों के बाद भी समाज से शराब दूर नहीं हो पा रही है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है. ऐसे में शराब से निजात दिलाने के लिए सबको एकजुट होने की जरूरत है. बैठक में गांव में होने वाले विवाह के अलावा अन्य समारोह में शराब से पूरी तरह दूरी बनाने का निर्णय लिया गया है. अब समारोह में शराब पीने और पिलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.