अल्मोड़ा: जिला अस्पताल में पिछले दिनों प्रसूता महिला की हुई मौत के बाद राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. जिले में गर्भवती व प्रसूताओं की इससे पहले भी लगातार हो रही मौत को लेकर महिला आयोग ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है.
महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि विगत कई समय से स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में प्रसूता महिलाओं की मौत की खबरें प्रकाशित हो रही है. दन्या क्षेत्र में विगत 29 नवबर को प्रसूता की मौत हुई. कुछ समय पहले अल्मोड़ा बेस में भी प्रसूताओं की मौत की खबर प्रकाशित हुई, ऐसे में आयोग आपसे जानना चाहता है कि स्थानीय प्रशासन के अधीन स्वास्थ्य विभाग क्यों लापरवाही बरत रहा है. इस लापरवाही पर क्या कारवाई की गई है ? क्या कारण है जो महिलाएं मरने को विवश है ? जब राज्य सरकार सारी व्यवस्थाएं कर रहा है, तो गड़बड़ कहां पर है ? इन बिंदुओं पर आयोग को तत्काल अवगत कराएं, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके और प्रसूता महिलाओं को अकारण मरने से बचाया जा सके.
बता दें, जिले में स्वास्थ्य की प्रर्याप्त सुविधाएं न होने, डॉक्टरों की कमी होने से स्वास्थ्य सुविधाएं तो चरमराई हुई हैं, लेकिन इसके अलावा कहीं न कहीं उपलब्ध डॉक्टरों की भी लापरवाही सामने आई है. क्योंकि पूर्व में कई गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को डॉक्टरों की लापरवाही से ही जान से हाथ धोना पड़ा है.
पढ़ें- स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी साबित हो रही 'स्वनिधि योजना', अबतक 11 हजार से ज्यादा लाभान्वित
विगत 29 नवंबर को धौलादेवी विकासखंड निवासी एक महिला की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. चिकित्सकों ने आईसीयू के अभाव में महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया था. हालांकि, परिजनों ने उसे हायर सेंटर ले जाने से मना कर दिया था, जिसको आईसीयू की सख्त जरूरत थी. जिसके कुछ समय बाद जिला अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई थी.
लगभग 3 माह पूर्व कटारमल निवासी एक गर्भवती महिला की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी, जिसमें चिकित्सकों की लापरवाही सामने आई थी, लेकिन आरोपी चिकित्सकों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है, जिले में इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें गर्भवती महिलाएं व प्रसूता स्वास्थ्य विभाग की खामियों व चिकित्सकों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है.