सोमेश्वर: सोमेश्वर क्षेत्र में हुई भारी बरसात और अतिवृष्टि के कारण चनौदा घाटी और लोद घाटी में भारी नुकसान हुआ है. लोद घाटी के लखनाड़ी गांव को जोड़ने वाली लोनिवि की पुलिया और कोटलगढ़ गधेरे के ऊपर बनी मोटर पुल की दीवार क्षतिग्रस्त होने से पुलों के गिरने का खतरा हो गया है. गुरुड़ा गांव में उफनाये गोलू गधेरे में भारी मलबा आने से किसानों के धान के खेत रौखड़ में तब्दील हो गए हैं. गांव का एकमात्र मार्ग बाधित हो गया है. ओलागूंठ-तोलागूंठ पेयजल योजना ठप हो गई है. इससे चनौदा न्याय पंचायत के आधा दर्जन गांवों की पेयजल आपूर्ति बंद हो गई है.
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शुक्रवार की रात क्षेत्र में हुई बरसात में सिंचाई विभाग की खाड़ी सुनार प्रथम, खाड़ी सुनार द्वितीय और गोलने गांव की सिंचाई गूलों के हेड उफनती हुई साईं नदी में ध्वस्त हो गए हैं. इन तीनों सिंचाई गूलों की कुछ मीटर गूल भी बह चुकी हैं. कुटलगढ़ गधेरे से 15 से ज्यादा किसानों के धान के खेत दूसरी बार भू कटाव होने से बह गए हैं.
गुरुड़ा की वन सरपंच लीला बोरा सहित ग्रामीणों का आरोप है कि 4 वर्ष पूर्व पुल को जोड़ने वाला यह संपर्क मार्ग आपदा की भेंट चढ़ गया था. विभाग ने इसे अब तक नहीं बनाया. ग्रामीणों ने अनेक बार श्रमदान कर मार्ग को दुरुस्त किया. भारी बारिश से मार्ग फिर बह गया है.
भाजपा नेता दिलीप रौतेला, खाड़ी सुनार के ग्राम प्रधान भगवंत वर्मा, पूर्व बीडीसी जगत रावत और शिव सिंह भोजक आदि ने क्षतिग्रस्त पुलों और गूलों के हेड सहित सुरक्षा दीवार निर्माण करने की मांग प्रशासन से की है.