अल्मोड़ा: बीते कई सालों से आंदोलन कर रहे एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को सरकार और सिस्टम से भरोसा उठ गया है. ऐसे में अपनी नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर आंदोलित गुरिल्लाओं ने न्याय के देवता गोलू के दरबार में अपनी अर्जी लगाई है. गुरिल्लाओं का कहना है कि सरकार से विगत 13 सालों से उन्हें ना उम्मीदी ही मिली है. जिसके बाद न्याय के लिए उन्हें गोलू देवता का ही सहारा है.
बता दें कि एसएसबी गुरिल्ला संगठन विगत 13 सालों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है.
ऐसे में बुधवार को गुरिल्लाओं ने अल्मोड़ा से पैदल मार्च निकालकर न्याय के देवता चितई गोलू के दरबार में अर्जी टांग कर न्याय की गुहार लगाई है. संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने बताया कि सालों से प्रशिक्षित गुरिल्ला, सीमा सुरक्षा संबंधी कार्य करते रहे हैं. लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कभी ध्यान नहीं दिया. लिहाजा, आखिरकार गुरिल्लाओं के सब्र का
ब्रह्मनंद डालाकोटी ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर बीते महीने भी संगठन ने केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें गुरिल्लाओं को एसएसबी में समायोजन के अलावा राज्य सरकारों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की मांग उठाई थी. लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनका कहना है कि चितई गोलू देवता के मंदिर में केंद्र सरकार और संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की अर्जी डालने पहुंचे थे. अब उन्हें न्याय के देवता गोल्ज्यू पर ही भरोसा रह गया है.