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कुमाऊं रेजिमेंट को मिले 188 जवान, भारतीय सेना का बने हिस्सा

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Published : Aug 6, 2019, 7:20 PM IST

केआरसी मुख्यालय के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा. सेना के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में रेजिमेंट की बैंड की धुन के बीच आन बान शान की कसम लेकर 188 जवान भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने.

कुमाऊं रेजीमेंट

अल्मोड़ा: भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया हैं. मातृभूमि की आन, बान व शान की रक्षा के लिए भारतीय सेना को 188 जांबाज मिल गए हैं. कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय रानीखेत में सेना के सोमनाथ ग्राउंड में आयोजित पासिंग आउट परेड के कुमाऊं रेजीमेंट के 188 रिक्रूट भारतीय सेना के अंग बने. देशभक्ति से ओतप्रोत बैंड की धुन पर कदमताल करते इन सैनिकों ने अंतिम पग भरे.

इस दौरान कमांडेंट के आरसी ब्रिगेडियर जीएस राठौड़ ने रेजिमेंट की गौरवशाली परंपरा को बुलंदियों तक पहुंचाने का संदेश दिया. साथ ही युवाओं के सेना में भर्ती होकर देश सेवा के जज्बे की तारीफ भी की.

पढ़ें- मलबा हटाने की आड़ में ठेकेदार कर रहे अवैध खनन, प्रशासन पर भी लगे गंभीर आरोप

सेना के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में रेजिमेंट की बैंड की धुन के बीच आन बान शान की कसम लेकर 188 जवान भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने. धर्म गुरु पंडित सूबेदार दिनेश चंद्र जोशी ने राष्ट्रीय ध्वज व गीता को साक्षी मानकर जांबाजों को देश की रक्षा की शपथ दिलाई.

कुमाऊं रेजिमेंट को मिले 188 जवान

पढ़ें- Video: फड़ लगाने को लेकर दो महिलाओं में विवाद, बीच सड़क एक-दूसरे को जमकर पीटा

इससे पूर्व कमांडेंट बिग्रेडियर जीएस राठौर ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली. उन्होंने कहा कि जवानों ने सेना में शामिल होकर अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. देश की रक्षा के लिए जरुरत पड़ने पर प्राण भी न्यौछावर करने से पीछे नहीं हटने का संदेश देते हुए रेजिमेंट के गौरव को बरकरार रखने का आह्वान किया है. उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच जवानों को सम्मानित भी किया.

अल्मोड़ा: भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया हैं. मातृभूमि की आन, बान व शान की रक्षा के लिए भारतीय सेना को 188 जांबाज मिल गए हैं. कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय रानीखेत में सेना के सोमनाथ ग्राउंड में आयोजित पासिंग आउट परेड के कुमाऊं रेजीमेंट के 188 रिक्रूट भारतीय सेना के अंग बने. देशभक्ति से ओतप्रोत बैंड की धुन पर कदमताल करते इन सैनिकों ने अंतिम पग भरे.

इस दौरान कमांडेंट के आरसी ब्रिगेडियर जीएस राठौड़ ने रेजिमेंट की गौरवशाली परंपरा को बुलंदियों तक पहुंचाने का संदेश दिया. साथ ही युवाओं के सेना में भर्ती होकर देश सेवा के जज्बे की तारीफ भी की.

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सेना के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में रेजिमेंट की बैंड की धुन के बीच आन बान शान की कसम लेकर 188 जवान भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने. धर्म गुरु पंडित सूबेदार दिनेश चंद्र जोशी ने राष्ट्रीय ध्वज व गीता को साक्षी मानकर जांबाजों को देश की रक्षा की शपथ दिलाई.

कुमाऊं रेजिमेंट को मिले 188 जवान

पढ़ें- Video: फड़ लगाने को लेकर दो महिलाओं में विवाद, बीच सड़क एक-दूसरे को जमकर पीटा

इससे पूर्व कमांडेंट बिग्रेडियर जीएस राठौर ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली. उन्होंने कहा कि जवानों ने सेना में शामिल होकर अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. देश की रक्षा के लिए जरुरत पड़ने पर प्राण भी न्यौछावर करने से पीछे नहीं हटने का संदेश देते हुए रेजिमेंट के गौरव को बरकरार रखने का आह्वान किया है. उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच जवानों को सम्मानित भी किया.

Intro:सेना को मिले जाबांज

भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक अध्याय और जुड़ गया। मातृभूमि की आन, बान व शान की रक्षा के लिए भारतीय सेना को 188 जांबाज मिल गए है। कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय रानीखेत में सेना के सोमनाथ ग्राउंड में आयोजित पासिंग आउट परेड के कुमाऊं रेजीमेंट के 188 रिक्रुट भारतीय सेना के अंग बने। देशभक्ति से ओतप्रोत बैंडधुन पर कदमताल करते इन सैनिकों ने अंतिम पग भरे। कमांडेंट केआरसी ब्रिगेडियर जीएस राठौड़ ने रेजिमेंट की गौरवशाली परंपरा को बुलंदियों तक पहुंचाने का संदेश दिया। साथ ही युवाओं के सेना में भर्ती होकर देश सेवा के जज्बे की तारीफ भी की।
Body:सेना के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में रेजिमेंट की बैंडधुन के बीच आन बान शान की कसम लेकर 188 जवान भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने। धर्म गुरु पंडित सूबेदार दिनेश चंद्र जोशी ने राष्ट्रीय ध्वज व गीता को साक्षी मानकर जांबाजों को देश के लिए मर मिटने की शपथ दिलाई। इससे पूर्व कमांडेंट बिग्रेडियर जीएस राठौर ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। उन्होंने कहा कि जवानों ने सेना में शामिल होकर अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। देश की रक्षा के लिए जरुरत पड़ने पर प्राण भी न्यौछावर करने से पीछे नहीं हटने का संदेश देते हुए रेजिमेंट के गौरव को बरकरार रखने का आह्वान किया है। उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच जवानों को सम्मानित भी किया।
बाईट - जीएस राठौड़, कमांडेंट केआरसी ब्रिगेडियर Conclusion:
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