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हार्ट केयर सेंटर के अनुबंध को लेकर विपक्ष का सरकार पर हमला, आंदोलन की दी चेतावनी

अल्मोड़ा के बेस अस्पताल के हार्ट केयर सेंटर के अनुबंध को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा अगर हार्ट केयर सेंटर का अनुबंध नहीं बढ़ाया गया तो वो आंदोलन को बाध्य होंगे.

हार्ट केयर सेंटर के अनुबंध को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर
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Published : Aug 21, 2019, 9:35 AM IST

अल्मोड़ा: जनपद बेस अस्पताल में संचालित हार्ट केयर सेंटर का अनुबंध 5 माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया है. हार्ट केयर सेंटर अभी पहले की तरह ही चल रहा है. इसको लेकर अल्मोड़ा की राजनीति भी गरमाने लगी है. विपक्ष, जहां इसको सरकार द्वारा बंद करने की कोशिश बताकर सरकार को इस मुद्दे में घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है. वहीं, सत्ता पक्ष से जुड़े नेता सरकार का बचाव करने में लगे हैं.

विपक्ष का सरकार पर हमला.

मामले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष पिताम्बर पांडे का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने कुमाऊं के लोगों की सुविधाओं के लिए इसको खोला गया था, लेकिन सरकार द्वारा इसका अनुबंध आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. जिस कारण यह सेंटर बंद होने की स्थिति में आ गया है. अगर यह बंद हुआ तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी.

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी भी अनुबंध नहीं बढ़ाए जाने के विरोध में उतर आई है. पार्टी अध्यक्ष पीसी तिवारी का कहना है कि सरकार द्वारा अनुबंध आगे नहीं बढ़ाए जाने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है. अगर हार्टकेयर सेंटर बंद हुआ तो पूरे उत्तराखंड में व्यापक आंदोलन किया जाएगा.

बीजेपी नगर अध्यक्ष ने किया बचाव
अपनी सरकार का बचाव करते हुए बीजेपी के नगर अध्यक्ष कैलाश गुरूरानी का कहना है किसी भी हालत में बंद नहीं होगा. बल्कि, सरकार इसको पहले से बेहत्तर सुविधाओं के साथ चलाने की कोशिश में जुटी हुई है. सरकार का हार्टकेयर बंद करने का कोई इरादा नहीं है. उनका कहना है कि कांग्रेस इस संबंध में नकारात्मक बाते फैलाने की कोशिश में जुटी हुई है. खुद कांग्रेस के समय में एक साल तक इस सेंटर का अनुबंध रोका गया था.

पढ़ें- छात्रवृति घोटाला: बड़ी मछलियों को बचाने में जुटी त्रिवेंद्र सरकार, CBI से जांच कराने की मांग

पीपीपी मोड पर हो रहा है कार्डियक यूनिट का संचालन
बता दें, अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में साल 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के साथ करार कर पीपीपी मोड में कार्डियक यूनिट का संचालित किया गया था. नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने में कार्डियक यूनिट में दो हृदय रोग विशेषज्ञ, नर्स और तकनीक स्टाफ समेत आधा दर्जन के करीब कर्मचारियों की तैनाती की गई.

इसके साथ ही मशीनें और भवन की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा करने के बाद इस करार के तहत डॉक्टरों समेत अन्य स्टाफ का वेतन भी राज्य सरकार को देना है, लेकिन 31 मार्च 2019 को सरकार द्वारा इस इंस्ट्टूट को लेकर किया गया अनुबंध खत्म हो चुका है. अभी तक पांच माह बीतने पर सरकार द्वारा इस अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया है और न हीं डॉक्टरों और स्टाफ की तनख्वाह दी गई.

हालांकि, नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा यह संचालित किया जा रहा है. इसी को लेकिन इन दिनों विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच जंग छिड़ी हुई है. यह हार्ट केयर इंस्टीट्यूट कुमाऊं के पहाड़ी जनपदों का एकमात्र इंस्टीट्यूट है. यहां अल्मोड़ा के अलावा पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर के मरीज इलाज कराने आते हैं.

अल्मोड़ा: जनपद बेस अस्पताल में संचालित हार्ट केयर सेंटर का अनुबंध 5 माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया है. हार्ट केयर सेंटर अभी पहले की तरह ही चल रहा है. इसको लेकर अल्मोड़ा की राजनीति भी गरमाने लगी है. विपक्ष, जहां इसको सरकार द्वारा बंद करने की कोशिश बताकर सरकार को इस मुद्दे में घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है. वहीं, सत्ता पक्ष से जुड़े नेता सरकार का बचाव करने में लगे हैं.

विपक्ष का सरकार पर हमला.

मामले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष पिताम्बर पांडे का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने कुमाऊं के लोगों की सुविधाओं के लिए इसको खोला गया था, लेकिन सरकार द्वारा इसका अनुबंध आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. जिस कारण यह सेंटर बंद होने की स्थिति में आ गया है. अगर यह बंद हुआ तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी.

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी भी अनुबंध नहीं बढ़ाए जाने के विरोध में उतर आई है. पार्टी अध्यक्ष पीसी तिवारी का कहना है कि सरकार द्वारा अनुबंध आगे नहीं बढ़ाए जाने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है. अगर हार्टकेयर सेंटर बंद हुआ तो पूरे उत्तराखंड में व्यापक आंदोलन किया जाएगा.

