अल्मोड़ा: बीते दिनों अल्मोड़ा बेस अस्पताल के दो वीडियो तेजी से वायरल हुए थे. वीडियो में एक लकड़ी की सीढ़ी अपने आप चलते हुए नजर आ रही थी, जबकि दूसरे वीडियो में एक व्हीलचेयर अपने आप आगे पीछे हो रही थी. जिससे शहर में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. वहीं अब इस राज से पर्दा उठ गया है. फेक वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में बेस अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट के कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही उसके सहयोगियों से शपथ पत्र मांगा गया है.
वीडियो वायरल होने से लोगों में दहशत: बेस अस्पताल अल्मोड़ा में व्हीलचेयर के अपने आप चलने का फेक वीडियो बनाकर उसे वायरल करने वाले आरोपियों का पर्दाफाश हो गया है. जिसमें अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में कार्यरत कर्मचारी ही दोषी पाए गए हैं. विभागीय कार्रवाई करते हुए फेक वीडियो बनाकर वायरल करने वाले मुख्य आरोपी को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही उसके अन्य चार सहयोगियों से इस तरह की हरकत भविष्य में न करने का शपथ पत्र मांगा गया है. गौर हो कि बीते दिनों सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान (मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा) के अधीन बेस अस्पताल के ए-ब्लॉक के बाहर एक व्हीलचेयर स्वत: ही चलती हुई दिखाई देने का वीडियो वायरल हुआ था.
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मामले में जांच कमेटी की गई थी गठित: जिसमें वह ढलान में ही नहीं वरन चढ़ाई में भी आती-जाती दिखाई दे रही थी. इसमें न तो कोई उस व्हीलचेयर को ले जा रहा था और न ही उसमें कोई बैठा था. खाली व्हीलचेयर ब्लॉक के बाहर इधर-उधर घूमती दिखाई दे रही थी. इस वीडियो के वायरल होने से क्षेत्र सहित अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों में दहशत थी. हालांकि बेस अस्पताल प्रशासन ने इस वायरल वीडियो को फेक वीडियो बताकर ऐसी किसी भी घटना के होने से इनकार किया था. वहीं उसके बाद एक जांच कमेटी गठित की गई थी. जिसने अस्पताल के सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला तो रात्रि में इस वीडियो को बनाते हुए एक युवक दिखाई दिया, जिसके साथ उसके चार और सहयोगी भी शामिल थे.
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सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से खुला राज: सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर वीडियो बनाने वाले युवक एवं उसके सहयोगियों की पहचान की गई तो वह सभी अस्पताल के कर्मचारी निकले. बेस अस्पताल के प्रभारी पीएमएस अमित सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो की जानकारी मिलने के बाद उसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी. जांच के बाद अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में कार्य करने वाले पांच कर्मियों को व्हीलचेयर वाला वीडियो बनाते हुए पाया गया. जिनमें से मुख्य आरोपी अस्पताल का ऑक्सीजन टेक्नीशियन सौरभ उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं चार अन्य वार्ड ब्वॉय को शपथ पत्र देने के बाद कार्य करने की अनुमति दी गई है. फिलहाल वायरल वीडियो के पूरी तरह फेक होने की पुष्टि हुई है. अमित कुमार ने कहा कि लकड़ी की सीढ़ी हिलने वाला जो वीडियो वायरल हो रहा है, ये उनके यहां का नहीं है.