अल्मोड़ा: विश्वप्रसिद्ध जागेश्वर धाम में अंगीठी फेंकने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की टीम द्वारा जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश करने का मामला तूल पकड़ने लगा है. इस मामले को लेकर पुजारी समाज मुखर हो गया है. पुजारियों ने इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए कार्रवाई की मांग की है.
जागेश्वर मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के पास है. विगत दिनों जागेश्वर मंदिर में हो रहे कार्यों का जायजा लेने के लिए देहरादून से एएसआई के रीजनल अधीक्षक डॉ. आर. पटेल टीम के साथ वहां पहुंचे थे. पुजारियों का आरोप है कि एएसआई टीम बिना जूते उतारे मंदिर परिसर में पहुंच गयी. यहीं नहीं पुजारियों का आरोप है कि मंदिर के पुजारी अंगीठी जलाकर अलाव सेक रहे थे, इसी दौरान एएसआई की टीम ने उनकी अंगीठी को पकड़कर जटा गंगा में फेंक दी. जिसके बाद से पुजारियों में खासा रोष है.
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जागेश्वर मंदिर के पुजारी हेमंत भट्ट का कहना है कि जागेश्वर धाम में देश- विदेश के लोगों की आस्था जुड़ी है. मंदिर में जो भी आता है वो मंदिर के गेट के पास जूते चप्पल उतार कर प्रवेश करता है. लेकिन एएसआई टीम ने जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश किया. जिसका वीडियो भी सामने आया है. उनका कहना है कि इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. जिस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं मंदिर के प्रबंधक भगवान भट्ट का कहना है कि मंदिर परिसर में काफी ठंड है. ठंड से बचने के लिए पूर्व से ही पुजारी मंदिर परिसर में आग जलाते आ रहे हैं. क्योंकि बिना अलाव जलाए रहना मुश्किल है. वहीं इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नितिन भदौरिया का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है. इसकी जांच करवाई जाएगी.