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अल्मोड़ा: लोगों ने की विकास प्राधिकरण को हटाए जाने की मांग, जबरन नियम थोपने पर रोष

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Published : Oct 30, 2019, 10:19 AM IST

सर्वदलीय संघर्ष समिति ने पहाड़ी क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण के हटाए जाने की मांग की है. साथ ही उनका कहना है कि विकास प्राधिकरण के पहाड़ी क्षेत्रों में लागू होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सर्वदलीय संघर्ष समिति ने की विकास प्राधिकरण को हटाए जाने की मांग.

अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी में काफी समय से लोग विकास प्राधिकरण को हटाये जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. वहीं, सरकार इन मांगों को लेकर खामोश बनी हुई है. सर्वदलीय संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि अल्मोड़ा जैसे भौगौलिक परिस्थिति वाले पहाड़ी जिले और अल्मोड़ा जैसे प्राचीन नगर में विकास प्राधिकरण लगाना उचित नहीं है. विकास प्राधिकरण लगाए जाने से शहर समेत गांवों तक में लोगों को मकान बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सर्वदलीय संघर्ष समिति ने की विकास प्राधिकरण को हटाए जाने की मांग.

सर्वदलीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि सरकार ने मैदानी जिलों के नियमों को पहाड़ी क्षेत्रों में जबरन थोप दिया है. जबकि पहाड़ और मैदान की भू-संरचना में जमीन-आसमान का फर्क है. अल्मोड़ा जबकि प्राचीन समय मे बसा हुआ शहर है. जहां शहर के अंदर सीढ़ीदार रास्ते है, वहां सरकार मैदानों वाले नियमों को थोपकर जनता को परेशान करने का काम कर रही है. इसको लेकर वो विकास प्राधिकरण का काफी समय से विरोध कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: निजी दौरे पर उत्तराखंड पहुंची उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, नैनीताल की वादियों का उठाएंगी लुत्फ

बता दें कि विकास प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन को लेकर अल्मोड़ा में सर्वदलीय संघर्ष समिति को लगभग डेढ़ साल पूरा हो चुका है. लेकिनस अभी तक सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई समाधान नहीं निकाला गया है. पहाड़ी जिलों में विकास प्राधिकरण लगाने से लोगों को मकान बनाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विकास प्राधिकरण की कई दिक्कतों से परेशान होकर बीते 2 माह पहले बागेश्वर के एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी.

अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी में काफी समय से लोग विकास प्राधिकरण को हटाये जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. वहीं, सरकार इन मांगों को लेकर खामोश बनी हुई है. सर्वदलीय संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि अल्मोड़ा जैसे भौगौलिक परिस्थिति वाले पहाड़ी जिले और अल्मोड़ा जैसे प्राचीन नगर में विकास प्राधिकरण लगाना उचित नहीं है. विकास प्राधिकरण लगाए जाने से शहर समेत गांवों तक में लोगों को मकान बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सर्वदलीय संघर्ष समिति ने की विकास प्राधिकरण को हटाए जाने की मांग.

सर्वदलीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि सरकार ने मैदानी जिलों के नियमों को पहाड़ी क्षेत्रों में जबरन थोप दिया है. जबकि पहाड़ और मैदान की भू-संरचना में जमीन-आसमान का फर्क है. अल्मोड़ा जबकि प्राचीन समय मे बसा हुआ शहर है. जहां शहर के अंदर सीढ़ीदार रास्ते है, वहां सरकार मैदानों वाले नियमों को थोपकर जनता को परेशान करने का काम कर रही है. इसको लेकर वो विकास प्राधिकरण का काफी समय से विरोध कर रहे हैं.

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बता दें कि विकास प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन को लेकर अल्मोड़ा में सर्वदलीय संघर्ष समिति को लगभग डेढ़ साल पूरा हो चुका है. लेकिनस अभी तक सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई समाधान नहीं निकाला गया है. पहाड़ी जिलों में विकास प्राधिकरण लगाने से लोगों को मकान बनाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विकास प्राधिकरण की कई दिक्कतों से परेशान होकर बीते 2 माह पहले बागेश्वर के एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी.

Intro:सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में लम्बे समय से लोग विकास प्राधिकरण के खिलाफ आन्दोलनरत हैं। सर्वदलीय संघर्ष समिति के लोग लम्बे समय से ऐतिहासिक नगर अल्मोड़ा में विकास प्राधिकारण को हटाए जाने का मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार इनकी मांगो पर खामोश बनी हुई है।
Body:सर्व दलीय संघर्ष समिति के लोगो का कहना है कि अल्मोड़ा जैसे भौगौलिक परिस्थिति वाला पहाड़ी जिले और अल्मोड़ा जैसे प्राचीन नगर में विकास प्राधिकरण लगाना कतई उचित नहीं है। विकास प्राधिकरण लगाए जाने से शहर समेत गांवो तक में लोगों को मकान वगैरह बनाने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सर्व दलीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी का कहना है कि सरकार द्वारा मैदानी जिलो के नियमो को सरकार द्वारा पहाड़ों में जबरन थोप दिया गया, जबकि पहाड़ की भू संरचना और मैदान में धरती आसमान का फर्क रहता है। वह कहते है कि अल्मोड़ा जबकि प्राचीन समय मे बसा हुआ शहर है, जहाँ शहर के अंदर सीढ़ीदार रास्ते है वहाँ सरकार मैदानों वाले नियमो को थोपकर जनता को परेशान और हैरान कर रही है। जिसको लेकर वह विकास प्राधिकरण का लंबे समय से विरोध कर रहे हैं।
बतादे की विकास प्राधिकरण के खिलाफ आंदोलन को लेकर अल्मोड़ा में सर्वदलीय संघर्ष समिति को लगभग डेढ़ साल हो चुका है, लेकिन अभी तक सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई समाधान नही हो सका है। पहाड़ी जिलो में विकास प्राधिकरण लगाने से लोगो को मकान बनाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विकास प्राधिकरण के कई दिक्कतों से सामना करते हुए विगत लगभग 2 माह पूर्व बागेश्वर में एक व्यक्ति ने आत्म हत्या तक कर दी थी।

बाइट गोविंद बिष्ट आंदोलनकारी
बाइट प्रकाश जोशी, अध्यक्ष सर्दलीय संघर्ष समितिConclusion:
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