अल्मोड़ा: बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए जीबी पंत पर्यावरण संस्थान ने अपनी लैब में किफायती सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया है. संस्थान की लैब में डब्लूएचओ के मानकों के अनुरूप कैमिकल, डिस्टिल वाटर और ग्लिसरीन की मदद से इस सैनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा है. फिलहाल संस्थान के परिसर और कार्यालयों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
बाजार में सैनिटाइजर की मांग लगातार बढ़ रही है और उपलब्धता कमी बनी हुई है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. इसी को लेकर संस्थान के वैज्ञानिक अपने संस्थान की लैब में मौजूद रसायनों की मदद से सैनिटाइजर का निर्माण कर रहे हैं. खास बात ये है कि यह सैनिटाइजर डब्लूएचओ के मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है.
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संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. वसुधा अग्निहोत्री ने बताया कि ये सैनिटाइजर पूरी तरह डब्लूएचओ के मानकों के आधार पर बनाया जा रहा है और संस्थान में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय लोग या युवा आगे आते हैं और प्रशिक्षण की मांग करते हैं तो उनकी सहायता की जाएगी. उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर पूरी तरह सुरक्षित है.