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पहाड़ की जनता को मोदी सरकार से हैं खास उम्मीदें, क्या अब रुकेगा पलायन? - मोदी सरकार से जनता को उम्मीद

अल्मोड़ा संसदीय सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 2 लाख 32 हजार 986 वोटों से हराया. यहां की जनता ने उन पर दोबार भरोसा जताया है. ऐसे में उनकी और बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी भी ज्यादा बढ़ गई है.

Almora
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Published : May 25, 2019, 9:51 AM IST

Updated : May 25, 2019, 10:03 AM IST

अल्मोड़ा: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए ने एकतरफ 353 सीटें जीती हैं. वहीं यूपीए मात्र 91 सीटों पर सिमट कर रह गई. बात उत्तराखंड की करें तो यहां बीजेपी प्रत्याशियों ने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई है. प्रदेश की जनता अब उन समस्याओं का समाधान देख रही, जिन पर आज तक केवल राजनीति हुई है.

पढ़ें- हे भगवान! मरीज के पेट से निकले 8 चम्मच, 1 चाकू, 2 टूथब्रश, 2 पेचकश, दरवाजे की कुंडी

अल्मोड़ा संसदीय सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 2 लाख 32 हजार 986 वोटों से हराया. यहां की जनता ने उन पर दोबार भरोसा जताया है. ऐसे में उनकी और बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी भी ज्यादा बढ़ गई है.

बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद ईटीवी भारत ने अल्मोड़ा की जनता से मन की बात जानी. लोगों का कहना है कि इस बार सरकार को कुछ ठोस काम करने को लेकर जनादेश दिया गया है. उनका कहना है कि अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में पलायन और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. पलायन के कारण यहां से गांव लगातार खाली हो रहे हैं. सरकार और यहां के सांसद को इस ओर ध्यान देकर इसके लिए कारगर नीति बनानी चाहिए. ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और पलायन रूके.

पढ़ें- हल्की बारिश में नगर प्रशासन के इंतजामों की पोल खुली, पानी-पानी हुआ जिला सभागार

दुर्गम भौगौलिक परिस्थिति वाली इस लोकसभा सीट में 80 फीसदी जनता गांवों में निवास करती है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं जैसे शिक्षा, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, पानी और रोजगार के अभाव में ग्रामीण यहां से पलायन कर रहे है. यहीं कारण है कि पहाड़ के गांव आज वीरान हो गए हैं.

जनता में बताई इच्छा

यहां के युवाओं का कहना है कि उन्होंने एक बार फिर से मोदी सरकार पर भरोसा किया है लेकिन यह भी सच है कि आज बेरोजगारी बहुत बढ़ रही है. हमें रोजगार के लिए महानगरों की तरफ जाना पड़ रहा है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है. पहाड़ों में पारंपरिक खेती के साथ यदि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए तो यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में पानी सबसे बड़ी समस्या है. यहां गर्मियों ने जल स्त्रोत के सूखने के कारण लोगों को पानी के लिए कई किमी दूर जाना पड़ता है. आज कई गांवों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है. जिस पर सरकार और सांसद के ध्यान देना पड़ेगा.

स्वास्थ्य सुविधाएं भी पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ा मुद्दा है. पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के कारण मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जनता का कहना है कि पहाड़ के अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए है.

पूरे देशभर में बीजेपी की प्रचण्ड जीत के साथ ही अल्मोड़ा लोकसभा में भी बीजेपी प्रत्याशी ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की है. जनता का कहना है कि उनको सरकार से काफी उम्मीदें है इसलिए उन्हें दोबारा चुना है ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि सरकार जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.

अल्मोड़ा: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए ने एकतरफ 353 सीटें जीती हैं. वहीं यूपीए मात्र 91 सीटों पर सिमट कर रह गई. बात उत्तराखंड की करें तो यहां बीजेपी प्रत्याशियों ने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई है. प्रदेश की जनता अब उन समस्याओं का समाधान देख रही, जिन पर आज तक केवल राजनीति हुई है.

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अल्मोड़ा संसदीय सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 2 लाख 32 हजार 986 वोटों से हराया. यहां की जनता ने उन पर दोबार भरोसा जताया है. ऐसे में उनकी और बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी भी ज्यादा बढ़ गई है.

बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद ईटीवी भारत ने अल्मोड़ा की जनता से मन की बात जानी. लोगों का कहना है कि इस बार सरकार को कुछ ठोस काम करने को लेकर जनादेश दिया गया है. उनका कहना है कि अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में पलायन और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. पलायन के कारण यहां से गांव लगातार खाली हो रहे हैं. सरकार और यहां के सांसद को इस ओर ध्यान देकर इसके लिए कारगर नीति बनानी चाहिए. ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और पलायन रूके.