बीजेपी नगर अध्यक्ष ने किया बचाव
अपनी सरकार का बचाव करते हुए बीजेपी के नगर अध्यक्ष कैलाश गुरूरानी का कहना है किसी भी हालत में बंद नहीं होगा. बल्कि, सरकार इसको पहले से बेहत्तर सुविधाओं के साथ चलाने की कोशिश में जुटी हुई है. सरकार का हार्टकेयर बंद करने का कोई इरादा नहीं है. उनका कहना है कि कांग्रेस इस संबंध में नकारात्मक बाते फैलाने की कोशिश में जुटी हुई है. खुद कांग्रेस के समय में एक साल तक इस सेंटर का अनुबंध रोका गया था.

पढ़ें- छात्रवृति घोटाला: बड़ी मछलियों को बचाने में जुटी त्रिवेंद्र सरकार, CBI से जांच कराने की मांग

पीपीपी मोड पर हो रहा है कार्डियक यूनिट का संचालन
बता दें, अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में साल 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के साथ करार कर पीपीपी मोड में कार्डियक यूनिट का संचालित किया गया था. नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने में कार्डियक यूनिट में दो हृदय रोग विशेषज्ञ, नर्स और तकनीक स्टाफ समेत आधा दर्जन के करीब कर्मचारियों की तैनाती की गई.

इसके साथ ही मशीनें और भवन की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा करने के बाद इस करार के तहत डॉक्टरों समेत अन्य स्टाफ का वेतन भी राज्य सरकार को देना है, लेकिन 31 मार्च 2019 को सरकार द्वारा इस इंस्ट्टूट को लेकर किया गया अनुबंध खत्म हो चुका है. अभी तक पांच माह बीतने पर सरकार द्वारा इस अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया है और न हीं डॉक्टरों और स्टाफ की तनख्वाह दी गई.

हालांकि, नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा यह संचालित किया जा रहा है. इसी को लेकिन इन दिनों विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच जंग छिड़ी हुई है. यह हार्ट केयर इंस्टीट्यूट कुमाऊं के पहाड़ी जनपदों का एकमात्र इंस्टीट्यूट है. यहां अल्मोड़ा के अलावा पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर के मरीज इलाज कराने आते हैं.

Intro:अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में संचालित हार्ट केयर सेंटर का अनुबंध 5 माह बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा आगे नहीं बढ़ाया गया है। हालांकि हार्ट केयर सेंटर अभी पूर्व की तरह ही चल रहा है, लेकिन इसको लेकर अल्मोड़ा में इन दिनों राजनीति भी गर्माने लगी है।विपक्ष जहां इसको सरकार द्वारा बंद करने की कोशिश बताकर सरकार को इस मुद्दे में घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है। वहीं सत्ता पक्ष से जुड़े नेता सरकार का बचाव करने में लगे हैं।
बता दें कि अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में साल 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के साथ करार कर पीपीपी मोड में
कार्डिएक यूनिट संचालित किया गया था। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने कार्डिएक यूनिट में दो हृदय रोग विशेषज्ञ, नर्स और तकनीक स्टाफ समेत आधा
दर्जन के करीब कर्मचारियों की तैनाती की गई। मशीनें और भवन की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा करने के बाद इस करार के तहत डाॅक्टरों समेत अन्य स्टाफ का वेतन भी राज्य सरकार को देना है। लेकिन 31 मार्च 2019 को सरकार द्वारा इस इंस्ट्टूट को लेकर किया गया अनुबंध खत्म हो चुका है और अभी तक पांच माह बीतने पर सरकार द्वारा इस अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया है और न हीं डाॅक्टरों और स्टाफ की तनख्वाह दी गई। हालांकि नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा यह संचालित किया जा रहा है। इसी को लेकिन इन दिनों विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच जंग छिड़ी हुई है। यह हार्ट केयर इंस्टीट्यूट कुमाऊॅ के पहाड़ी जनपदों का एकमात्र इंस्टीट्यूट है। यहां अल्मोड़ा के अलावा पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर के मरीज इलाज कराने आते
हैं।
Body:कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पिताम्बर पाण्डे का कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा कुमाऊॅ के लोगों को लाभ मिलने को लेकर इसको खोला गया था, लेकिन सरकार द्वारा इसका अनुबंध आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है जिस कारण यह हार्टकेयर सेंटर बंद होने की स्थिति में आ गया है अगर यह बंद हुआ तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी वहीं उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी.सी.तिवारी का कहना है कि सरकार द्वारा अनुबंध आगे नहीं बढ़ाए जाने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। अगर हार्टकेयर सेंटर बंद हुआ तो पूरे
उत्तराखण्ड में व्यापक आन्दोलन किया जाएगा।
वहीं बीजेपी के नगर अध्यक्ष कैलाश गुरूरानी का कहना है किसी भी हालत में बंद नहीं होगा बल्कि सरकार इसको पहले से बेहत्तर सुविधाओं के साथ चलाने की कोशिश में जुटी हुई है। सरकार का हार्टकेयर बंद करने का कोई प्रस्ताव
नहीं है। उनका कहना है कि कांग्रेस इस सम्बन्ध में नकारात्मक बातें फैलाने की कोशिश में जुटी हुई है। खुद कांग्रेस के समय में एक साल तक इस हार्टकेयर सेंटर का अनुबंध रोका गया था।

बाइट 1 पीताम्बर पांडे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
बाइट 2 पी सी तिवारी, केंद्रीय अध्यक्ष उपपा
बाइट 3 कैलाश गुरुरानी, बीजीपी नगर अध्यक्ष
Conclusion:
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