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पर्यटकों की कमी से जूझ रहे पर्यटन स्थल, सरकार पर अनदेखी का आरोप

शीतलाखेत में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय लोग और प्रकृति प्रेमी सरकार द्वारा इस क्षेत्र को अनदेखा किए जाने से काफी मायूस हैं. उनका कहना है कि प्रकृति की सुंदरता को अपने में ओढ़े शीतलाखेत पर्यटकों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्पॉट है, लेकिन यहां पहुंचने वाली सड़कें बदहाल होने के कारण पर्यटक यहां का लुत्फ नहीं उठा पाते हैं.

almora
पर्यटन स्थल
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Published : Oct 28, 2020, 1:02 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 3:08 PM IST

अल्मोड़ा: शीतलाखेत क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण स्थल है. पहाड़ की शांत वादियों और प्रकृति की खूबसूरती से सुसज्जित यह स्थल पर्यटकों को बेहद पसंद आता है. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि सरकार और उसका पर्यटन विभाग इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित नहीं कर पाया है. यहां मूलभूत सुविधाओं के अभाव और सड़कों की बदहाल स्थिति होने के कारण इस पर्यटक स्थल का पर्यटक आनंद नहीं उठा पा रहे हैं.

पर्यटकों की कमी से जूझ रहे पर्यटन स्थल.

शीतलाखेत में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय लोग और प्रकृति प्रेमी सरकार द्वारा इस क्षेत्र को अनदेखा किए जाने से काफी मायूस हैं. उनका कहना है कि प्रकृति की सुंदरता को अपने मे ओढ़े शीतलाखेत पर्यटकों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्पॉट है, लेकिन यहां पहुंचने वाली सड़कें बदहाल होने के कारण पर्यटक यहां का लुत्फ नहीं उठा पाते हैं. पर्यटक यहां पहुचकर यहां की सुंदरता से अभिभूत तो होता है, लेकिन सड़क बदहाल होने से कारण वह काफी परेशानी झेलकर यहां पहुंचता है. यहां पहुंचने वाले मार्ग में जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं. जिस कारण पर्यटकों का यहां आना कम हो जाता है.

पढ़ें: हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमडी की 14 सीटों को मिली मान्यता, लंबे समय से थी मांग

स्थानीय लोगों का कहना है कि शीतलाखेत में ब्रिटिशकाल में चाय के बागान थे. हिमालय के नजारों से लेकर पहाड़ की मनभावन हरियाली से धनी यह क्षेत्र बर्ड वॉचिंग के रूप में भी विकसित हो सकता है, जिससे पर्यटक यहां खिंचे आते. लेकिन इतने महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के विकास को लेकर आज तक सरकारों ने ध्यान दिया ही नहीं है.

अल्मोड़ा: शीतलाखेत क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण स्थल है. पहाड़ की शांत वादियों और प्रकृति की खूबसूरती से सुसज्जित यह स्थल पर्यटकों को बेहद पसंद आता है. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि सरकार और उसका पर्यटन विभाग इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित नहीं कर पाया है. यहां मूलभूत सुविधाओं के अभाव और सड़कों की बदहाल स्थिति होने के कारण इस पर्यटक स्थल का पर्यटक आनंद नहीं उठा पा रहे हैं.

पर्यटकों की कमी से जूझ रहे पर्यटन स्थल.

शीतलाखेत में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय लोग और प्रकृति प्रेमी सरकार द्वारा इस क्षेत्र को अनदेखा किए जाने से काफी मायूस हैं. उनका कहना है कि प्रकृति की सुंदरता को अपने मे ओढ़े शीतलाखेत पर्यटकों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्पॉट है, लेकिन यहां पहुंचने वाली सड़कें बदहाल होने के कारण पर्यटक यहां का लुत्फ नहीं उठा पाते हैं. पर्यटक यहां पहुचकर यहां की सुंदरता से अभिभूत तो होता है, लेकिन सड़क बदहाल होने से कारण वह काफी परेशानी झेलकर यहां पहुंचता है. यहां पहुंचने वाले मार्ग में जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं. जिस कारण पर्यटकों का यहां आना कम हो जाता है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि शीतलाखेत में ब्रिटिशकाल में चाय के बागान थे. हिमालय के नजारों से लेकर पहाड़ की मनभावन हरियाली से धनी यह क्षेत्र बर्ड वॉचिंग के रूप में भी विकसित हो सकता है, जिससे पर्यटक यहां खिंचे आते. लेकिन इतने महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के विकास को लेकर आज तक सरकारों ने ध्यान दिया ही नहीं है.

Last Updated : Nov 18, 2020, 3:08 PM IST
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