पढ़ें- हल्की बारिश में नगर प्रशासन के इंतजामों की पोल खुली, पानी-पानी हुआ जिला सभागार

दुर्गम भौगौलिक परिस्थिति वाली इस लोकसभा सीट में 80 फीसदी जनता गांवों में निवास करती है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं जैसे शिक्षा, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, पानी और रोजगार के अभाव में ग्रामीण यहां से पलायन कर रहे है. यहीं कारण है कि पहाड़ के गांव आज वीरान हो गए हैं.

जनता में बताई इच्छा

यहां के युवाओं का कहना है कि उन्होंने एक बार फिर से मोदी सरकार पर भरोसा किया है लेकिन यह भी सच है कि आज बेरोजगारी बहुत बढ़ रही है. हमें रोजगार के लिए महानगरों की तरफ जाना पड़ रहा है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है. पहाड़ों में पारंपरिक खेती के साथ यदि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए तो यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में पानी सबसे बड़ी समस्या है. यहां गर्मियों ने जल स्त्रोत के सूखने के कारण लोगों को पानी के लिए कई किमी दूर जाना पड़ता है. आज कई गांवों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है. जिस पर सरकार और सांसद के ध्यान देना पड़ेगा.

स्वास्थ्य सुविधाएं भी पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ा मुद्दा है. पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के कारण मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जनता का कहना है कि पहाड़ के अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए है.

पूरे देशभर में बीजेपी की प्रचण्ड जीत के साथ ही अल्मोड़ा लोकसभा में भी बीजेपी प्रत्याशी ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की है. जनता का कहना है कि उनको सरकार से काफी उम्मीदें है इसलिए उन्हें दोबारा चुना है ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि सरकार जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.

Intro:अल्मोड़ा के साथ ही पूरे देशभर में एक बार फिर बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है।एक बार फिर से जनता ने मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए उन्हें सत्ता के शिखर तक पहुचाया है। कुछ दिनों बाद नई सरकार का गठन हो जाएगा। लेकिन इस बार जनता को सरकार से काफी उम्मीदें भी है । जनता ने जो जनादेश दिया है उसको लेकर सरकार की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं। बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद ईटीवी भारत ने अल्मोड़ा लोकसभा की जनता से सरकार को लेकर उनकी उम्मीदे जानी तो जनता का कहना है कि इस बार सरकार को कुछ ठोस काम करने को लेकर जनादेश दिया गया है। उनका कहना है कि अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में पलायन और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। पलायन के कारण यहाँ से गांव लगातार खाली हो रहे है सरकार को और यहाँ के सांसद को इस ओर ध्यान देकर इसके लिए कारगर नीति बनानी चाहिए।ताकि स्थानीय लोगो को रोजगार मिले और पलायन रुके।


Body:दुर्गम भौगौलिक परिस्थिति वाली इस लोकसभा सीट में अधिकांश यानी 80 फीसदी जनता गांवो में निवास करती है। लेकिन मूलभूत समस्यायों शिक्षा, स्वास्थ्य , रोजगार के अभाव में यहाँ की जनता धीरे धीरे पलायन कर रही है। जिस कारण आज गांव वीरान होते जा रहे हैं। यहाँ के युवाओ का कहना है कि उन्होंने एक बार फिर से मोदी सरकार पर भरोसा किया है लेकिन यह भी सच है कि आज बेरोजगारी बहुत बढ़ रही है हमे रोजगार के लिए यहाँ से बाहर महानगरों में जाना पड़ रहा है , सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

वही जनता का कहना है कि सरकार को पलायन कम करने के लिए गांवो की पारंपरिक खेती की को बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार करनी चाहिए। पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन की असीम संभावनाएं है पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए। जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।वही इस लोकसभा सीट में पानी की भी काफी किल्लत है गर्मियों में लोगो को पानी के लिए तरसना पड़ता है। आज कई गांवों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है इस ओर सरकार और यहाँ के सांसद को ध्यान देना चाहिए।

स्वास्थ्य सुविधाएं भी पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ा मुद्दा है। पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं ना होने से मरीजो को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जनता का कहना यहाँ तो स्वास्थ्य सुविधाओ का बुरा हाल है। अधिकांश अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बने है ऐसे में नई सरकार को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
पूरे देशभर में बीजेपी की प्रचण्ड जीत के साथ ही अल्मोड़ा लोकसभा में भी बीजेपी ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की है ।जनता का कहना है कि उनको सरकार से काफी उम्मीदें है इसलिए उन्हें दोबारा चुना है ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि सरकार जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।

बाइट 1 बृजेश कश्यप, स्थानीय जनता

बाइट 2 गोविंद सिंह ,स्थानीय जनता
बाइट 3 गणेश भट्ट, स्थानीय जनता



Conclusion:
Last Updated : May 25, 2019, 10:03 AM IST
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