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आध्यात्मिक शांति के लिए अल्मोड़ा पहुंचे रजनीकांत, योगदा आश्रम में लगाया ध्यान - द्वारहाट समाचार

भारतीय सुपर स्टार रजनीकांत आध्यात्मिक शांति के लिए इन दिनों देवभूमि की वादियों की सैर पर हैं. बदरीनाथ के दर्शनों के बाद रजनीकांत बुधवार देर शाम अल्मोड़ा के द्वाराहाट स्थित योगदा आश्रम में अपनी बेटी ऐश्वर्या एवं मित्र के साथ पहंचे.

आध्यात्मिक शांति के लिए अल्मोड़ा पहुंचे रजनीकांत
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Published : Oct 17, 2019, 9:13 PM IST

द्वारहाटः भारतीय सुपर स्टार रजनीकांत आध्यात्मिक शांति के लिए इन दिनों देवभूमि की वादियों की सैर पर हैं. बदरीनाथ के दर्शनों के बाद रजनीकांत बुधवार देर शाम अल्मोड़ा के द्वाराहाट स्थित योगदा आश्रम में अपनी बेटी ऐश्वर्या एवं मित्र के साथ पहंचे. इस दौरान एक्शन किंग के नाम से मशहूर रजनीकांत पहाड़ की पगड्डियों को नापने के लिए लाठी का सहारा भी लिया.

रजनीकांत योगदा आश्रम में रात्रि विश्राम करने के बाद बृहस्पतिवार सुबह साढ़े सात बजे आश्रम की लाइब्रेरी में पहुंचे और योग दर्शन से जुड़े दार्शिनिकों की पुस्तकों का अध्ययन किया. रजनीकांत ने आश्रम में ध्यान भी लगाया. इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर वह कुकछिना स्थित योगदा आश्रम से लाठी के सहारे पैदल साढ़े तीन किमी चल कर पांडवखोली स्थित महावतार बाबा की गुफा में पहुंचे. जहां उन्होंने एक घंटा योग साधना की.

ये भी पढ़ेंःहरिद्वार में हर साल गंगा की गोद से निकलता है 'सोना', यूपी-उत्तराखंड से हजारों लोग आते हैं तलाशने

वहीं, 2002 में पहली बार अभिनेता रजनीकांत यहां योगदा आश्रम पहुंचे थे. आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से उनकी मुलाकात हुई. महाराज ने रजनीकांत को बाबा जी और योगानंद के बारे में विस्तृत जानकारी दी. गौरतलब है कि इसी जगह पर रजनीकांत ने 2007 में क्रियायोग की दिक्षा गुरू योगानंद महाराज से ली थी. तब से वह लगातार यहां हर साल आया करते हैं. पिछले साल मार्च महीने में यहां योग साधना करने पहुंचे थे.

द्वारहाटः भारतीय सुपर स्टार रजनीकांत आध्यात्मिक शांति के लिए इन दिनों देवभूमि की वादियों की सैर पर हैं. बदरीनाथ के दर्शनों के बाद रजनीकांत बुधवार देर शाम अल्मोड़ा के द्वाराहाट स्थित योगदा आश्रम में अपनी बेटी ऐश्वर्या एवं मित्र के साथ पहंचे. इस दौरान एक्शन किंग के नाम से मशहूर रजनीकांत पहाड़ की पगड्डियों को नापने के लिए लाठी का सहारा भी लिया.

रजनीकांत योगदा आश्रम में रात्रि विश्राम करने के बाद बृहस्पतिवार सुबह साढ़े सात बजे आश्रम की लाइब्रेरी में पहुंचे और योग दर्शन से जुड़े दार्शिनिकों की पुस्तकों का अध्ययन किया. रजनीकांत ने आश्रम में ध्यान भी लगाया. इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर वह कुकछिना स्थित योगदा आश्रम से लाठी के सहारे पैदल साढ़े तीन किमी चल कर पांडवखोली स्थित महावतार बाबा की गुफा में पहुंचे. जहां उन्होंने एक घंटा योग साधना की.

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वहीं, 2002 में पहली बार अभिनेता रजनीकांत यहां योगदा आश्रम पहुंचे थे. आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से उनकी मुलाकात हुई. महाराज ने रजनीकांत को बाबा जी और योगानंद के बारे में विस्तृत जानकारी दी. गौरतलब है कि इसी जगह पर रजनीकांत ने 2007 में क्रियायोग की दिक्षा गुरू योगानंद महाराज से ली थी. तब से वह लगातार यहां हर साल आया करते हैं. पिछले साल मार्च महीने में यहां योग साधना करने पहुंचे थे.

Intro:
साउथ के जाने-माने सुपर स्टाॅर रजनीकांत आध्यात्मिक शांति के लिए इन दिनों देवभूमि उत्तराखण्ड की वादियों की सैर पर आये हुए है। बद्रीनाथ के दर्शनों के बाद रजनीकांत बुधवार देर सायं अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट स्थित योगदा आश्रम में अपनी बेटी ऐश्वर्या एवं एक मित्र के साथ पहॅुचे। इस दौरान एक्शन किंग के नाम से मशहूर रजनीकांत पहाड़ की पगड्डियों को नापने के लिए लाठी का सहारा लेते दिखाईं दिये।
Body:जानकारी के अनुसार रजनीकांत योगदा आश्रम में रात्रि विश्राम करने के बाद बृहस्पतिवार सुबह साढ़े सात बजे आश्रम की लाईब्रेरी में पहॅुचकर योग दर्शन से जुड़े दार्शिनिकों की पुस्तकों का अध्ययन किया। जिसके बाद रजनीकांत ने आश्रम में चंद मिनटों तक ध्यान लगाया। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर वह कुकछिना स्थित योगदा आश्रम से लाठी के सहारे पैदल साढ़े तीन किमी चल कर पांडवखोली स्थित महावतार बाबा की गुफा में पहॅुचे। जहाॅ उन्होंने एक घंटा योग साधना की। जिसके बाद वापस पैदल चलकर आश्रम पहुॅचे। दोपहरन में वह अपने मित्र के आवास गुरूश्ररणम् पहुॅचकर दोपहर का भोजन किया। बाद में ढ़ाई बजे के करीब अपने निजी वाहन से रानीखेत होते हुए नैनीताल की ओर निकले।
गौरतलब है कि इसी जगह पर रजनीकांत ने 2007 में क्रियायोग की दिक्षा अपने गुरु योगानंद महाराज से ली थी। तब से वह लगातार यहाॅ का रूख हर साल करते आये है। पिछले साल मार्च महिने में यहाॅ योग साधना करने पहॅुचे थे। तीन दिन पहाड़ की शांत वादियों में उन्होंने आध्यात्मिक ध्यान लगाया।Conclusion:
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