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न्याय के देवता गोलू के दरबार में 'सिस्टम' के खिलाफ अर्जी डालने पहुंचे गुरिल्ला - guerrillasdemandforjusticeinthecourtofgoludevta

एसएसबी गुरिल्ला संगठन विगत 13 सालों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है. सरकार से उन्हें ना उम्मीदी ही मिली है. ऐसे में बुधवार को गुरिल्लाओं ने अल्मोड़ा से पैदल मार्च निकालकर न्याय के देवता चितई गोलू के दरबार में अर्जी टांग कर न्याय की गुहार लगाई हैं.

ब्रह्मानंद डालाकोटी अर्जी टांगते हुए
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Published : Mar 13, 2019, 9:45 PM IST

अल्मोड़ा: बीते कई सालों से आंदोलन कर रहे एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को सरकार और सिस्टम से भरोसा उठ गया है. ऐसे में अपनी नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर आंदोलित गुरिल्लाओं ने न्याय के देवता गोलू के दरबार में अपनी अर्जी लगाई है. गुरिल्लाओं का कहना है कि सरकार से विगत 13 सालों से उन्हें ना उम्मीदी ही मिली है. जिसके बाद न्याय के लिए उन्हें गोलू देवता का ही सहारा है.
बता दें कि एसएसबी गुरिल्ला संगठन विगत 13 सालों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है.

ऐसे में बुधवार को गुरिल्लाओं ने अल्मोड़ा से पैदल मार्च निकालकर न्याय के देवता चितई गोलू के दरबार में अर्जी टांग कर न्याय की गुहार लगाई है. संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने बताया कि सालों से प्रशिक्षित गुरिल्ला, सीमा सुरक्षा संबंधी कार्य करते रहे हैं. लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कभी ध्यान नहीं दिया. लिहाजा, आखिरकार गुरिल्लाओं के सब्र का

एसएसबी गुरिल्ला संगठन पैदल मार्च निकालते
बांध टूट गया है.

ब्रह्मनंद डालाकोटी ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर बीते महीने भी संगठन ने केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें गुरिल्लाओं को एसएसबी में समायोजन के अलावा राज्य सरकारों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की मांग उठाई थी. लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनका कहना है कि चितई गोलू देवता के मंदिर में केंद्र सरकार और संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की अर्जी डालने पहुंचे थे. अब उन्हें न्याय के देवता गोल्ज्यू पर ही भरोसा रह गया है.

अल्मोड़ा: बीते कई सालों से आंदोलन कर रहे एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं को सरकार और सिस्टम से भरोसा उठ गया है. ऐसे में अपनी नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर आंदोलित गुरिल्लाओं ने न्याय के देवता गोलू के दरबार में अपनी अर्जी लगाई है. गुरिल्लाओं का कहना है कि सरकार से विगत 13 सालों से उन्हें ना उम्मीदी ही मिली है. जिसके बाद न्याय के लिए उन्हें गोलू देवता का ही सहारा है.
बता दें कि एसएसबी गुरिल्ला संगठन विगत 13 सालों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत है.

ऐसे में बुधवार को गुरिल्लाओं ने अल्मोड़ा से पैदल मार्च निकालकर न्याय के देवता चितई गोलू के दरबार में अर्जी टांग कर न्याय की गुहार लगाई है. संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने बताया कि सालों से प्रशिक्षित गुरिल्ला, सीमा सुरक्षा संबंधी कार्य करते रहे हैं. लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कभी ध्यान नहीं दिया. लिहाजा, आखिरकार गुरिल्लाओं के सब्र का

एसएसबी गुरिल्ला संगठन पैदल मार्च निकालते
बांध टूट गया है.

ब्रह्मनंद डालाकोटी ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर बीते महीने भी संगठन ने केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें गुरिल्लाओं को एसएसबी में समायोजन के अलावा राज्य सरकारों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की मांग उठाई थी. लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनका कहना है कि चितई गोलू देवता के मंदिर में केंद्र सरकार और संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की अर्जी डालने पहुंचे थे. अब उन्हें न्याय के देवता गोल्ज्यू पर ही भरोसा रह गया है.

Intro:उत्तराखंड आंदोलनों की धरती रही है। यहां देश की आजादी से लेकर अलग राज्य बनने तक बड़े बड़े आंदोलनो ने अपना अलग इतिहास बनाया। एक ऐसा ही आंदोलन अल्मोड़ा में भी विगत 13 सालों से चल रहा है नौकरी समेत कई मांगों को लेकर एसएसबी गुरिल्ला संगठन पिछले 13 सालों से यहां लगातार आंदोलित है । इस दौरान कितनी सरकारें आई कितनी सरकारें गई लेकिन इनकी सुध किसी ने नहीं ली आखिरकार गुरिल्लाओं का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने आज अल्मोड़ा से पैदल मार्च निकालकर न्याय के देवता चितई गोलू के दरबार में अर्जी टांग कर न्याय की गुहार लगाई है।


Body:गुरिल्लाओं ने कहा कि वह विगत 13 सालों से अपनी मांग को लेकर लगातार आंदोलित है, इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार से तक अपनी मांग को लेकर गुहार लगाई देहरादून से लेकर दिल्ली की सड़कों में आंदोलन किये। लेकिन जब उनकी सुध किसी ने नहीं ली तो आखिरकार वह अल्मोड़ा से पैदल मार्च निकालकर गोलू के दरबार में सरकारों के खिलाफ घात लगाने और अपने लिए न्याय मागने पहुंचे हैं। उनका कहना है कि अब उन्हें सिर्फ गोल्ज्यू भगवान पर ही भरोसा रह गया है। सरकारों से कहते कहते वह थक चुके हैं ।अब वह भगवान की शरण में है हमें पूरा भरोसा है कि भगवान हमारी अंतरात्मा की आवाज सुनेंगे और सरकार को इसका श्राप लगेगा।
बता दें कि चितई की गोलू देवता के दरबार में न्याय मांगने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं । उनके बारे में मान्यता है कि जिनको हाई कोर्ट या फिर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट से तक न्याय नहीं मिल पाता ।उन्हें फिर गोलू देवता के दरबार में न्याय मिलता है। उनका कहना है कि वह पिछले 13 सालों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों ने आश्वासन और शासनादेश तो किए, लेकिन निर्णय को लागू नहीं कराया जिसके विरोध में आज गुरिल्ला संगठन आश्वासन और शासनादेश में शामिल नेताओं अधिकारियों की शिकायत न्याय के देवता गोलू देवता से कर रहे हैं इसके लिए जिला मुख्यालय से चितई मंदिर तक पैदल जुलुस निकाल कर इन तमाम नेताओं अधिकारियों को बद्दुआ दी जा रही है।
बाइट 1- ब्रह्मानंद डालाकोटी ,केंद्रीय अध्यक्ष गुरिल्ला संगठन
बाइट 2 आनंदी मेहरा ,आंदोलनकारी गुरिल्ला संगठन
बाइट 3 शिवराज बनोला, जिला अध्यक्ष गुरिल्ला संगठन


Conclusion:
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