सोमेश्वर: रविवार को रामलीला मैदान में ग्राम प्रधान संगठन ने पहली बैठक आयोजित की गई. जिसमें गांव से लेकर तहसील तक रिक्त पड़े अधिकारियों के खाली पदों के भरने की मांग की गई. संगठन ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की कमी के चलते क्षेत्र के तमाम विकास और निर्माण कार्य ठप पड़े हैं.
सोमेश्वर में संपन्न हुई ग्राम प्रधान संगठन की बैठक में ग्राम विकास अधिकारियों की नियुक्ति, मनरेगा सहित गांव के अन्य विकास कार्यों और भुगतान के लिए विभागीय अवर अभियंताओं की व्यवस्था, ग्राम पंचायतों से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों को 10 किलोमीटर के दायरे में निवास करने, ग्राम पंचायतों को मिलने वाला केंद्र और राज्य वित्त का पैसा समय पर ग्राम पंचायतों के खाते में डालने सहित अनेक विषयों पर चर्चा की गई.
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ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष रणजीत सिंह नयाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्राम प्रधानों ने अपने अपने गांव की समस्याओं को उठाया. उन्होंने कहा वर्तमान में पंचायतों का कार्य ऑनलाइन तथा विभागीय कर्मचारियों पर निर्भर है. उन्होंने कहा एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के जिम्मे कई गांवों का कार्यभार होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्राम विकास अधिकारियों की कमी के कारण ग्राम पंचायतों में समय से प्रस्ताव पारित नहीं हो पा रहे हैं. इसके अलावा ऑनलाइन प्रक्रिया में लंबा समय लगने के कारण गांव के विकास कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहे हैं.
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तहसील कार्यालय में एसडीएम और तहसीलदार की स्थायी नियुक्ति कर नियमित जनता दरबार लगाने की मांग भी बैठक में की गई. ग्राम प्रधानों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हें पहले जो वित्त का पैसा मिलता था उसमें काफी कटौती कर दी गई है. जिसका प्रभाव गांवों पर पड़ा है. ग्राम प्रधानों ने क्षेत्र में कई वर्षों से रुके हुए विकास कार्यों को शुरू करने, स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने,बदहाल सड़कों को ठीक करने, पेयजल की ध्वस्त पड़ी लाइनों की मरम्मत करने, क्षेत्र में बंद पड़े हैंडपंपों को चालू करने के अलावा अनेक विषयों को उठाया.