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प्रधान संगठन ने ठेकेदारी प्रथा का किया विरोध, CM को भेजा ज्ञापन

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Published : Jun 26, 2020, 4:29 PM IST

प्रधान संगठन की मांग है कि 'हर घर नल-हर घर जल' योजना का काम ग्राम पंचायतों से ही कराया जाए.

सोमेश्वर
सोमेश्वर

सोमेश्वर: केंद्र सरकार ने 'हर घर नल- हर घर जल' योजना के तहत प्रत्येक गांव में पेयजल योजना के लिए सर्वे कराया है. लेकिन ग्राम प्रधानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि इस योजना में अगर ठेकेदारों से काम कराया जाएगा तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. प्रधान संगठन ने इसको लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी भेजा है.

केंद्र सरकार की 'हर घर नल- हर घर जल' योजना के लिए स्वजल और जल संस्थान द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. इस योजना के लिए विभाग ने डीपीआर भी लगभग तैयार कर लिया है. प्रस्तावित योजना के निर्माण में ग्राम पंचायतों को भी 5 प्रतिशन अंशदान देना है. जिसमें केंद्रीय वित्त और मनरेगा से धनराशि खर्च करने के निर्देश ग्राम प्रधानों को शासन द्वारा दिया गया है.

बताया जा रहा है कि उक्त योजना में जो भी निर्माण कार्य होगे, उसे ठेकेदारों द्वारा ही कराया जाएगा. जिसका ग्राम प्रधान संगठन विरोध कर रहे है. ग्राम प्रधान संगठन ताकुला के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी भेजा है.

प्रधान संगठन ने किया ठेकेदारी प्रथा का विरोध.

पढ़ें- विकासनगर: लोगों को सता रहा जजरेड पहाड़ी का खौफ, भूस्खलन से कई लोग हो चुके हैं चोटिल

बिष्ट ने कहा कि उक्त योजना का भविष्य में रख-रखाव ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना है. गांव के हर घर में जल आपूर्ति का जिम्मा भी ग्राम पंचायत को सौंपा गया है. ऐसे में ठेकेदारी प्रथा के तहत योजना का कार्य किया जाना उचित नहीं होगा.

ग्राम प्रधान संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार विभाग या ठेकेदार से उक्त योजना का काम करवाती है तो सभी ग्राम प्रधान इसका खुलकर विरोध करेंगे. पत्र में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी युवा भी गांव पहुंचे हैं. जिसमें अधिकतर बेरोजगार हैं. ऐसे में उन्हें रोजगार देना भी ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है. ऐसे हालात में गांव में जो भी कार्य होते हैं उन्हें ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना उचित होगा.

सोमेश्वर: केंद्र सरकार ने 'हर घर नल- हर घर जल' योजना के तहत प्रत्येक गांव में पेयजल योजना के लिए सर्वे कराया है. लेकिन ग्राम प्रधानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि इस योजना में अगर ठेकेदारों से काम कराया जाएगा तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. प्रधान संगठन ने इसको लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी भेजा है.

केंद्र सरकार की 'हर घर नल- हर घर जल' योजना के लिए स्वजल और जल संस्थान द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. इस योजना के लिए विभाग ने डीपीआर भी लगभग तैयार कर लिया है. प्रस्तावित योजना के निर्माण में ग्राम पंचायतों को भी 5 प्रतिशन अंशदान देना है. जिसमें केंद्रीय वित्त और मनरेगा से धनराशि खर्च करने के निर्देश ग्राम प्रधानों को शासन द्वारा दिया गया है.

बताया जा रहा है कि उक्त योजना में जो भी निर्माण कार्य होगे, उसे ठेकेदारों द्वारा ही कराया जाएगा. जिसका ग्राम प्रधान संगठन विरोध कर रहे है. ग्राम प्रधान संगठन ताकुला के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी भेजा है.

प्रधान संगठन ने किया ठेकेदारी प्रथा का विरोध.

पढ़ें- विकासनगर: लोगों को सता रहा जजरेड पहाड़ी का खौफ, भूस्खलन से कई लोग हो चुके हैं चोटिल

बिष्ट ने कहा कि उक्त योजना का भविष्य में रख-रखाव ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना है. गांव के हर घर में जल आपूर्ति का जिम्मा भी ग्राम पंचायत को सौंपा गया है. ऐसे में ठेकेदारी प्रथा के तहत योजना का कार्य किया जाना उचित नहीं होगा.

ग्राम प्रधान संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार विभाग या ठेकेदार से उक्त योजना का काम करवाती है तो सभी ग्राम प्रधान इसका खुलकर विरोध करेंगे. पत्र में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी युवा भी गांव पहुंचे हैं. जिसमें अधिकतर बेरोजगार हैं. ऐसे में उन्हें रोजगार देना भी ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है. ऐसे हालात में गांव में जो भी कार्य होते हैं उन्हें ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना उचित होगा.

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