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लॉकडाउनः पहाड़ों के कुटीर उद्योग चौपट, हजारों परिवार बेरोजगार

छोटे कुटीर उद्योगों को 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ अब खोलने की अनुमति दे दी गयी है, लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण मांग घटी है, जिससे इन उद्योगों पर गहरा असर पड़ा है.

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कोरोना के कारण कुटीर उद्योग चौपट
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Published : Apr 28, 2020, 4:50 PM IST

Updated : May 24, 2020, 6:28 PM IST

अल्मोड़ा: कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन का असर कुटीर उद्योग पर भी पड़ा है. स्वरोजगार को लेकर पहाड़ी उत्पादों के रोजगार से जुड़े लोगों का काम लॉकडाउन के कारण मंदी के कगार पर आ गया है. जिसके कारण हजारों ग्रामीण परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर के पास पथरिया में विगत 35 सालों से हिमालया फ्रूट प्रोडक्ट नाम से दुकान चला रहे आशुतोष पांडे का कहना है कि उनकी दुकान में विभिन्न पहाड़ी उत्पादों का जूस, जैम, जैली आदि की बिक्री की जाती है. जोकि उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में जाता था. उनके इस व्यवसाय से एक दर्जन से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और 200 से ज्यादा लोग अप्रत्क्ष रूप से जुड़े थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण आज उनका काम बिल्कुल ठप पड़ चुका है.

ये भी पढ़ें- रामनगर: 6 साल की दीपिका जला रही जागरूकता का 'दीया', बना रही मास्क

आशुतोष ने बताया कि उनकी दुकान में एक दर्जन कर्मचारी परमानेंट रूप से जुड़े हैं, उन्हें किसी तरह एक महीने की सैलरी दे दी है, लेकिन आगे की सैलरी देना मुश्किल हो गया है. उनका कहना है कि उन्हें लॉकडाउन से लगभग 80 से 90 लाख का नुकसान हुआ है. वहीं इस मामले में उधोग केंद्र के महाप्रबंधक दीपक मुरारी का कहना है कि जिले में छोटे कुटीर उद्योगों को 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ अब खोलने की अनुमति दे दी गयी है, लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण मांग घटी है, जिससे इन उद्योगों पर गहरा असर पड़ा है.

अल्मोड़ा: कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन का असर कुटीर उद्योग पर भी पड़ा है. स्वरोजगार को लेकर पहाड़ी उत्पादों के रोजगार से जुड़े लोगों का काम लॉकडाउन के कारण मंदी के कगार पर आ गया है. जिसके कारण हजारों ग्रामीण परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर के पास पथरिया में विगत 35 सालों से हिमालया फ्रूट प्रोडक्ट नाम से दुकान चला रहे आशुतोष पांडे का कहना है कि उनकी दुकान में विभिन्न पहाड़ी उत्पादों का जूस, जैम, जैली आदि की बिक्री की जाती है. जोकि उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में जाता था. उनके इस व्यवसाय से एक दर्जन से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और 200 से ज्यादा लोग अप्रत्क्ष रूप से जुड़े थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण आज उनका काम बिल्कुल ठप पड़ चुका है.

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आशुतोष ने बताया कि उनकी दुकान में एक दर्जन कर्मचारी परमानेंट रूप से जुड़े हैं, उन्हें किसी तरह एक महीने की सैलरी दे दी है, लेकिन आगे की सैलरी देना मुश्किल हो गया है. उनका कहना है कि उन्हें लॉकडाउन से लगभग 80 से 90 लाख का नुकसान हुआ है. वहीं इस मामले में उधोग केंद्र के महाप्रबंधक दीपक मुरारी का कहना है कि जिले में छोटे कुटीर उद्योगों को 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ अब खोलने की अनुमति दे दी गयी है, लेकिन पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण मांग घटी है, जिससे इन उद्योगों पर गहरा असर पड़ा है.

Last Updated : May 24, 2020, 6:28 PM IST
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