सोमेश्वर: लॉकडाउन और महामारी के दौरान राशन कार्ड को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया में हुई खामियों के चलते गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनेक उपभोक्ताओं के राशनकार्ड निरस्त हो चुके हैं. जिस कारण उन्हें सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन नहीं मिल रहा है. ग्राम प्रधान संगठन सोमेश्वर ने जिलाधिकारी और बाल विकास राज्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर गरीबों को राशन दिए जाने की मांग की है.
ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने बाल विकास राज्यमंत्री और जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया के दौरान डिलीट हुए राशन कार्ड धारकों को सरकारी राशन दिए जाने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की मांग की है. संगठन के सदस्यों का आरोप है कि पहले परिवार रजिस्टर में ऑनलाइन प्रविष्टियों में तमाम प्रकार की खामियां सामने आईं. जिस कारण ग्रामीण और ग्राम प्रधान खासे परेशान हैं. अब राशन कार्डों की डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के राशन कार्ड ही निरस्त कर दिए गए हैं. शासन प्रशासन से शीघ्र राशन कार्डों को दुरुस्त करने तथा खाद्यान्न से वंचित परिवारों को राशन दिए जाने की मांग की है.
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संगठन के महासचिव कैलाश चंद्र जोशी का कहना है कि राशन कार्ड की डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया के दौरान क्षेत्र के अनेक गांवों के दर्जनों उपभोक्ताओं के राशन कार्ड डिलीट हो चुके हैं. जिस कारण राशन कार्ड धारकों को सरकारी राशन से वंचित होना पड़ रहा है. इस महामारी के दौरान अनेक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार खाद्यान्न से वंचित हैं. प्रधान संगठन ने बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य और जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर राशन से वंचित उपभोक्ताओं को अतिशीघ्र राशन दिए जाने हेतु व्यवस्था करने की मांग की है.