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CM त्रिवेंद्र के ड्रीम प्रोजेक्ट 'कोसी नदी पुनर्जन्म योजना' का विरोध, ग्रामीणों ने जताई ये आशंका

मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट 'कोसी नदी पुनर्जन्म योजना' के उद्गम स्थली पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए पेयजल योजना का निर्माण किया जाना है, जिसका क्षेत्रीय जनता ने कड़ा विरोध किया है.

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Published : Dec 16, 2019, 8:35 AM IST

kosi river
कोसी नदी पुनर्जनन योजना के विरोध में महापंचायत

अल्मोड़ा: जिले में कोसी नदी पुनर्जन्म योजना सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है. बागेश्वर जल निगम द्वारा इसके उदगम स्थल बेड़चुधार से पेयजल योजना है, लेकिन यह जानकारी मिलने के बाद कोसी नदी के पास बसे ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. रविवार को छानी के पंचायत भवन में पंचायत प्रतिनिधियों और जनता ने बैठक कर इसका विरोध किया. बैठक में यह तय किया गया है कि कोसी के उदगम स्थल से उक्त योजना को बिल्कुल नहीं बनने दिया जाएगा.

कोसी नदी पुनर्जनन योजना का विरोध

ग्रामीणों का आरोप है कि कोसी नदी पर पिनाथेश्वर की पहाड़ी से लगे बेड़चुधार से बागेश्वर जल निगम जो पेयजल योजना बनाने जा रहा है, उससे कोसी नदी सूख सकती है. वहीं बैठक में तय किया गया कि 18 दिसंबर को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पेयजल योजना निर्माण को रोकने की मांग की जाएगी.

यह भी पढे़ं: मसूरी: स्कूल के कार्यक्रम में मेयर और राज्यमंत्री पहुंचे, दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ

गौर हो कि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी अल्मोड़ा को पत्र भेजा निर्माणाधीन योजना को बंद करने की मांग की है. मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है. इस संबंध में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद का कहना है कि कोसी नदी पुनर्जन्म योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है, वहीं इस मामले में क्षेत्र की महिलाएं भी मुखर हो रही हैं उनका कहना है कि योजना बनने से कोसी का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.

अल्मोड़ा: जिले में कोसी नदी पुनर्जन्म योजना सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है. बागेश्वर जल निगम द्वारा इसके उदगम स्थल बेड़चुधार से पेयजल योजना है, लेकिन यह जानकारी मिलने के बाद कोसी नदी के पास बसे ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. रविवार को छानी के पंचायत भवन में पंचायत प्रतिनिधियों और जनता ने बैठक कर इसका विरोध किया. बैठक में यह तय किया गया है कि कोसी के उदगम स्थल से उक्त योजना को बिल्कुल नहीं बनने दिया जाएगा.

कोसी नदी पुनर्जनन योजना का विरोध

ग्रामीणों का आरोप है कि कोसी नदी पर पिनाथेश्वर की पहाड़ी से लगे बेड़चुधार से बागेश्वर जल निगम जो पेयजल योजना बनाने जा रहा है, उससे कोसी नदी सूख सकती है. वहीं बैठक में तय किया गया कि 18 दिसंबर को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पेयजल योजना निर्माण को रोकने की मांग की जाएगी.

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गौर हो कि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी अल्मोड़ा को पत्र भेजा निर्माणाधीन योजना को बंद करने की मांग की है. मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है. इस संबंध में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद का कहना है कि कोसी नदी पुनर्जन्म योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है, वहीं इस मामले में क्षेत्र की महिलाएं भी मुखर हो रही हैं उनका कहना है कि योजना बनने से कोसी का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.

Intro:अल्मोड़ा जिले में कोसी नदी पुनर्जनन योजना सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है लेकिन बागेश्वर जल निगम द्वारा इसके उदगम स्थल बेड़चुधार से पेयजल योजना बनाने की जानकारी मिलने के बाद कोसी नदी की तलहटी में बसे गांवों के ग्रामीणों ने इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। रविवार को छानी के पंचायत भवन में इस मुद्दे को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों और जनता की महा पंचायत बैठी जिसमें तय किया गया कि कोसी के उदगम स्थल से उक्त योजना को बिल्कुल नही बनने देंगे।Body:सोमेश्वर। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट 'कोसी नदी पुनर्जनन योजना' के उद्गम स्थली पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए पेयजल योजना का निर्माण किए जाने के विरोध में कोसी नदी की तलहटी में बसे गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों और क्षेत्रीय जनता ने छानी के पंचायत भवन में एक आवश्यक बैठक की।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोसी नदी पर पिनाथेश्वर की पहाड़ी से लगे बेड़चु धार से बागेश्वर जल निगम जो पेयजल योजना बनाने जा रहा है उससे कोसी नदी सूख सकती है। ग्राम कांटली, मठ, रौलयाणा, कफाड़ी, पच्चीसी, ल्वेशाल छानी, धौलरा, टोटासीलिंग, जीतब, गुरुडा, शैल, बूंगा, खीराकोट, माला सहित सोमेश्वर घाटी के दर्जनों गांव के अलावा हवालबाग विकास खंड व जिला मुख्यालय अल्मोड़ा सिंचाई और पेयजल हेतु निर्भर है। उक्त पेयजल योजना के बनने से कोसी नदी की जल धाराओं और जल स्तर के लिए खतरा पैदा जो जाएगा। बैठक में तय किया गया कि 18 दिसम्बर को एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी अल्मोड़ा से मिलकर पेयजल योजना निर्माण को रोकने की मांग करेगा।
बैठक के बाद मुख्य मंत्री और जिलाधिकारी को विरोध पत्र भी भेजा गया, जबकि ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद का कहना है कि कोसी नदी पुनर्जनन योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है। अल्मोड़ा जिला प्रशासन कोसी नदी का जलस्तर बढ़ाने का प्रयास कर रहा है लेकिन बागेश्वर जल निगम ठीक इसके विपरीत नदी के उद्गम स्रोत से 4 ईंच मोटी पेयजल योजना बनाकर पानी को टेप किए जाने की योजना बना रहा है जिससे कोसी नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। बैठक में तय किया गया कि इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी से मिलने के बाद कोसी नदी के संरक्षण हेतु अग्रिम रणनीति तय की जाएगी।
बैठक में बीजेपी प्रदेश पार्षद मोहन सिंह दोसाद, ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद, वन सरपंच संगठन अध्यक्ष एवं धौलरा के ग्राम प्रधान कैलाश चंद्र जोशी कांटली के पूर्व प्रधान गिरीश चंद्र कांडपाल, ग्राम प्रधान छानी अनीता दोसाद, गुरुड़ा के प्रधान कुन्दन बोरा, जीतब के प्रधान विनोद बोरा, युवक मंगल दल अध्यक्ष योगेश कांडपाल, जगदीश सिंह दोसाद, सुरेंद्र दोसाद, भूपेंद्र दोसाद, श्याम सिंह दोसाद, उत्तम सिंह, बलवन्त दोसाद, जगदीश कांडपाल, गीता देवी, शान्ति देवी, हेमा देवी, नारायण दत्त जोशी, हरीश कांडपाल, खीम सिंह, चंद्र शेखर तथा ललित कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।Conclusion:ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी अल्मोड़ा को पत्र भी भेजा जिसमें निर्माणाधीन योजना को बंद नही करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मामले में क्षेत्र की महिलाएं भी मुखर हो रही हैं उनका कहना है कि योजना बनने से कोसी का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा।
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