सोमेश्वर: राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र के दौलाघाट और गली बसयूरा का भ्रमण किया. सड़क बंद होने के कारण, उन्हें पैदल गांव तक पहुंचना पड़ा. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और शासन-प्रशासन को आपदा से निपटने में नाकाम बताया.
गली बसयूरा गांव को जोड़ने वाली सड़क के बंद होने के कारण राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने पैदल ही गांव का सफर तय किया. गांव पहुंच कर उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया. ग्रामीणों ने सांसद को आपदा में टूटी सड़कों, क्षतिग्रस्त पेयजल, संपर्क मार्गों, सिंचाई, नहरों और खाद्यान्न की समस्याओं के बारे में बताया.
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने प्रशासन और राज्य सरकार पर आपदा से निपटने में फेल होने का आरोप लगाया. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़ी सड़कों को खोलने की मांग की है. इस दौरान छात्र संघ के सदस्यों ने राज्यसभा सांसद के सम्मुख विश्वविद्यालय तथा राजकीय महाविद्यालयों में छात्रसंघ के चुनाव कराए जाने की मांग रखी. जिस पर राज्यसभा सांसद ने प्रदेश सरकार और उच्च शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से शीघ्र छात्र संघ का चुनाव कराने और छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल करने की अपील की.
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नदियों का जलस्तर कम होने के साथ ही आपदा की भयावह स्थिति भी सामने आने लगी है. आपदा में सोमेश्वर के सिरखेत में 150 नाली भूमि मलबे से पट गई है. हालात यह है कि किसान अपने खेत पहचान नहीं पा रहे हैं. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर नदी का रुख बदलने की मांग की है.
मनसा नदी से सिरखेत की लगभग 150 नाली कृषि भूमि में मलबा और बोल्डर भरने से कई खेत रौखड़ में तब्दील हो गए हैं. बौरारौ घाटी विकास संघर्ष समिति और ग्राम प्रधानों ने तहसीलदार के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा है. जिसमें मांग की गई है कि किसानों के खेतों में पहुंच चुकी मनसा नदी को पूर्व की जगह मोड़ने के लिए जेसीबी मशीन से मलबा हटाया जाए.
वर्तमान में खेतों में मनसा नदी बह रही है. हालात यह है कि कई किसान अपने खेतों की पहचान तक नहीं कर पा रहे हैं. क्षेत्र में अक्टूबर माह में इस प्रकार का मंजर पहली बार दिखाई दिया, जब दैवीय आपदा ने इतनी हानि हुई है.