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खूंखार तेंदुआ पिंजरे में कैंद, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, कई मवेशियों को बना चुका है निवाला

अल्मोड़ा जिले में रैंगल गांव के लोगों ने आज राहत की सांस ली है. क्योंकि इलाके में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया. ये तेंदुआ अभीतक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है.

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Published : Apr 26, 2023, 8:43 PM IST

almora
खूंखार तेंदुआ पिंजरे में कैंद

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार आज बुधवार 26 अप्रैल को वन विभाग के हाथ आ ही गया. खूंखार तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. ये तेंदुआ अभीतक कई लोगों पर हमला कर चुका है. इस तेंदुए का आतंक इनता था कि लोग शाम होते ही घरों में दूबने को मजबूर हो जाते थे.

दरअसल, हवालबाग ब्लाक के रैंगल गांव में लोगों तेंदुए की दस्तक से दहश्त में थे. यहां तेंदुआ कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका हैं. इसके अलावा उसने कई लोगों पर हमला भी किया था. तेंदुए के डर से महिलाएं भी जंगल में घास लेने नहीं जा पा रही थी. ग्रामीण बीते काफी दिनों से तेंदुए को पकड़ने की मांग कर रहे थे. वहीं, वन विभाग की टीम ने भी तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में पिंचरा लगाया.
पढ़ें- रोडवेज बस ने बाइक सवारों को रौंदा, हादसे में 12 साल की बच्ची समेत दंपति की मौत

बताया जा रहा है कि बुधवार शाम को पिंजरे के पास से गुजर कुछ लोगों को तेंदुए के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी. इसके बाद उनकी नजर पिंजरे पर पड़ी तो देखा कि वहां तेंदुए वहां बंद है. ग्रामीणों ने तत्काल मामले की जानकारी वन विभाग को दी. वहीं पिंजरे में कैद तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई.

वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम ने बताया कि पिंजरे में कैंद तेंदुए के दांत टूटे हुए हैं. यह करीब 7 वर्ष का प्रतीत होता है. इस तेंदुए की पिंजरे में कैद होना जरूरी था. क्योंकि इस तेंदुए की वजह से लोगों काफी डरे हुए थे. वन विभाग की टीम तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर लेकर गई है, जहां पशु चिकित्सक इसका परीक्षण करेंगे, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार आज बुधवार 26 अप्रैल को वन विभाग के हाथ आ ही गया. खूंखार तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. ये तेंदुआ अभीतक कई लोगों पर हमला कर चुका है. इस तेंदुए का आतंक इनता था कि लोग शाम होते ही घरों में दूबने को मजबूर हो जाते थे.

दरअसल, हवालबाग ब्लाक के रैंगल गांव में लोगों तेंदुए की दस्तक से दहश्त में थे. यहां तेंदुआ कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका हैं. इसके अलावा उसने कई लोगों पर हमला भी किया था. तेंदुए के डर से महिलाएं भी जंगल में घास लेने नहीं जा पा रही थी. ग्रामीण बीते काफी दिनों से तेंदुए को पकड़ने की मांग कर रहे थे. वहीं, वन विभाग की टीम ने भी तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में पिंचरा लगाया.
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बताया जा रहा है कि बुधवार शाम को पिंजरे के पास से गुजर कुछ लोगों को तेंदुए के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी. इसके बाद उनकी नजर पिंजरे पर पड़ी तो देखा कि वहां तेंदुए वहां बंद है. ग्रामीणों ने तत्काल मामले की जानकारी वन विभाग को दी. वहीं पिंजरे में कैद तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई.

वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम ने बताया कि पिंजरे में कैंद तेंदुए के दांत टूटे हुए हैं. यह करीब 7 वर्ष का प्रतीत होता है. इस तेंदुए की पिंजरे में कैद होना जरूरी था. क्योंकि इस तेंदुए की वजह से लोगों काफी डरे हुए थे. वन विभाग की टीम तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर लेकर गई है, जहां पशु चिकित्सक इसका परीक्षण करेंगे, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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