अल्मोड़ा: उत्तराखंड में भूमि की अंधाधुंध खरीद को रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश की भांति धारा 118 के प्रावधान यहां भी लागू किए जाने की मांग की जा रही है. इसको लेकर उत्तराखंड क्रांति दल की अल्मोड़ा इकाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेजा है.
यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने कहा कि उत्तराखंड के पास कृषि योग्य सीमित भूभाग है. राज्य बनने के बाद जनता को ये उम्मीद थी राज्य की सरकार शेष बची भूमि को बचाने के लिए कठोर भू कानून लागू करेगी. लेकिन राज्य में बारी-बारी सत्ता में आई कांग्रेस व भाजपा सरकार ने भूमि की खुली लूट को जारी रखने के लिए भू कानून को और अधिक शिथिल करने का काम किया है. इसके चलते बाहर की कंपनियां सोलर प्लांट लगाने के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि योग्य भूमि को भी औने-पौने दामों में ग्रामीणों को शराब पिलाकर और नौकरी का प्रलोभन देकर खरीद रहे हैं. इससे आने वाले समय में उत्तराखंड के सामने भूमि का संकट पैदा होगा.
ज्ञापन में उत्तराखंड क्रांति दल ने अल्मोड़ा जनपद के सोमेश्वर तहसील के वल्सा गांव में पिछले वर्ष हुई ऐसी ही खरीद-फरोख्त में शामिल भीमताल की कंपनी द्वारा खरीदी गई भूमि को संदिग्ध बताते हुए कंपनी की वैधता की जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस कंपनी द्वारा दिए गए नाम और पते पर भेजे गए पत्र, प्रेषक को ही टिप्पणी के साथ वापस आ रहे हैं कि भीमताल में इस नाम की कोई कंपनी नहीं है. उत्तराखंड क्रांति दल अल्मोड़ा जनपद इकाई ने सोलर प्लांट लगाए जाने के लिए बाहर के लोगों को भूमि खरीद-फरोख्त की छूट दिए जाने के स्थान पर उसी गांव के बेरोजगार युवाओं को सोलर प्लांट लगाए जाने के लिए ऋण अनुदान दिए जाने की मांग भी ज्ञापन में की है.
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सोमेश्वर निवासी ललित सिंह बजेली का कहना है कि भीमताल की इस कंपनी ने बहला-फुसलाकर उनसे करोड़ों की जमीन कुछ लाख रुपये में सोलर प्लांट के नाम पर खरीद ली. बाद में पता लगा कि वह कंपनी सोलर प्लांट के लिए अधिकृत है ही नहीं. उन्होंने इस जमीनों अवैध खरीद-फरोख्त की जांच की मांग की है.