अल्मोड़ा: जनपद की जैंती तहसील और ल्वाली गांव की खबरें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के कारण अक्सर सुर्खियों में बना रहता है. यहां से धोनी का नाता और उनके जुड़ाव की खबरों ने इस क्षेत्र को एक नई पहचान दी है. मगर अब कोरोना काल में इस क्षेत्र से नवाचार की एक और कहानी निकलकर सामने आई है.
कोरोनाकाल में यहां एक अनोखे ढंग से शादी करवाई गई. शादी से ठीक पहले दूल्हे के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दूल्हा-दुल्हन की शादी की रस्में ऑनलाइन करवाई गई. जिसके 9 दिन बाद दूल्हा गाजे बाजे और सात बारातियों के साथ बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा, फिर शादी की बाकी रस्में निभाईं. यह अनोखी शादी जिलेभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. शादी बीते 24 अप्रैल को तय हुई थी. यहां विवाह से ठीक पहले दूल्हा कोरोना संक्रमित हो गया था.
दरअसल, ल्वाली के रहने वाले स्व. नारायण सिंह धोनी का परिवार इन दिनों लखनऊ के गोमती नगर में रहता है. उनके बेटे उमेश सिंह धोनी की शादी जैंती तहसील के कांडे गांव के रहने वाले रमेश सिंह कन्याल की बेटी मंजू से तय हुई थी. 24 अप्रैल को लखनऊ से बारात कांडे गांव आनी थी, मगर इससे पहले ही दूल्हा कोरोना संक्रमित हो गया.
पढ़ें- गुरुग्राम में कोरोना के इलाज में मददगार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी!
वहीं, दूसरी ओर 24 अप्रैल को दुल्हन के घर पर शादी की तैयारियां पूरी थी. मगर दूल्हे के कोरोना संक्रमित होने की सूचना मिलने के बाद दुल्हन पक्ष में मायूसी छा गई. दूल्हे के पॉजिटिव आने के बाद पूरा परिवार क्वारंटाइन हो गया. रिपोर्ट आने से पहले ही वर और वधू पक्ष ने गणेश पूजा संपन्न करा ली थी. हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक गणेश पूजा के बाद विवाह को रोकना शुभ नहीं माना जाता, ऐसे में दोनों पक्षों ने धर्माचार्यों की सलाह पर ऑनलाइन शादी की रस्में पूरी कीं.
पढ़ें- उत्तराखंड से रेमडेसिविर इंजेक्शन लाकर पानीपत में बेचता था गिरोह, ऐसे हुआ भंडाफोड़
अब निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद दूल्हा अपने रिश्तेदारों के साथ लखनऊ से शनिवार को जैती पहुंचा. रविवार को होटल से ही गाजे बाजे और 7 बारातियों को लेकर बारात निकाली. जिसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि को साक्षी मानते हुए सात फेरे लिए.