अल्मोड़ा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने आज अल्मोड़ा पहुंचकर यहां श्रावणी मेला का उद्धाटन किया. इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि आज बहुत शुभ दिन है, मैं आप सभी लोगों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और भारत सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन शुरू किया है. जिसके तहत सभी पौराणिक मंदिरों के पुनरुद्धार के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के पथ पर तेजी से अग्रसरित है. केंद्र सरकार से अबतक उत्तराखंड के लिए सवा लाख करोड़ की योजनाएं स्वीकृत हो गई है. जिन पर तेजी से काम चल रहा है. चाहे वह भारत माला प्रोजेक्ट हो या ऑलवेदर रोड. पूरे देश में कनेक्टिविटी को लेकर तेजी से काम चल रहा है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि धार्मिक पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ है. ऐसे में मानसखंड मंदिर माला मिशन से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को गति मिलेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे. उन्होंने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का ब्रॉडगेज सर्वे शुरू हो गया. प्रधानमंत्री के आठ साल के कार्यकाल में कई जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है. जिसका लाभ भारत की गरीब जनता को मिल रहा है.
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उन्होंने कहा कि बहुप्रतिक्षित अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो गया है. इसके लिए धनराशि भी जारी हो चुकी है. सीएम ने कहा कि चुनाव से पहले जो हमने संकल्प पत्र जनता के बीच रखा था. उसके अनुरूप भारत सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन की शुरूआत की है. जिसके तहत सभी पौराणिक मंदिरों के पुनरुद्धार के लिए कार्य योजना तैयार की गई है.
सीएम धामी ने कहा कि जागेश्वर मंदिर का काफी महत्व है. जिस प्रकार बद्रीनाथ केदारनाथ समेत चारों धामों का महत्व है, वैसे ही जागेश्वर धाम का भी अपना महत्व है. हमारी सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना प्रस्तावित की है, जिसके तहत जागेश्वर धाम का हर प्रकार से सौंदर्यीकरण समेत विकास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज उन्होंने जागेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की. हमारा प्रदेश निरंतर विकास की ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो और सभी आपदाएं और विपदाओं से यह दूर रहे यही जागेश्वर धाम में मन्नत मांगी.
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बता दें कि, अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण देवदार के घने जंगलों के बीच जागेश्वर धाम स्थित है. जहां भगवान शिव महामृत्युंजय के रूप में विराजमान है. जागेश्वर धाम में 125 मंदिर समूह विराजमान हैं, जो ऐतिहासिक एवं पुरातत्व दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिर है. इस मंदिर समूह का निर्माण 7-14 सदी के विभिन्न कालखंडों में हुआ माना जाता है. पुराणों और मान्यताओं के अनुसार सप्तर्षियों की ओर से शिव को श्राप देने के बाद यहीं से भगवान शिव की पूजा लिंग रूप में शुरू हुई. सावन महीने में शिव की पूजा-अर्चना और अनुष्ठान का विशेष महत्व माना जाता है. हर वर्ष सावन के महीने यहां एक महीने का श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है. इस दौरान देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर पूजा पाठ, शिवार्चन आदि करते हैं.